• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

GST से रोते गुजरातियों को पीएम ने दिया रो-रो का तोहफा

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 22 अक्टूबर, 2017 08:00 PM
  • 22 अक्टूबर, 2017 08:00 PM
offline
नरेंद्र मोदी सूरत के नाराज़ व्यापारी वर्ग को विकास के द्वारा प्रसन्न करना चाहते हैं. यह देखना होगा की आगामी राज्य चुनाव में पीएम को अपनी इन योजनाओं के उद्घाटन का फल मिलता है या नहीं?

प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी 16 अप्रैल 2017 को सूरत गए थे. पटेल समुदाय के गढ़ में मोदी ने 11 किलोमीटर लंबा रोड शो किया. इस रोड शो को जनता का भरपूर समर्थन मिला था. 2015 में सूरत, दक्षिण गुजरात ने एक उग्र पाटीदार आंदोलन देखा था. पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई पुलिस कार्रवाही और अपनी अधर में लटकी आरक्षण की मांग के बावज़ूद पटेल समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो को सफल बनाया था.

गुजरात एक सरहदी राज्य है. एक समय था जब असामाजिक तत्वों द्वारा गुजरात में हथियारों की तस्करी होती थी. यह गुट गुजरात की जनता को परेशान करते थे और देश में आतंक फैलते थे. गुजरात के व्यापारी डर के माहौल में रहने के लिए मजबूर थे. राज्य की क़ानून व्यवस्था पर गहरे प्रश्न चिन्ह लगे थे. 1995 में गुजरात में भाजपा की सरकार बनने के बाद से क़ानून व्यवस्था में बहुत सुधार देखा गया है. गुजरात में अपराध नियंत्रण में है और व्यापारी वर्ग बिना किसी भय के अपना व्यापार कर पा रहा है.

जीएसटी की आग पर रो-रो का पानी फेरने की फिराक में हैं पीएम

सूरत हीरे की कटाई और वस्त्र उद्योग का बहुत बड़ा गढ़ है. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में क़ानून व्यवस्था सुधार कर नरेंद्र मोदी ने सूरत के व्यापारियों का विश्वास जीता था. नरेंद्र मोदी का इस क्षेत्र में सम्मान अपने काम की बदौलत है. लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से सूरत के व्यापारी वर्ग में रोष भी देखा गया है. इससे भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की साख पर असर पड़ा है.

प्रधानमंत्री सूरत में अपने प्रति विश्वास पैदा कराने के लिए फिर से विकास का सहारा ले रहे हैं. इस कड़ी में पहले बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास और अब रोल ऑन/रोल ऑफ (रो-रो) फेरी सेवा की शुरूआत करना है. रो-रो फेरी योजना के द्वारा घोघा (भावनगर) से दहेज (भरूच) की...

प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी 16 अप्रैल 2017 को सूरत गए थे. पटेल समुदाय के गढ़ में मोदी ने 11 किलोमीटर लंबा रोड शो किया. इस रोड शो को जनता का भरपूर समर्थन मिला था. 2015 में सूरत, दक्षिण गुजरात ने एक उग्र पाटीदार आंदोलन देखा था. पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई पुलिस कार्रवाही और अपनी अधर में लटकी आरक्षण की मांग के बावज़ूद पटेल समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो को सफल बनाया था.

गुजरात एक सरहदी राज्य है. एक समय था जब असामाजिक तत्वों द्वारा गुजरात में हथियारों की तस्करी होती थी. यह गुट गुजरात की जनता को परेशान करते थे और देश में आतंक फैलते थे. गुजरात के व्यापारी डर के माहौल में रहने के लिए मजबूर थे. राज्य की क़ानून व्यवस्था पर गहरे प्रश्न चिन्ह लगे थे. 1995 में गुजरात में भाजपा की सरकार बनने के बाद से क़ानून व्यवस्था में बहुत सुधार देखा गया है. गुजरात में अपराध नियंत्रण में है और व्यापारी वर्ग बिना किसी भय के अपना व्यापार कर पा रहा है.

जीएसटी की आग पर रो-रो का पानी फेरने की फिराक में हैं पीएम

सूरत हीरे की कटाई और वस्त्र उद्योग का बहुत बड़ा गढ़ है. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में क़ानून व्यवस्था सुधार कर नरेंद्र मोदी ने सूरत के व्यापारियों का विश्वास जीता था. नरेंद्र मोदी का इस क्षेत्र में सम्मान अपने काम की बदौलत है. लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से सूरत के व्यापारी वर्ग में रोष भी देखा गया है. इससे भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की साख पर असर पड़ा है.

प्रधानमंत्री सूरत में अपने प्रति विश्वास पैदा कराने के लिए फिर से विकास का सहारा ले रहे हैं. इस कड़ी में पहले बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास और अब रोल ऑन/रोल ऑफ (रो-रो) फेरी सेवा की शुरूआत करना है. रो-रो फेरी योजना के द्वारा घोघा (भावनगर) से दहेज (भरूच) की दूरी 310 किलोमीटर से घटकर केवल 31 किलोमीटर रह जाएगी. पहले सड़क द्वारा इस सफ़र में 8 से 9 घंटे लगते थे, जो अब जल मार्ग के द्वारा 1 से 1.5 घंटे में पूरा हो जाएगा. पहले चरण में केवल लोग ही इस मार्ग से यात्रा कर पाएंगे. वहीं दूसरे चरण में फेरी पर कार, बस और ट्रक के साथ 250 यात्री सफर कर पाएंगे.

यह परियोजना सौराष्ट्र को दक्षिण गुजरात और मुंबई के निकट ले आएगी. दक्षिण गुजरात के सूरत में काम करने वाले हीरा व्यापारी मूलतः सौराष्ट्र के रहने वाले हैं. इस परियोजना से व्यापारी समुदाय अपने घर आसानी से जा पाएंगे. गुजराती लोग घूमने फिरने के भी शौकीन होते हैं. अतः यह सेवा मनोरंजन का भी साधन बनने वाली है.

इस योजना की शुरूआत से नरेंद्र मोदी सूरत के नाराज़ व्यापारी वर्ग को विकास के द्वारा प्रसन्न करना चाहते हैं. यह देखना होगा की आगामी राज्य चुनाव में पीएम को इन योजनाओं के उद्घाटन का फल मिलता है या नहीं?

ये भी पढ़ें-

बीजेपी का 'कांग्रेस मुक्त भारत' में कांग्रेसियों का योगदान

क्या राहुल गांधी का तेज-तर्रार सोशल मीडिया अवतार फर्जी लोगों के सहारे है ?

कांग्रेस की वापसी क्या अच्छे दिनों का संकेत है ?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