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इफ्तार पार्टी में बेगाने से रहे पाक उच्चायुक्त

    • कुमार विक्रांत
    • Updated: 30 जून, 2016 02:25 PM
  • 30 जून, 2016 02:25 PM
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ये तो होना ही था....द मोस्ट अनवॉन्टेड गेस्ट. सरहद पार हाफिज सईद जैसे आतंकी बयानबाजी करते हैं और खुद दिल्ली में बैठे पाक उच्चायुक्त पंपोर हमले की निंदा नहीं कर पाते.

जेडीयू नेता शरद यादव की इफ्तार पार्टी में खास मेहमान पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित बेगाने से नज़र आए. इफ्तार में शामिल होने पहुंचे अब्दुल बासित को वीआईपी लोगों के बीच लेकर आए होस्ट शरद यादव ने उनको नितीश कुमार से मिलवाया. उनके पीछे गुलाम नबी आज़ाद से लेकर डी राजा समेत तमाम नेता एक लाइन से बैठे रहे, लेकिन किसी ने बासित से दुआ सलाम तक नहीं किया. खुद शरद यादव भी उसके बाद नितीश के साथ आगे निकल गए और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, नितीश कुमार, कपिल सिब्बल के साथ बैठ गए.

सोनिया का इन्तज़ार और बासित का अकेलापन

इसके बाद पार्टी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इन्तज़ार था. उसके पहले वीआईपी लोगों के बैठने का नज़ारा ऐसा था जो बासित के बेगानेपन का गवाह बना. पहली बैठकी में सिब्बल, शरद, नितीश और हामिद अंसारी थे. किनारे की बैठकी में आज़ाद, राजा और तमाम नेता थे. लेकिन जब बासित ने देखा कि, उनसे कोई नहीं मिल रहा तो वो खुद किनारे की बैठकी में जाकर हर नेता से दुआ सलाम करने पहुंचे, सभी से उन्होंने जाकर दुआ सलाम किया तो महज औपचारिकता निभाते हुए बाकी नेताओं ने उनका अभिवावदन स्वीकार किया, लेकिन किसी ने उनसे अपने पास बैठने को नहीं कहा. आखिरकार वो बीच की खाली जगह में आकर अकेले अपने जूनियर साथ बैठने को मजबूर हो गए. फिर सोनिया गांधी आईं, तो गेट से उनको लेकर होस्ट शरद यदव लेकर आए. पहली वीआईपी बैठकी में नितीश, सिब्बल, हामिद अंसारी से मिलवाया और मुलाकात का सिलसिला वहीं थम गया. सिब्बल, शरद, सोनिया, हामिद और के.सी त्यागी एक साथ बैठ गए. ना सोनिया को शरद आगे बासित या किसी से मिलाने ले गए और ना ही सोनिया खुद गईं.

पाक उच्चायुक्त अब्दुल...

जेडीयू नेता शरद यादव की इफ्तार पार्टी में खास मेहमान पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित बेगाने से नज़र आए. इफ्तार में शामिल होने पहुंचे अब्दुल बासित को वीआईपी लोगों के बीच लेकर आए होस्ट शरद यादव ने उनको नितीश कुमार से मिलवाया. उनके पीछे गुलाम नबी आज़ाद से लेकर डी राजा समेत तमाम नेता एक लाइन से बैठे रहे, लेकिन किसी ने बासित से दुआ सलाम तक नहीं किया. खुद शरद यादव भी उसके बाद नितीश के साथ आगे निकल गए और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, नितीश कुमार, कपिल सिब्बल के साथ बैठ गए.

