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पाकिस्तान को मिलने जा रहे हैं प्रधानमंत्री इमरान 'मोदी' !

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 17 जुलाई, 2018 06:00 PM
  • 17 जुलाई, 2018 06:00 PM
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पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं और वहां प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं इमरान खान. इमरान पीएम मोदी की तरह ही राजनीति के खिलाड़ी हैं और इन 6 कारणों से प्रधानमंत्री बनने का दम-खम रखते हैं.

पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं. पड़ोसी मुल्क में नवाज़ शरीफ के गिरफ्तार होने से लेकर चुनावों में आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर भी जोरों पर है. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, मुद्दे इतने हैं कि पाकिस्तानी राजनीति में कुछ भी हो सकता है. इसी बीच इमरान खान अपने पॉलिटिकल एजेंडा को लेकर एकदम मुश्तैदी से कमान संभाले हुए हैं. इमरान खान जिस तरह से अपना पॉलिटिकल प्रचार कर रहे हैं उन्हें देखकर एक ही दमदार नेता की याद आती है. वो हैं नरेंद्र मोदी.

कुछ-कुछ मोदी की ही तरह इमरान खान भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की पूरी काबिलियत रखते हैं. कुछ खास बातें हैं जिन्हें देखकर लगता है कि इमरान खान ही अगले प्रधानमंत्री होंगे.

1. विवादों में नंबर वन...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हमेशा विवादों से घिरे रहे हैं. बेनजीर भुट्टो हों, नवाज शरीफ हों, युसुफ रज़ा गिलानी, राज़ा परवेज़ अशरफ हों या खुद इमरान खान हों पाकिस्तान में हमेशा प्रधानमंत्री विवादों में ही रहे हैं. छोटा हो या बड़ा प्रधानमंत्री का दामन पाक साफ नहीं रहा. ऐसे में इमरान खान भी इस लिस्ट में नंबर वन हैं.

पूर्व क्रिकेटर इमरान खान पर यौन शोषण से लेकर पत्नी को प्रताड़ित करने और भारत में नाजायज़ बच्चों तक कई आरोप लग चुके हैं. इससे ये तो पता चलता है कि इमरान खान प्लेब्वॉय वाली छवि रखते हैं.

2. तीन शादियां कर वर्चस्व साबित कर चुके हैं...

इमरान खान तीन शादियां कर चुके हैं और तीनों में ही कोई न कोई विवाद रहा है. पाकिस्तान के पुरुष प्रधान समाज में तीन शादियां करने वाला व्यक्ति कई लोगों के लिए माचो मैन कहा जा सकता है. तीन शादियां भले ही विवादों में ही घिरी हों, लेकिन फिर भी शादियां तो हैं ही. इमरान खान का ये प्लस प्वाइंट शायद उन्हें प्रधानमंत्री पद के करीब ले...

पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं. पड़ोसी मुल्क में नवाज़ शरीफ के गिरफ्तार होने से लेकर चुनावों में आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर भी जोरों पर है. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, मुद्दे इतने हैं कि पाकिस्तानी राजनीति में कुछ भी हो सकता है. इसी बीच इमरान खान अपने पॉलिटिकल एजेंडा को लेकर एकदम मुश्तैदी से कमान संभाले हुए हैं. इमरान खान जिस तरह से अपना पॉलिटिकल प्रचार कर रहे हैं उन्हें देखकर एक ही दमदार नेता की याद आती है. वो हैं नरेंद्र मोदी.

कुछ-कुछ मोदी की ही तरह इमरान खान भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की पूरी काबिलियत रखते हैं. कुछ खास बातें हैं जिन्हें देखकर लगता है कि इमरान खान ही अगले प्रधानमंत्री होंगे.

1. विवादों में नंबर वन...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हमेशा विवादों से घिरे रहे हैं. बेनजीर भुट्टो हों, नवाज शरीफ हों, युसुफ रज़ा गिलानी, राज़ा परवेज़ अशरफ हों या खुद इमरान खान हों पाकिस्तान में हमेशा प्रधानमंत्री विवादों में ही रहे हैं. छोटा हो या बड़ा प्रधानमंत्री का दामन पाक साफ नहीं रहा. ऐसे में इमरान खान भी इस लिस्ट में नंबर वन हैं.

पूर्व क्रिकेटर इमरान खान पर यौन शोषण से लेकर पत्नी को प्रताड़ित करने और भारत में नाजायज़ बच्चों तक कई आरोप लग चुके हैं. इससे ये तो पता चलता है कि इमरान खान प्लेब्वॉय वाली छवि रखते हैं.

2. तीन शादियां कर वर्चस्व साबित कर चुके हैं...

