• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

कुरैशी जिसे इमरान की 'गुगली' बता रहे हैं असल में वो नो-बॉल है

    • आईचौक
    • Updated: 01 दिसम्बर, 2018 05:34 PM
  • 01 दिसम्बर, 2018 05:34 PM
offline
पाकिस्तानी विदेश मंत्री की बातों से तो ऐसा लगता है कि 'नये पाकिस्तान' का मतलब सिर्फ और सिर्फ 'गुगली' है. इमरान सरकार के सौ दिन और करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के 24 घंटे बीतते बीतते कुरैशी ने पाकिस्तान की सारी पोल खोल दी है.

'नया पाकिस्तान' भी निराश ही करेगा, ऐसा लगने लगा है. बल्कि, पक्का लगने लगा है. पाकिस्तान को भारत की भलमनसाहत नहीं भा रही है. ऐसा लगता है करतारपुर के बहाने पाकिस्तान भारत को टेस्ट करना चाह रहा था - और अब जो दावा कर रहा है उससे साफ है कि वो खुद ही फेल हो चुका है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लगता है कि करतारपुर के बहाने इमरान खान ने भारत को झांसा दे दिया. कुरैशी को कौन बताये कि भारत को जिस बात का शक था, कुरैशी ने सरेआम कबूल कर लिया है.

कुरैशी की जबान तो इमरान की मंशा ही बता रही है

'तब्दीली के 100 दिन' कार्यक्रम में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुलासा किया कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक गुगली फेंकी थी. कुरैशी का दावा है कि वो निशाने पर लगी है - और यहीं वो चूक जाते हैं.

एक गुगली और...

इमरान के इरादे जाहिर करते हुए कुरैशी ने कहा, 'आपने देखा... और दुनिया ने देखा कि कल इमरान खान ने करतारपुर की गुगली फेंक दी और उस गुगली का नतीजा क्या हुआ... जो हिंदुस्तान मिलने से कतरा रहा था उसे दो मंत्रियों को भेजना पड़ा... वे पाकिस्तान आए...'

अब तो साफ है कि पाक विदेश मंत्री ने इमरान खान के नये पाकिस्तान की पोल पट्टी पूरी तरह खोल कर दुनिया के सामने रख दी है. इमरान खान ने अनुभवी नेता को विदेश मंत्रालय सोच समझ कर ही सौंपा होगा. अब वो खुद ही फैसला करें कि कुरैशी के पुराने अनुभवों का नया पाकिस्तान बनाने में कितना बड़ा योगदान रहेगा?

ऐसा लगता है जैसे इमरान खान जैसे तैसे ओवर पूरा कर रहे थे, न तो उनमें कोई...

'नया पाकिस्तान' भी निराश ही करेगा, ऐसा लगने लगा है. बल्कि, पक्का लगने लगा है. पाकिस्तान को भारत की भलमनसाहत नहीं भा रही है. ऐसा लगता है करतारपुर के बहाने पाकिस्तान भारत को टेस्ट करना चाह रहा था - और अब जो दावा कर रहा है उससे साफ है कि वो खुद ही फेल हो चुका है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लगता है कि करतारपुर के बहाने इमरान खान ने भारत को झांसा दे दिया. कुरैशी को कौन बताये कि भारत को जिस बात का शक था, कुरैशी ने सरेआम कबूल कर लिया है.

कुरैशी की जबान तो इमरान की मंशा ही बता रही है

'तब्दीली के 100 दिन' कार्यक्रम में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुलासा किया कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक गुगली फेंकी थी. कुरैशी का दावा है कि वो निशाने पर लगी है - और यहीं वो चूक जाते हैं.

एक गुगली और...

इमरान के इरादे जाहिर करते हुए कुरैशी ने कहा, 'आपने देखा... और दुनिया ने देखा कि कल इमरान खान ने करतारपुर की गुगली फेंक दी और उस गुगली का नतीजा क्या हुआ... जो हिंदुस्तान मिलने से कतरा रहा था उसे दो मंत्रियों को भेजना पड़ा... वे पाकिस्तान आए...'

अब तो साफ है कि पाक विदेश मंत्री ने इमरान खान के नये पाकिस्तान की पोल पट्टी पूरी तरह खोल कर दुनिया के सामने रख दी है. इमरान खान ने अनुभवी नेता को विदेश मंत्रालय सोच समझ कर ही सौंपा होगा. अब वो खुद ही फैसला करें कि कुरैशी के पुराने अनुभवों का नया पाकिस्तान बनाने में कितना बड़ा योगदान रहेगा?

ऐसा लगता है जैसे इमरान खान जैसे तैसे ओवर पूरा कर रहे थे, न तो उनमें कोई खेल भावना रही और न ही खेलने का कोई साफ सुथरा इरादा. आखिर अब तक की इमरान खान की बातों का क्या मतलब समझा जाये?