सोनिया का इन्तज़ार और बासित का अकेलापन

इसके बाद पार्टी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इन्तज़ार था. उसके पहले वीआईपी लोगों के बैठने का नज़ारा ऐसा था जो बासित के बेगानेपन का गवाह बना. पहली बैठकी में सिब्बल, शरद, नितीश और हामिद अंसारी थे. किनारे की बैठकी में आज़ाद, राजा और तमाम नेता थे. लेकिन जब बासित ने देखा कि, उनसे कोई नहीं मिल रहा तो वो खुद किनारे की बैठकी में जाकर हर नेता से दुआ सलाम करने पहुंचे, सभी से उन्होंने जाकर दुआ सलाम किया तो महज औपचारिकता निभाते हुए बाकी नेताओं ने उनका अभिवावदन स्वीकार किया, लेकिन किसी ने उनसे अपने पास बैठने को नहीं कहा. आखिरकार वो बीच की खाली जगह में आकर अकेले अपने जूनियर साथ बैठने को मजबूर हो गए. फिर सोनिया गांधी आईं, तो गेट से उनको लेकर होस्ट शरद यदव लेकर आए. पहली वीआईपी बैठकी में नितीश, सिब्बल, हामिद अंसारी से मिलवाया और मुलाकात का सिलसिला वहीं थम गया. सिब्बल, शरद, सोनिया, हामिद और के.सी त्यागी एक साथ बैठ गए. ना सोनिया को शरद आगे बासित या किसी से मिलाने ले गए और ना ही सोनिया खुद गईं.

पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित

जय प्रकाश यादव आखिरकार बैठे बासित के साथ

लालू की आरजेडी की तरफ से आए जयप्रकाश यादव को बासित के आस-पास जगह खाली दिखी, तो वो आकर बैठ गए. लेकिन दोनों के बीच शिष्टाचार के नाते हुए दुआ सलाम के बाद कोई बात नहीं हुई. काफी देर तक बैठे रहे बासित शायद समझ रहे थे कि, वजह पाकिस्तान की ताज़ा हरकतें हों या फिर हाफिज़ सईद के बयान, कोई भारतीय नेता उनके करीब नहीं दिखना चाहता.

आखिरकार बैठकी से निकल लिए बासित

पहली बैठकी के नेताओं को हरा साफा सम्मान में पहनाया गया, तो दूर बैठे बासित देखते रहे. आखिरकार वह उठ खड़े हुए और नमाज़ पढ़ने के लिए निकल पड़े. हालांकि मेहमाननवाज़ी के मद्देनजर उनको भी सम्मान में साफा देने जेडीयू नेता पहुंचे, तो नमाज के लिए निकल चुके बासित ने उसको पहनने के बजाय हाथ में लिया और आगे बढ़ गए.

मीडिया के सवालों से परेशान हुए बासित

इफ्तार पार्टी में बेगाने से दिख रहे बासित जैसे ही बैठकी से निकले तो मीडिया ने सवालों के गोले उन पर दाग दिए. जैसे तैसे वो नमाज पढ़ने की तरफ बढ़े, बार बार यही कहते रहे कि, पहले नमाज पढ़ने दीजिये फिर बात करेंगे. जाहिर था कि, कठोर सवाल उनको खासे चुभ रहे थे. नमाज पढ़कर निकले बासित बैठकी में वापस जाने की बजाय सीधे वापस जाने लगे, लेकिन मीडिया का जमावड़ा वहां भी था. सवाल पूछा गया कि, पाकिस्तान में किससे बात की जाए, तो बोले पाकिस्तान से ही बात की जाएगी और किससे. फिर पूछा गया कि, बातचीत का माहौल है क्या, फिर बासित बोले कि, बातचीत से ही माहौल बनता है और पाकिस्तान बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. आखिर में आजतक ने पंपोर आतंकी हमले पर हाफिज सईद की बयानबाजी पर सवाल दागा तो बासित सवाल सुनते ही खामोशी से मीडिया के कैमरों से बचते बचाते अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए. शायद वो भी सोच रहे होंगे कि, इफ्तार पार्टी में तो आए लेकिन पाकिस्तान की ताज़ा हरकतों ने उनको असहज जरूर कर दिया.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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