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Pandora Paper Leak: टैक्स चोर 'करीबियों' के चलते इमरान खान दबाव में

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2021 01:26 PM
  • 05 अक्टूबर, 2021 01:26 PM
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Pandora Papers Leak ने पाकिस्तान में इमरान खान के सामने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. टैक्स चोरी के मद्देनजर जिस तरह शक की सुई इमरान खान के करीबियों पर है और जैसे उन्होंने विदेशों में निवेश किया है नौबत इमरान खान के कुर्सी छोड़ने तक की आ सकती है.

अभी बीते दिनों ही अमेरिका में भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुंह की खा चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला पैंडोरा पेपर्स लीक होने के बाद मचे सियासी घमासान का है. पैंडोरा पेपर्स में दुनिया भर में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के गुप्त वित्तीय लेन-देन का हिसाब किताब है. जिसे लेकर वो हुआ है, जिसके बारे में इमरान खान या उनकी सरकार ने शायद ही कभी कल्पना की हो. मामले में दिलचस्प ये है कि इस खुलासे में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबियों का तो नाम है ही. साथ ही विपक्ष के लोगों और सेना के कई आला अधिकारीयों समेत 700 लोगों के नाम सामने आए हैं. बात प्रमुख नामों की हो तो इमरान सरकार में वित्त मंत्री शौकत तारिन, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सांसद फैसल वावड़ा, उद्योग और उत्पादन मंत्री खुसरो बख्तियार वो लोग हैं जो पंडोरा पेपर्स के जाल में फंसे हैं.

पैंडोरा पेपर्स लीक ने पाकिस्तान में इमरान खान को एक नई तरह की मुसीबत में डाल दिया है

क्या है पैंडोरा पेपर्स लीक मामला?

मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पैंडोरा पेपर्स लीक सबकी जुबान पर है. तो आखिर पैंडोरा पेपर है क्या? पैंडोरा पेपर 14 कॉरपोरेट सर्विस फर्म्स की ओर से लीक हुईं 1.19 करोड़ गुप्त फाइलें हैं. दिलचस्प ये है कि फाइलों में इन 14 सर्विस फर्म्स की ओर से खड़ी की गई 29,000 ऑफ-द-शेल्फ कंपनियों और प्राइवेट ट्रस्टों के नाम हैं, जिनके निर्माण का प्रमुख उद्देश्य टैक्स चोरी था.

जो बात आश्चर्य में डालती है वो ये कि इन ऑफ-द-शेल्फ कंपनियों को रिकॉर्ड छिपाने के लिए सिर्फ टैक्स हेवन देशों में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी बनाया गया था....

अभी बीते दिनों ही अमेरिका में भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुंह की खा चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला पैंडोरा पेपर्स लीक होने के बाद मचे सियासी घमासान का है. पैंडोरा पेपर्स में दुनिया भर में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के गुप्त वित्तीय लेन-देन का हिसाब किताब है. जिसे लेकर वो हुआ है, जिसके बारे में इमरान खान या उनकी सरकार ने शायद ही कभी कल्पना की हो. मामले में दिलचस्प ये है कि इस खुलासे में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबियों का तो नाम है ही. साथ ही विपक्ष के लोगों और सेना के कई आला अधिकारीयों समेत 700 लोगों के नाम सामने आए हैं. बात प्रमुख नामों की हो तो इमरान सरकार में वित्त मंत्री शौकत तारिन, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सांसद फैसल वावड़ा, उद्योग और उत्पादन मंत्री खुसरो बख्तियार वो लोग हैं जो पंडोरा पेपर्स के जाल में फंसे हैं.

पैंडोरा पेपर्स लीक ने पाकिस्तान में इमरान खान को एक नई तरह की मुसीबत में डाल दिया है

क्या है पैंडोरा पेपर्स लीक मामला?

मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पैंडोरा पेपर्स लीक सबकी जुबान पर है. तो आखिर पैंडोरा पेपर है क्या? पैंडोरा पेपर 14 कॉरपोरेट सर्विस फर्म्स की ओर से लीक हुईं 1.19 करोड़ गुप्त फाइलें हैं. दिलचस्प ये है कि फाइलों में इन 14 सर्विस फर्म्स की ओर से खड़ी की गई 29,000 ऑफ-द-शेल्फ कंपनियों और प्राइवेट ट्रस्टों के नाम हैं, जिनके निर्माण का प्रमुख उद्देश्य टैक्स चोरी था.

