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प्रधानमंत्री और सरकार चुनने के तरीके के बाद मोदी ने दिये वोटिंग के टिप्स

    • आईचौक
    • Updated: 01 अप्रिल, 2019 03:57 PM
  • 01 अप्रिल, 2019 03:57 PM
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2019 के पहले महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि देश का 'प्रधानसेवक' कैसा होना चाहिये. दूसरे महीने, संसद में बताया कि देश को कैसी सरकार चुननी चाहिये. अब तीसरे महीने, मोदी ने लोगों को वोटिंग के टिप्स दिये हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अब तक सिर्फ राहुल गांधी दो-दो हाथ करने को तैयार दिखते रहे. अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी सीधे प्रधानमंत्री मोदी से टकराने और टारगेट करने लगी हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी बगैर कोई नाम लिए बड़े ही सोफियाने तरीके से जवाब दिया है. हाल ही में प्रियंका वाड्रा ने लोगों से खूब सोच समझ कर अपने फायदे के हिसाब से वोट देने की अपील की थी. अब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भी लोगों के लिए वोटिंग टिप आ गयी है.

लोगों को वोटिंग टिप देने से पहले प्रधानमंत्री इस बात की भी सलाह दे चुके हैं कि देश का प्रधानमंत्री कैसा होना चाहिये - और देश में अगली सरकार कैसी चुनी जानी चाहिये.

देखा जाये तो प्रधानमंत्री मोदी ने वोट डालने से पहले लोगों के लिए होम वर्क दे दिया है - होम वर्क तो वैसे भी किसी भी काम में कामयाबी के लिए जरूरी होता है, लेकिन मामला देश के लिए सरकार चुनने का हो तो सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है.

वोट देने का फैसला कैसे करें?

दिल्ली में इसी साल जनवरी में बीजेपी कार्यकारिणी दो दिन मीटिंग हुई थी - जिसमें अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के लिए गाइडलाइन और प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को प्रधानमंत्री चुनने के लिए पैमाने सुझाये थे.

सवाल ये रहा कि देश का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाना चाहिये? क्या सवाल होने चाहिये ये भी मोदी ने बताये - और उसके बाद ही सोच समझ कर फैसला करने को कहा. मोदी की सलाह थी कि विकल्पों पर ठीक से सोचने समझने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिये - और वोट देने से पहले खुद से भी ऐसे सवाल करने चाहिये.

प्रधानमंत्री चुनने को लेकर मोदी ने आखिर में सलाह भी दी, 'जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिए की देश को कैसा प्रधानसेवक चाहिये?'

संसद सत्र के आखिर में और हाल फिलहाल भी कई रैलियों में प्रधानमंत्री एक बात का जिक्र जरूर करते हैं कि देश में कैसी सरकार होनी चाहिये? प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि पहले तो ये तय करना होगा कि देश को मजबूत सरकार चाहिये या मजबूर सरकार होनी...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अब तक सिर्फ राहुल गांधी दो-दो हाथ करने को तैयार दिखते रहे. अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी सीधे प्रधानमंत्री मोदी से टकराने और टारगेट करने लगी हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी बगैर कोई नाम लिए बड़े ही सोफियाने तरीके से जवाब दिया है. हाल ही में प्रियंका वाड्रा ने लोगों से खूब सोच समझ कर अपने फायदे के हिसाब से वोट देने की अपील की थी. अब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भी लोगों के लिए वोटिंग टिप आ गयी है.

लोगों को वोटिंग टिप देने से पहले प्रधानमंत्री इस बात की भी सलाह दे चुके हैं कि देश का प्रधानमंत्री कैसा होना चाहिये - और देश में अगली सरकार कैसी चुनी जानी चाहिये.

देखा जाये तो प्रधानमंत्री मोदी ने वोट डालने से पहले लोगों के लिए होम वर्क दे दिया है - होम वर्क तो वैसे भी किसी भी काम में कामयाबी के लिए जरूरी होता है, लेकिन मामला देश के लिए सरकार चुनने का हो तो सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है.

वोट देने का फैसला कैसे करें?

दिल्ली में इसी साल जनवरी में बीजेपी कार्यकारिणी दो दिन मीटिंग हुई थी - जिसमें अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के लिए गाइडलाइन और प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को प्रधानमंत्री चुनने के लिए पैमाने सुझाये थे.

सवाल ये रहा कि देश का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाना चाहिये? क्या सवाल होने चाहिये ये भी मोदी ने बताये - और उसके बाद ही सोच समझ कर फैसला करने को कहा. मोदी की सलाह थी कि विकल्पों पर ठीक से सोचने समझने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिये - और वोट देने से पहले खुद से भी ऐसे सवाल करने चाहिये.

प्रधानमंत्री चुनने को लेकर मोदी ने आखिर में सलाह भी दी, 'जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिए की देश को कैसा प्रधानसेवक चाहिये?'