वे सारी बातें जो पाकिस्तान का आम चुनाव जीतने के बाद से इमरान खान कहते आ रहे हैं. भारत के एक कदम के बदले खुद दो कदम आगे बढ़ाने की बातें आखिर क्या हैं?

तो गुगली से पहले भी इमरान ने बाउंसर या वाइड बॉल ही फेंके

अब तक दोनों मुल्कों के बीच अमन कायम करने को लेकर इमरान खान जो भी दावे कर रहे थे वे सब के सब या तो बाउंसर थे या वाइड बॉल? सितंबर में न्यूयॉर्क में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के वक्त इमरान खान चाहते थे कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके कैबिनेट सहयोगी कुरैशी की अलग से एक मुलाकात भी हो जाये. एक तरफ बातचीत की पेशकश चल रही थी और उसी वक्त जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. बीएसएफ के एक जवान के साथ तो पाक फौज ने बहुत बुरे सलूक किये - बर्बरता की सारी सीमाएं लांघ डालीं. जो रही सही कसर बाकी थी वो बुरहान वानी सहित 20 आतंकवादियों पर पाकिस्तान ने डाक टिकट जारी कर पूरी कर दी.

तब इमरान खान ने एक ट्वीट में सारी भड़ास निकाल डाली. ट्वीट में इमरान खान ने कहा, 'शांति बहाली के लिए वार्ता की मेरी पहल पर भारत ने अहंकारी और नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जिससे मैं बेहद निराश हूं. हालांकि मैं पूरी जिंदगी छोटे लोगों से मिला हूं, जो ऊंचे पदों पर बैठे हैं, लेकिन इनके पास दूरदर्शी सोच नहीं होती है.'

कुरैशी के पैमाने पर तौलें तो इमरान खान की ये निराशा भी उनकी गुगली फेल होने का सबूत दे रही है. कुरैशी की बातों से तो यही लगता है कि नये पाकिस्तान का मतलब सिर्फ और सिर्फ गुगली है. इमरान सरकार के सौ दिन और करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के 24 घंटे बीतते बीतते कुरैशी ने सारी साजिशों का पर्दाफाश खुद ही कर दिया है.

वैसे कुरैशी ने अभी ये नहीं बताया है कि इमरान खान की गुगली खास तौर पर सिर्फ भारत के खिलाफ होती है या फिर दुनिया के बाकी मुल्कों के लिए भी? चीन के साथ इमरान दोस्ती की जो डींगें हांक रहे हैं कहीं वे भी गुगली तो नहीं? लगता है चीन भी देर सवेर इमरान खान के इरादे को समझ ही लेगा. अमेरिका तो लगता है पहले ही पता लगा चुका है. पाकिस्तान को लेकर अमेरिका की डोनॉल्ड ट्रंप सरकार का रूख तो काफी कुछ ऐसा ही संकेत दे रहा है. मुमकिन है कुरैशी खामोश रह जाते तो पाकिस्तान के इरादों पर सिर्फ शक होता, इमरान की खुशामद में उनके विदेश मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर फिर से पाकिस्तान को एक्सपोज कर दिया है. खास बात ये है कि कुरैशी जब ये बात बता रहे थे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी वहीं मौजूद थे.

पाकिस्तान की पुरानी हरकतों के चलते ही 2016 में सार्क सम्मेलन रद्द हुआ था. भारत के मना करते ही दूसरे देशों ने भी सम्मेलन में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था. इमरान खान नये सिरे से सार्क सम्मेलन कराने की कोशिश में हैं, लेकिन कुरैशी के जरिये हकीकत सामने आने के बाद सारे किये कराये पर पानी फिर गया है - पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन का आयोजन एक बार फिर आशंकाओं के घेरे में है.

बेशक गुगली की अपनी खासियत है, मगर शर्त ये है कि वो नो-बॉल नहीं होनी चाहिये. नो-बॉल तो अतिरिक्त भार है. रन देने का नुकसान भी उठाना पड़ता है और ओवर में गिना भी नहीं जाता. इमरान की गुगली से पाक की नापाक मंशा सरेआम हो चुकी है. वैसे वक्त रहते इत्तला करने के लिए शाह महमूद कुरैशी दुनिया की ओर से बधाई के पात्र हैं.

इन्हें भी पढ़ें :

पाक से सतर्क रहना जरूरी; करतारपुर ट्रैप भी हो सकता है...

इमरान का अगला मुकाबला न जरदारी से है, न नवाज से, बल्कि अफरीदी से है...

तख्ता पलट कर प्रधानमंत्री बनेगा आतंकी हाफिज सईद ?


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