• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

पाकिस्तान की 'पद्मावत' साबित हो रही है ख़ूसट की 'जिंदगी तमाशा'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 जनवरी, 2020 10:52 AM
  • 26 जनवरी, 2020 10:52 AM
offline
पाकिस्तान (Pakistan) में सड़कों पर है जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. कारण है सरमत ख़ूसट की फिल्म जिंदगी तमाशा (Zindagi Tamasha) पर आरोप है कि इसके जरिये ईशनिंदा की गई है. ऐसा ही मिलता-जुलता विरोध हमने भारत में फिल्म पद्मावत की रिलीज पर देखा था.

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan). ऐसा मुल्क जो इस्लाम के नाम पर बना. पाकिस्तान में धर्म के प्रति लोग इतने कट्टर हैं कि इस्लाम का जिक्र आने पर वे बाल की खाल उतारने को तैयार हो जाते हैं. पाकिस्तान में ईशनिंदा गुनाह है. इस्लाम ही नहीं, मौलवी-मौलानाओं के खिलाफ बात कहने वाले भी अपनी जान गंवा चुके हैं. खैर, ताजा मामला पाकिस्तान की एक फिल्म से जुड़ा है. विवाद इतना बढ़ गया है कि इमरान खान सरकार (Imran Khan govt) को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे. पाकिस्तान में एक धार्मिक पार्टी के विरोध के बाद एक मौलवी के संघर्षों को बताती फिल्म जिंदगी तमाशा (Zindagi Tamasha) पर रोक लगा दी गई है. फिल्म बीते दिनों रिलीज होनी थी मगर विरोध इस हद तक हुआ कि सरकार हरकत में आई और कला के पांव में बेड़ियां डाल दी हैं.

जब बात धर्म की है तब पाकिस्तान में फिल्म जिंदगी तमाशा को लेकर विरोध होना ही था

इस फिल्म को बीते साल बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार मिल चुका है. फिल्म के विरोध को लेकर सामने आई तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी (TLP) का फिल्म को लेकर यही मत है कि फिल्म जिंदगी तमाशा, लोगों को इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद से दूर कर सकती है. फिल्म के विरोध में जगह-जगह हिंसा भड़क रही है. लोग मांग कर रहे हैं कि इस्लाम के सिद्धांतों के विपरीत बनी इस फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं आना चाहिए.

क्या है फिल्म की कहानी, क्यों हो रहा है विरोध?

जिंदगी तमाशा एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसका एक ऐसा वीडियो वायरल होता है जिसमें वो डांस कर रहा होता है. फिल्म इसपर आधारित है कि कैसे वो वायरल वीडियो उस इंसान की पूरी जिंदगी बदलता है. वहीं जब इस फिल्म को लेकर इसके डायरेक्टर सरमत ख़ूसट से बात की गई तो उन्होंने यही कहा कि उनका इरादा किसी की भी धार्मिक...

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan). ऐसा मुल्क जो इस्लाम के नाम पर बना. पाकिस्तान में धर्म के प्रति लोग इतने कट्टर हैं कि इस्लाम का जिक्र आने पर वे बाल की खाल उतारने को तैयार हो जाते हैं. पाकिस्तान में ईशनिंदा गुनाह है. इस्लाम ही नहीं, मौलवी-मौलानाओं के खिलाफ बात कहने वाले भी अपनी जान गंवा चुके हैं. खैर, ताजा मामला पाकिस्तान की एक फिल्म से जुड़ा है. विवाद इतना बढ़ गया है कि इमरान खान सरकार (Imran Khan govt) को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे. पाकिस्तान में एक धार्मिक पार्टी के विरोध के बाद एक मौलवी के संघर्षों को बताती फिल्म जिंदगी तमाशा (Zindagi Tamasha) पर रोक लगा दी गई है. फिल्म बीते दिनों रिलीज होनी थी मगर विरोध इस हद तक हुआ कि सरकार हरकत में आई और कला के पांव में बेड़ियां डाल दी हैं.

जब बात धर्म की है तब पाकिस्तान में फिल्म जिंदगी तमाशा को लेकर विरोध होना ही था

इस फिल्म को बीते साल बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार मिल चुका है. फिल्म के विरोध को लेकर सामने आई तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी (TLP) का फिल्म को लेकर यही मत है कि फिल्म जिंदगी तमाशा, लोगों को इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद से दूर कर सकती है. फिल्म के विरोध में जगह-जगह हिंसा भड़क रही है. लोग मांग कर रहे हैं कि इस्लाम के सिद्धांतों के विपरीत बनी इस फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं आना चाहिए.

क्या है फिल्म की कहानी, क्यों हो रहा है विरोध?

जिंदगी तमाशा एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसका एक ऐसा वीडियो वायरल होता है जिसमें वो डांस कर रहा होता है. फिल्म इसपर आधारित है कि कैसे वो वायरल वीडियो उस इंसान की पूरी जिंदगी बदलता है. वहीं जब इस फिल्म को लेकर इसके डायरेक्टर सरमत ख़ूसट से बात की गई तो उन्होंने यही कहा कि उनका इरादा किसी की भी धार्मिक भावना को आहात करना नहीं था.

