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नवाज शरीफ बच निकले तो विरोधी सनी देओल बन गए हैं !

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 20 अप्रिल, 2017 03:06 PM
  • 20 अप्रिल, 2017 03:06 PM
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तारीख पे तारीख... जी हां, पनामा पेपर्स लीक मामले में नवाज शरीफ पर चल रहे मुकदमे गुरुवार को स्‍पष्‍ट फैसला न आ पाने कारण लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा है. पाकिस्‍तान में सनी देओल वाले फोटो लोग ट्वीट कर रहे हैं.

ठीक साल भर पहले यानी अप्रैल 2016 में पनामा में गैरकानूनी ढंग से पैसों का निवेश करने वाले दुनियाभर के रसूखदारों की सूची दुनिया के सामने आ गई थी. अपना नाम आने के कारण आईसलैंड के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया था. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ पद पर बने रहे. पाकिस्‍तान में इमरान खान और पीपीपी के आसिफ अली जरदारी उनसे इस्‍तीफे की मांग करते रहे. गुरुवार को इस मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. शरीफ बंधुओं को बरी नहीं किया गया है, लेकिन इसके बावजूद उनके विरोधी फैसले से मायूस हैं.

पांच जजों की बेंच ने 3-2 के बहुमत से इस मामले की जांच के लिए जेआईटी (ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम) बनाने को कहा है, जिनके सामने नवाज शरीफ और उनके भाई को पेश होना होगा. विरोधी इस फैसले को शरीफ बंधुओं के लिए बच निकलने वाली गली बता रहे हैं. जबकि शरीफ समर्थक अपने नेताओं को सजा न मिलने के कारण खुशी मना रहे हैं. पाकिस्‍तान में लोग बड़े पैमाने पर गुस्से में हैं.

पिछले साल अप्रैल में पनामा पेपर्स ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया था. और इस पर से पर्दा आज पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसला साथ उठ जाएगा. इस सुनवाई की खासियत ये है कि इस फैसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है. पाकिस्तान के कई राजनैतिक दलों (तहरीक-ए-इंसाफ, जमात-ए-इस्लामी, आवामी मुस्लिम लीग व अन्य दलों) ने नवाज शरीफ के खिलाफ याचिका दायर की थी.

ठीक साल भर पहले यानी अप्रैल 2016 में पनामा में गैरकानूनी ढंग से पैसों का निवेश करने वाले दुनियाभर के रसूखदारों की सूची दुनिया के सामने आ गई थी. अपना नाम आने के कारण आईसलैंड के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया था. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ पद पर बने रहे. पाकिस्‍तान में इमरान खान और पीपीपी के आसिफ अली जरदारी उनसे इस्‍तीफे की मांग करते रहे. गुरुवार को इस मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. शरीफ बंधुओं को बरी नहीं किया गया है, लेकिन इसके बावजूद उनके विरोधी फैसले से मायूस हैं.

पांच जजों की बेंच ने 3-2 के बहुमत से इस मामले की जांच के लिए जेआईटी (ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम) बनाने को कहा है, जिनके सामने नवाज शरीफ और उनके भाई को पेश होना होगा. विरोधी इस फैसले को शरीफ बंधुओं के लिए बच निकलने वाली गली बता रहे हैं. जबकि शरीफ समर्थक अपने नेताओं को सजा न मिलने के कारण खुशी मना रहे हैं. पाकिस्‍तान में लोग बड़े पैमाने पर गुस्से में हैं.

पिछले साल अप्रैल में पनामा पेपर्स ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया था. और इस पर से पर्दा आज पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसला साथ उठ जाएगा. इस सुनवाई की खासियत ये है कि इस फैसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है. पाकिस्तान के कई राजनैतिक दलों (तहरीक-ए-इंसाफ, जमात-ए-इस्लामी, आवामी मुस्लिम लीग व अन्य दलों) ने नवाज शरीफ के खिलाफ याचिका दायर की थी.

पाकिस्तान में इस फैसले का किस बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, इसका अंदाजा लोगों के ट्विटर रिएक्शन से लगाया जा सकता है. लोग बेचैनी से इस केस के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. यही नहीं क्रिकेटर से नेता बने और तकरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को लोग अभी से ही बधाईयां दे रहे हैं. कोई उन्हें सच्चा योद्धा बोल रहा है तो कोई अगला प्रधानमंत्री.

देखें कुछ ट्विटर रिएक्शन-

तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के असद उमर ने लिखा है- 'आज एक ऐतिहासिक फैसले का दिन है इंशाल्लाह. इस देश के सत्तारूढ़ अभिजात्य लोगों का उत्तरदायित्व तय करना हमारे देश में लंबे समय पेंडिग है. उम्मीद है कि ये आज से शुरू होगा.'

हज़ीफा फातिमा ने इमरान खान को धन्यवाद दिया है- इस दिन को संभव करने लिए बहुत धन्यवाद इमरान खान. कोई इस दिन की कल्पना भी कर सकता था? आपने हमें पाकिस्तानी होने पर गर्व का एहसास कराया है!

सोहेल अहमद ने लिखा है- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का मतलब होता है कानून में भरोसा. ये फैसला साबित कर देगा कि हमारा भरोसा सही था या गलत.

अरीबा बिलाल लिखती हैं- सभी की आंखें सुप्रीम कोर्ट पर टिकीं हैं. प्लीज हमें निराश मत कीजिएगा. आशा है कि आज हमें भ्रष्ट नवाज शरीफ और जरदारी से छुटकारा मिलेगा.

वहीं कुछ लोग नवाज का मजाक बनाने से भी नहीं चूक रहे. तो कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए भी इज्जत अफजाई करते दिख रहे हैं.

वहीं नवाज शरीफ की बेटी मरियम शरीफ ने ट्वीट करके अपने पिता को सपोर्ट करने वालों को धन्यवाद दिया है- फैसला चाहे जो भी आए. नवाज़ शरीफ के लिए लोगों के भारी समर्थन को देखकर बहुत खुश हूं. किसी भी नेता के लिए यह सबसे बेशकीमती संपत्ति होती है.

1990 के दशक में शरीफ ने लंदन में संपत्ति खरीदी थी और ये मुकदमा इसी का है. इस दौरान शरीफ दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. पनामा पेपर्स से इश बात की जानकारी मिली थी कि पाक प्रधानमंत्री के बच्चों के स्वामित्व वाली कुछ कंपनियां हैं जो बाहरी मुल्कों में कारोबार कर रही हैं, जिनका लेनदेन लाखों डॉलर में है. उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट दोपहर करीब 2 बजे फैसला सुनाएगी.

एक कहावत है कि ऊपर वाले घर देर है अंधेर नहीं. जो सौदा नवाज ने 90 के दशक में अपना भविष्य संवारने के मकसद से किया था आज वही उनका वर्तमान और भविष्य दोनों खत्म करने के लिए तैयार है. देखते हैं कि ऊंट किस करवट बैठता है कितने जोर की चोट नवाज साहब को लगती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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