संसद सत्र के आखिर में और हाल फिलहाल भी कई रैलियों में प्रधानमंत्री एक बात का जिक्र जरूर करते हैं कि देश में कैसी सरकार होनी चाहिये? प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि पहले तो ये तय करना होगा कि देश को मजबूत सरकार चाहिये या मजबूर सरकार होनी चाहिये? मोदी का कहना है कि 21 सदी में भारत को मजबूत बनाने वाली सरकार की देश को जरूरत है. संसद में प्रधानमंत्री के भाषण में इस बात पर भी जोर रहा कि बहुमत की सरकार होने का दुनिया भर में असर दिखता है. जब भी देश का प्रधानमंत्री किसी दूसरे मुल्क में जाता है तो उसके प्रति धारणा बनती है कि वो देश के मैंडेट के साथ आया है.

ताकि सनद रहे...

कांग्रेस को मजबूत करने के मिशन पर निकलीं महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी लोगों से सोच समझ कर वोट डालने की अपील कर रही हैं. प्रियंका वाड्रा कहती हैं कि सब लोग समझदारी से वोट दें, अपने फायदे के लिए वोट करें, अपनी तरक्की के लिए वोट करें, अपने अधिकारों के लिए वोट करें और उन मुद्दों के लिए वोट करें जो उनके लिए खास तौर पर मायने रखते हों.

प्रधानमंत्री मोदी की भी सलाह ऐसी ही है लेकिन वो दो कदम आगे बढ़ कर टिप्स देते हैं - दरअसल, मोदी ने चुनावी टिप्स के साथ लोगों के लिए होम वर्क भी दे दिया है.

वोटिंग से पहले मोदी ने दिये होम वर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो लोगों को वोट डालने से पहले जैसे होम वर्क ही दे डाला है. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि वे पांच साल पहले भारत की ग्लोबल स्टैंडिंग और मौजूदा स्थिति की पहले तुलना करें - और तभी कोई फैसला और फिर देश के भविष्य का फैसला करें.

A-SAT परिक्षण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि तमाम वैज्ञानिक बता चुके हैं कि कब से देश के पास ऐसी क्षमता थी. अगर कहीं कोई कमी रही तो राजनीतिक इच्छाशक्ति और निर्णय लेने वाले नेतृत्व की. मोदी के अनुसार ये काम बहुत पहले हो जाना चाहिये था, लेकिन जो निर्णय नहीं ले पाये वे ही आज इसके परीक्षण पर सवाल उठा रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'राष्ट्र के लिए बड़े और कड़े फैसलों को कल पर टालना आपराधिक लापरवाही है.'

प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश की जनता ऐसे ही कुछ पैमाने तय करे और पांच साल में देश में हुए बदलाव और उसी के हिसाब से आगे भारत की ग्लोबल स्टैंडिंग को देखते हुए वोट डालने का फैसला करे.

एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख तौर पर 5 बिंदुओं में अपनी सरकार के 5 साल की उपलब्धियां बतायीं - जो लोगों के लिए वोटिंग का पैमाना तय करने में मददगार साबित हो सके.

1. प्रधानमंत्री ने कहा, 'पहले दुनिया नियम बनाती थी और भारत को उसका पालन करना पड़ता था. आज हमारा देश दुनिया के नियम बनाने में अहम भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है.'

2. प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज जब हम आत्मरक्षा के लिए सीमा पार कर आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारते हैं, तो पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी हो जाती है. क्या 5 वर्ष पहले ऐसा संभव था?'

3. प्रधानमंत्री ने कहा, 'कालेधन पर एसआईटी बनाने को लेकर पिछली सरकार तीन साल तक टालती रही. हमने आते ही इस पर फैसला लिया. मोदी ने बताया, 'मॉरिशस जैसे तमाम देशों के साथ हमने समझौते को फिर से किया. भारत को मिलने वाली जानकारी का दायरा बढ़ाया. अब तो हमें स्विटजरलैंड से भी रीयल टाइम जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी.'

4. प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत ने IBC के तौर पर ऐसा कानून बनाया है जिसके बाद अब ये सुनिश्चित हुआ है कि अगर बैंक से कर्ज लिया है तो वो हर हाल में लौटना ही होगा. IBC को बने अभी 2 साल भी नहीं हुए हैं, इतने कम समय में ही बैंकों के लगभग 300 करोड़ रुपये वापस आ चुके हैं.'

5. प्रधानमंत्री ने कहा, 'बीते 5 वर्षों में हमारी सरकार ने रिजर्व बैंक और सरकारी/प्राइवेट बैंकों के साथ मिलकर देश को फोन बैंकिंग घोटाले से उभारा है. अब कोई बैंकों का पैसा लेकर बैठ नहीं सकता.'

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के दावे के साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया कि आधार आया तो 8 करोड़ जो मलाई खा रहे थे जो बंद हो गया. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक, DBT से एक लाख 10 हजार करोड़ गलत हाथों में जाने से बचाए गये हैं.

वोट दो, मगर सोच समझ कर...

DBT को लेकर प्रधानमंत्री ने समझाया कि ये गफलत पालने की जरूरत नहीं है कि ये सिर्फ मोदी सरकार की देन है क्योंकि वो पहले से प्रैक्टिस में रहा है. मोदी के मुताबिक बस DBT का मतलब बदल गया है, 'डीबीटी हमारा भी हैं, उनका भी था. हमारे लिए ये 'डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर' है और उनके लिए इसका मतलब 'डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर' रहा.'

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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