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मोदी के एक फैसले से डर सकते हैं पाक और चीन!

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 02 अप्रिल, 2017 02:23 PM
  • 02 अप्रिल, 2017 02:23 PM
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पाकिस्तान में आतंकी और चीन का उसको सपोर्ट करना उसी के लिए गलत साबित हो सकता है. क्योंकि मोदी की एक फैसले से दोनों देशों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.

मोदी का कद भारत में ही नहीं दुनिया में दिखने लगा है. पीएम मोदी के चर्चे भारत में तो है ही साथ ही दुनिया में भी हैं. पाकिस्तान में आतंकी और चीन का उसको सपोर्ट करना उसी के लिए गलत साबित हो सकता है. एनएसजी की सदस्यता को लेकर भारत की दावेदारी में अडंगा लगाने के बाद चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मौहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने की भारत की मुहिम को बड़ा झटका दिया है.

चीन के उप विदेश मंत्री ने भारत को नसीहत दी है कि भारत राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की मुहिम न छेड़े और बोला है कि चीन ऐसी किसी मुहिम का हिस्सा नहीं बनेगा. बता दें, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिशद के 14 देश भारत के साथ हैं, लेकिन चीन ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया है और भारत के इस मुद्दे का विरोध किया है. अब मोदी के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि वो पाकिस्तान और चीन से कैसे निपटे. एक सीमा पार आतंकवादी भेजकर रोज मुश्किलें खड़ी कर रहा है तो दूसरा उसे बचाने की कोशिश कर रहा है.

अगर मसूद अजहर को आतंकी घोषित किया जाता है तो बाकी देशों की तरह पाकिस्तान को भी मसूद अजहर पर पाबंदी लगानी होगी, इसलिए पाकिस्तान उसे आतंकी घोषित करने के लिए खिलाफ है. बता दें, कुछ महीने पहले चीन ने इस पर अडंगा लगाया था और अब फिर चीन ने आतंकवाद के दौहरे रवैये का सबूत दे दिया है. भारत संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क कर, इसकी आलोचना कर चुका है. लेकिन इससे ना पाकिस्तान को फर्क पड़ा और न चीन को. 

ऐसे कर सकता है भारत चीन पर चोट

भारत मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स पर वैसे ही सख्त हो चुका है, इसका नतीजा निकला कि दुनिया ने...

मोदी का कद भारत में ही नहीं दुनिया में दिखने लगा है. पीएम मोदी के चर्चे भारत में तो है ही साथ ही दुनिया में भी हैं. पाकिस्तान में आतंकी और चीन का उसको सपोर्ट करना उसी के लिए गलत साबित हो सकता है. एनएसजी की सदस्यता को लेकर भारत की दावेदारी में अडंगा लगाने के बाद चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मौहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने की भारत की मुहिम को बड़ा झटका दिया है.

चीन के उप विदेश मंत्री ने भारत को नसीहत दी है कि भारत राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की मुहिम न छेड़े और बोला है कि चीन ऐसी किसी मुहिम का हिस्सा नहीं बनेगा. बता दें, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिशद के 14 देश भारत के साथ हैं, लेकिन चीन ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया है और भारत के इस मुद्दे का विरोध किया है. अब मोदी के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि वो पाकिस्तान और चीन से कैसे निपटे. एक सीमा पार आतंकवादी भेजकर रोज मुश्किलें खड़ी कर रहा है तो दूसरा उसे बचाने की कोशिश कर रहा है.

अगर मसूद अजहर को आतंकी घोषित किया जाता है तो बाकी देशों की तरह पाकिस्तान को भी मसूद अजहर पर पाबंदी लगानी होगी, इसलिए पाकिस्तान उसे आतंकी घोषित करने के लिए खिलाफ है. बता दें, कुछ महीने पहले चीन ने इस पर अडंगा लगाया था और अब फिर चीन ने आतंकवाद के दौहरे रवैये का सबूत दे दिया है. भारत संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क कर, इसकी आलोचना कर चुका है. लेकिन इससे ना पाकिस्तान को फर्क पड़ा और न चीन को. 

ऐसे कर सकता है भारत चीन पर चोट

भारत मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स पर वैसे ही सख्त हो चुका है, इसका नतीजा निकला कि दुनिया ने चाइना के प्रोडक्ट्स से ज्यादा मेड इन इंडिया के प्रोडक्ट्स को ठीक समझा. मेड इन कंट्री इनडेक्स ने भी भारत के मेड इन इंडिया को 42वां स्थान दिया तो वहीं चाइना को 49वां स्थान दिया. अभी भी चीन का भारत के साथ 100 अरब डॉलर से ज्यादा का बिजनेस है. अब मोदी चाहें तो चाइना को इसमें उसे बड़ा झटका दे सकता है. मेड इन चाइना पर सख्ती कर मोदी ने अंदेशा भी दे दिया है वो जल्द चीन से बिजनेस पर भी बड़ा फैसला ले सकते हैं.

डोनाल्ड ट्रम्प की मोदी से नजदीकियां

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान वैसे ही अगल पड़ता नजर आ रहा है. भारत ही नहीं अमेरिका भी इसके विरोध में है. ऐसे में मोदी ट्रम्प के साथ मिलकर पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को झटका दे सकते हैं. क्योंकि भारत के लिए अमेरिका और डोनाल्ड ट्रम्प का पॉजिटिव रिस्पॉन्स है. अगर भारत अमेरिका के साथ मिलकर दोनों देशों के खिलाफ खड़े हो गए तो चीन का दुनिया में बिजनेस ठप हो जाएगा. अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि मोदी की इन दोनों देशों से निपटने के लिए क्या प्लानिंग होगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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