जो बात आश्चर्य में डालती है वो ये कि इन ऑफ-द-शेल्फ कंपनियों को रिकॉर्ड छिपाने के लिए सिर्फ टैक्स हेवन देशों में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी बनाया गया था. मामले के मद्देनजर जो पेपर्स आईसीआईजे की तरफ से सामने लाए गए हैं, उनमें प्राइवेट ट्रस्टों के जरिए बड़े लोगों की विदेशों में जमा संपत्ति और निवेश से जुड़े खुलासे किए गए हैं. इनमें कैश, शेयर्स और रियल एस्टेट में किए गए निवेश की भी जानकारी शामिल है.

आखिर हुआ क्या जिसके बाद पाकिस्तान में मची अफरा तफरी

बात बीते दिनों की है. जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने ‘पैंडोरा पेपर’ का राज फाश किया है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के रिश्‍तेदार इशाक डार, पीपीपी के शरजील मेमन, का भी नाम है. इसके अलावा कुछ रिटायर फौजी, बिजनेसमैन और मीडिया कंपनी के मालिकों के नाम भी पैंडोरा पेपर में सामने आए हैं.

'नए पाकिस्तान' के नाम पर खूब ठगा इमरान ने

पाकिस्तान में गड़बड़ घोटाला कोई आज का नहीं है बेईमानी और टैक्स चोरी के इस खेल की शुरुआत पाकिस्तान में 5 साल पहले तब हुई जब मुल्क का निजाम नवाज शरीफ के पास था. पूर्व में हम पनामा पेपर लीक से अवगत हो चुके हैं जिसमें नवाज शरीफ समेत दुनियाभर के कई प्रमुख लोगों के नाम टैक्स चोरी के मामले में सामने आए थे.

इसे चुनाव के दौरान पाकिस्तान में इमरान खान ने खूब कैश किया और जनता से तमाम तरह के कसमें वादे किये. माना जाता है कि इन्हीं वादों और 'नए पाकिस्तान' के लॉलीपॉप से जनता इमरान के जाल में फंसी और अंत में वो देश के प्रधानमंत्री बने.

इमरान के पीएम बनने से जनता को तो कोई फायदा नहीं हुआ हां लेकिन जो इमरान खान के करीबी थे उनके वारे न्यारे जरूर हुए.

लीक हुए पेपर्स में इस बात का जिक्र है कि इमरान खान के करीबियों के परिजनों ने गुपचुप तरीके से धन विदेशों में निवेश किया. ध्यान रहे इन टैक्स चोरों में वो लोग भी शामिल हैं जिन्‍होंने मौके बेमौके इमरान खान को वित्‍तीय मदद दी. चूंकि मामला पाकिस्तान समेत पूरी हाई लाइट है इसलिए मामले पर इमरान खान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

मामले पर इमरान ने अपना पक्ष रखा है.

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा है कि जिन लोगों का नाम पैंडोरा पेपर्स लीक में आया है उनकी जांच की जाएगी. यदि वो दोषी पाने जाते हैं तो उनपर उचित एक्शन भी लिया जाएगा. इमरान ने पूरी इंटरनेशनल कम्युनिटी से अपील की है कि वो इस जरूरी मसले को जलवायु परिवर्तन की तरह ही गंभीरता से लें.

पैंडोरा पेपर का स्वागत करते इमरान करीबियों के गले में फंसी हड्डी हैं.

चूंकि इस मामले में सीधे सीधे इमरान खान पर आरोप लग रहे हैं इसलिए उन्होंने ट्विटर पर सफाई दी है. इमरान ने ट्वीट किया है कि, 'हम पैंडोरा पेपर का स्वागत करते हैं जिसने गलत तरह से संपत्ति इकट्ठा करने वाले अमीरों का सच उजागर किया है, टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार की है और वित्तीय हेवंस में हवाला के रास्ते पैसा पहुंचाया है. वहीं इमरान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के FACTI का भी जिक्र किया जिसका दावा है कि करीब 7 ट्रिलियन डॉलर की संपत्तिचोरी करके विदेशों में जमा की गयी है.

बहरहाल क्योंकि पैंडोरा पेपर्स लीक मामले में निशाना सीधे सीधे इमरान खान के करीबियों पर लग रहा है. तो माना ये भी जा रहा है कि इस मामले की आंच इमरान खान और उनकी कुर्सी को भी प्रभावित करेगी. पैंडोरा पेपर्स लीक मामले को लेकर जैसा घमासान मचा है कहना गलत नहीं है कि इमरान खान को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ सकती है.

विदेशों में जमा करीबियों की रकम इमरान को कितने कष्ट देगी इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा लेकिन मामले के बाद ये कहना भी गलत नहीं है कि टैक्स चोरी के लिए विदेशों की आड़ लेने वाले इमरान के करीबियों ने बता दिया है कि अपना फायदा सर्वोपरि है. मुल्क और ईमानदारी की बड़ी बड़ी बातें जाएं भाड़ में.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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