बता दें कि इस फिल्म को लेकर फिल्म के कास्ट और निर्देशक को लगातार धमकियां ममिल रही हैं और इन्हें अपनी जान का डर बना हुआ है. पाकिस्तान में चर्चा ये भी है कि बीते हफ्ते ही खूसट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को एक पत्र लिखा है और अपनी चिंता दर्शाई है. पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें शिकायत और धमकी भरे फोन कॉल किए जा रहे हैं और फिल्म प्रदर्शित नहीं करने पर विचार करने को कहा जा रहा है.

पाकिस्तान के लोकल मीडिया पर नजर डालें तो इस फिल्म के विरोध को लेकर सामने आई पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान इसे ईश निंदा बता रही है. क्या ये फिल्म वाकई किसी की धार्मिक भावना को आहत कर सकती है? क्या वाकई फिल्म में इस्लाम और मुसलमानों की बुराई की गई है? इन सभी सवालों के जवाब तलाश करने के लिए हमने फिल्म के ट्रेलर पर नजर डाली.

दिलचस्प बात ये है कि फिल्म के ट्रेलर में ऐसा कुछ नहीं है जिसे लेकर बात का बतंगड़ बनाया जाए. बता दें कि फिल्म का जो पहला ट्रेलर जारी किया गया था उसमें एक दाढ़ी वाला व्यक्ति नात पढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, शायद यही बात पाकिस्तान के कट्टरपंथियों को आहत कर गई हो और उनको लगा हो कि फिल्म इस्लाम के नकारात्मक चेहरे दर्शा रही है इसलिए उसे बैन किया जाए.

पाकिस्तान में फिल्म को लेकर हो रही हैं रैलियां

बात धर्म से जुड़ी है इसलिए पाकिस्तान के धार्मिक ठेकेदारों को धर्म पर आधारित राजनीति करने का मौका मिल गया है. फिल्म के विरोध में जगह जगह रैलियां कर रही टीएलपी ने सामूहिक रूप से एक बयान जारी किया है.

बयान में कहा गया है कि, 'फिल्म में नात-वाचन करने वाले का चरित्र-चित्रण ऐसा है कि यह जनता को आहत कर सकता है और उन्हें इस्लाम और पैग़ंबर मोहम्मद से विमुख कर सकता है.' साथ ही यह भी दोहराया गया है कि ये फिल्म पाकिस्तान में इसलिए भी प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह पाकिस्तान के मुसलमानों के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है.

फिल्म को लेकर क्या कह रहा है सूचना और प्रसारण मंत्रालय

फिल्म पर जारी विरोध को लेकर पाकिस्तान का सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी सकते में है. सूचना और प्रसारण पर प्रधानमंत्री की सलाहकार फ़िरदौस आशिक अवान ने ट्वीट किया है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को फिल्म रिलीज़ नहीं करने का निर्देश दिया है और मामले पर विचार के लिए काउंसिल ऑफ़ इस्लामिक विचारधारा पर विचार करने वाली समिति से संपर्क करने का निर्णय लिया गया है. यानी अब फैसला समिति करेगी कि पाकिस्तान की अवाम को ये फिल्म देखनी चाहिए या नहीं.

फिल्म थियेटर में आ पाती है या नहीं इन सभी सवालों के जवाब वक़्त देगा मगर जो आम पाकिस्तानियों का रवैया है वो हमें फिल्म के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि बेवजह के विवाद में एक अच्छी फिल्म उनके हाथों से निकल गई है.

पाकिस्तान में ऐसे लोगों की भी ठीक -ठाक तादाद है जो फिल्म के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि ये फिल्म सबके सामने आए.

बहरहाल, अब जबकि इस फिल्म पर पाकिस्तान में तलवार लटकी है और बात धार्मिक जड़ता की हो रही है तो ऐसा ही मिलता जुलता कुछ हम भारत में भी देख चुके हैं जहां पर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर खूब तांडव हुआ था. लोगों ने भारत में भी खूब विरोध किया था और कहा था कि इस फिल्म में ऐसा बहुत कुछ है जो साफ़ तौर पर आप भारतीय जनमानस की धार्मिक/ सामाजिक भावनाएं आहत करता है.

फिल्म जिंदगी तमाशा पाकिस्तान में कब रिलीज होगी? या निर्देशक इन फिल्म से किन सीनों को हटाएंगे ये सरे सवाल वक़्त की गर्त में छिपे हैं मगर जो वर्तमान है वो ये साफ़ बता रहा है कि जब निर्देशक को पाकिस्तान के हालात पता थे तो फिर उन्हें इस तरह का कोई रिस्क लेना ही नहीं चाहिए था. अब जब उन्होंने रिस्क ले ली लिया है तो अल्लाह खुद उनका मालिक है.

ये भी पढ़ें -

Pakistan की Chinese फैक्‍टरियों में मुसलमानों के नमाज पढ़ने पर पाबंदी!

कासिम सुलेमानी की मौत से पाकिस्तान खुश, मुसलमान नाराज़

Faiz: हिंदू विरोध 'अल्लाह' के जिक्र से तो इस्लामी एतराज 'अन-अल-हक़' से


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