इमरान खान तीन शादियां कर चुके हैं और तीनों में ही कोई न कोई विवाद रहा है. पाकिस्तान के पुरुष प्रधान समाज में तीन शादियां करने वाला व्यक्ति कई लोगों के लिए माचो मैन कहा जा सकता है. तीन शादियां भले ही विवादों में ही घिरी हों, लेकिन फिर भी शादियां तो हैं ही. इमरान खान का ये प्लस प्वाइंट शायद उन्हें प्रधानमंत्री पद के करीब ले आए.

3. क्रिकेटर होने के कारण लोकप्रिय रहे हैं...

भारत और पाकिस्तान में क्रिकेटरों की क्या भूमिका है ये सभी जानते हैं. इमरान खान पूर्व क्रिकेटर होने के कारण ज्यादा लोकप्रिय रहे हैं. इमरान खान का पॉलिटिकल एजेंडा इस बार के इलेक्शन में काफी मजबूत दिख रहा है. ऐसे में उनकी लोकप्रियता कहीं न कहीं तो उनकी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में फायदा दिला सकती है.

4. राजनीति और ताने मारने में अव्वल हैं...

ये इमरान खान की ट्विटर अकाउंट के कुछ ट्वीट्स हैं. इसमें नवाज़ शरीफ पर आरोप भी दिख रहा है, इसमें सभी पॉलिटिकल पार्टियों को आदेश भी दिख रहा है और दूसरे देश के प्रधानमंत्री की बात कर खुद के देश के प्रधानमंत्री पर निशाना भी साधा हुआ है. इमरान खान के भाषण हों या फिर उनका ट्विटर अकाउंट ये सब कुछ देखने को मिलता है. राजनीति के हिसाब से देखें तो इमरान खान एक बेहद सधे हुए डिप्लोमैट नेता कहलाए जा सकते हैं जो आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अपनी कमान संभाले हुए हैं.

5. करप्शन में अभी तक नहीं फंसे हैं...

इमरान खान का पॉलिटिकल एजेंडा करप्शन के विरोध में है और यही एक विवाद है जिसमें इमरान खान अभी तक नहीं फंसे हैं. इमरान खान पर करप्शन का कोई चार्ज नहीं है और यही उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ का सबसे बड़ा मुद्दा भी है. उन्हें पाकिस्तान को करप्शन से दूर करना है. और यही एक पॉजिटिव बात है इमरान के बायोडेटा में जो शायद पाकिस्तानी आवाम को पसंद आ सकती है. कारण सीधा सा है, एक ऐसा प्रधानमंत्री जो विदेशों में जाए और कुछ बेहतर परफॉर्मेंस दे. साथ ही, जिसपर करप्शन का कोई चार्ज न लगा हो और वो बाकी डिपार्टमेंट से करप्शन हटाने की बात करे.

6. चुनावी वादों में मोदी से भी आगे...

चुनावी वादों में भी इमरान खान ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और वो पूरी तरह से खुद को साबित करने में लगे हुए हैं. इस कड़ी में इमरान खान ने ऐसे वादे कर दिए हैं जिन्हें शायद मोदी भी न कर पाएं. हम तो सिर्फ काले धन के इंतजार में हैं, लेकिन अगर इमरान खान प्रधानमंत्री बन गए तो पाकिस्तान किस-किस चीज़ के इंतजार में रहेगा मालूम है आपको?

ये हैं इमरान खान के वादे :

- पाकिस्तान की स्थिरता और अर्थव्यवस्था की बहाली.

- 1 करोड़ नौकरियां पैदा करेंगे - कृषि का विकास और जल सरंक्षण.

- सामाजिक सेवाओं में क्रांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को अहमियत.

- पर्यटन को बढ़ावा देंगे.

- इस्लाम की बुनियाद पर लोकतंत्र का निर्माण.

पाकिस्तान जहां चीनी कर्ज के नीचे दबा हुआ है वहां पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की बहाली एक बड़ी सोच है और इसके लिए इमरान खान को दिन रात काम करना होगा और मोदी से भी कम सोना होगा. इसके अलावा, पाकिस्तान जहां अर्थव्यवस्था वैसे ही चरमरा गई है वहां 1 करोड़ नौकरियां पैदा करने का दावा भी किया गया है. साथ ही, पाकिस्तान जिसे आतंकी देश समझा जाता है वहां पर्यटन बढ़ाना एक बड़ा सपना है और इसे पूरा करने में इमरान खान को बहुत मेहनत करनी होगी.

कुल मिलाकर इमरान खान की बात जहां तक की जा सकती है उसे देखकर लगता है कि वो इस बार के आम चुनावों में काफी एक्शन दिखा सकते हैं. बहरहाल, पाकिस्तान में 25 जुलाई को वोटिंग है और इसके पहले वहां आतंकी गतिविधियां और हलचल बहुत तेज़ हो गई है. देखना ये है कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री पद की गद्दी पर कौन विराजेगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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