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NPR से ही NRC का रास्ता खुलेगा, मोदी सरकार ने एक-दो नहीं, बल्कि 11 बार माना है!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 25 दिसम्बर, 2019 07:53 PM
  • 25 दिसम्बर, 2019 07:53 PM
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पहले नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद NRC पर कोई बात ही नहीं हुई और अब अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि NPR और NRC में कोई लिंक नहीं है. दोनों का ही झूठ पकड़ा गया है. 11 बार सरकार (Modi Government) ने लिंक बताया है.

कुछ दिन पहले ही दिल्ली में धन्यवाद रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि NRC उनकी सरकार नहीं लाई, बल्कि कांग्रेस लाई थी. वह बोले कि उनकी सरकार बनने के बाद तो NRC पर कोई बात नहीं हुई है, ना ही वह संसद में आया है. इसके बाद से ही विवाद इस बात का खड़ा हो गया कि अमित शाह ने संसद में भी कहा था कि वह NRC लाएंगे और भारत के इंच-इंच में रहने वाले घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा. तब से सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी ने झूठ बोला या इतने दिनों से अमित शाह झूठ बोल रहे थे. खैर, मंगलवार की शाम अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने NRC से जुड़ी कुछ ऐसी बात बोल दी है कि एक नया विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि NRC और NPR में कोई लिंक नहीं है. लेकिन अगर थोड़ा पीछे जाएं तो पता चलता है कि मोदी सरकार ने एक-दो नहीं, बल्कि 11 बार माना है कि इन दोनों में लिंक है. ये कहा गया है कि NPR के आधार पर ही NRC को पूरे देश में लागू किया जाएगा. यूं लगा था कि अपने इंटरव्यू में अमित शाह उन सवालों के जवाब देंगे, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ उठ रहे हैं, लेकिन शाह ने तो उल्टा स्थिति को और कंफ्यूजिंग बना दिया. आइए जानते हैं कब-कब मोदी सरकार ने माना कि NRC और NPR एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.

मोदी-शाह दोनों ही लोगों ने NRC पर ऐसे बयान दिए हैं, जो झूठे से लग रहे हैं !

1- गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में ज़ारी 2018-19 की सालाना रिपोर्ट को देखा जाए तो उसमें साफ कहा गया है कि NPR, NRC की दिशा में पहला कदम है. इसमें लिखा है- 'सिटिजनशिप एक्ट के प्रावधानों के हिसाब से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर (NPR) नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिज़ंस (NRIC) की दिशा में पहला कदम है.'

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कुछ दिन पहले ही दिल्ली में धन्यवाद रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि NRC उनकी सरकार नहीं लाई, बल्कि कांग्रेस लाई थी. वह बोले कि उनकी सरकार बनने के बाद तो NRC पर कोई बात नहीं हुई है, ना ही वह संसद में आया है. इसके बाद से ही विवाद इस बात का खड़ा हो गया कि अमित शाह ने संसद में भी कहा था कि वह NRC लाएंगे और भारत के इंच-इंच में रहने वाले घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा. तब से सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी ने झूठ बोला या इतने दिनों से अमित शाह झूठ बोल रहे थे. खैर, मंगलवार की शाम अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने NRC से जुड़ी कुछ ऐसी बात बोल दी है कि एक नया विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि NRC और NPR में कोई लिंक नहीं है. लेकिन अगर थोड़ा पीछे जाएं तो पता चलता है कि मोदी सरकार ने एक-दो नहीं, बल्कि 11 बार माना है कि इन दोनों में लिंक है. ये कहा गया है कि NPR के आधार पर ही NRC को पूरे देश में लागू किया जाएगा. यूं लगा था कि अपने इंटरव्यू में अमित शाह उन सवालों के जवाब देंगे, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ उठ रहे हैं, लेकिन शाह ने तो उल्टा स्थिति को और कंफ्यूजिंग बना दिया. आइए जानते हैं कब-कब मोदी सरकार ने माना कि NRC और NPR एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.

मोदी-शाह दोनों ही लोगों ने NRC पर ऐसे बयान दिए हैं, जो झूठे से लग रहे हैं !

1- गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में ज़ारी 2018-19 की सालाना रिपोर्ट को देखा जाए तो उसमें साफ कहा गया है कि NPR, NRC की दिशा में पहला कदम है. इसमें लिखा है- 'सिटिजनशिप एक्ट के प्रावधानों के हिसाब से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर (NPR) नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिज़ंस (NRIC) की दिशा में पहला कदम है.'

2- कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने संसद में 8 जुलाई, 2014 को एक सवाल किया था, जिसका जवाब देते हुए तत्कालीन गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा- NPR का रिव्यू किया गया है और ये तय किया गया है कि NPR पूरा किया जाना चाहिए और NPR में देशवासियों के वेरिफिकेशन से NRIC बनाने का तार्किक निष्कर्ष निकले.

3-4- इसी तरह लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान किरन रिजिजू ने NPR और NRIC को दो बार और एक दूसरे से जोड़ा. पहली बार 15 जुलाई 2014 को और दूसरी बार 22 जुलाई 2014 को.

5- किरन रिजिजू ने 23 जुलाई 2014 को राज्यसभा में भी ऐसे ही बयान दिए, जो NPR और NRC का एक दूसरे से लिंक दिखाते हैं.

6- रिजिजू ने ही 29 नवंबर 2014 को राज्यसभा में कहा कि NRC बनाने की दिशा में NPR पहला कदम है, जिसमें सभी देशवासियों की नागरिकता को वेरिफाई किया जाएगा.

7-8- रिजिजू अकेले नहीं हैं, जिन्होंने NRC और NPR को जोड़ा, बल्कि 21 अप्रैल 2015 और 28 जुलाई 2015 को तत्कालीन गृह राज्यमंत्री हरिभाई पार्थिभाई चौधरी ने भी रिजिजू का तार्किक निष्कर्ष निकालने वाला बयान दोहराया. बता दें कि रिजिजू ने कहा था- 'NPR का रिव्यू किया गया है और ये तय किया गया है कि NPR पूरा किया जाना चाहिए और NPR में देशवासियों के वेरिफिकेशन से NRIC बनाने का तार्किक निष्कर्ष निकले.'

9- राज्यसभा में 13 मई 2015 को रिजिजू ने फिर से अपना तार्किक निष्कर्ष निकाले जाने वाला बयान दोहरा दिया.

10- किरन रिजिजू ने ही 11 नवंबर 2016 को राज्यसभा में कहा था- सरकार ने देश में नागरिकों का जनसंख्या रजिस्टर बनाने के लिए मंजूरी दे दी है. ये जनसंख्या रजिस्टर 'सिटिजनशिप एक्ट, 1955' के प्रावधानों और 'सिटिजनशिप नियमों (2003)' के अनुसार नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस (NRIC) बनाए जाने का एक हिस्सा है.’

11- किरन रिजिजू ने तो 26 नवंबर 2014 को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में भी यही बात कही थी. उन्होंने डॉक्टर टीएन सीमा के एक सवाल पर कहा था कि 'NPR में देश के नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों की जानकारियां शामिल होंगी. NPR हर देशवासी की नागरिकता को वेरिफाई कर के बनाया जाएगा जो NRIC की दिशा में पहला कदम है.'

यानी पहले तो पीएम मोदी ने रामलीला मैदान में अधूरी जानकारी के साथ NRC पर गलतबयानी की और लोगों में एक कंफ्यूजन पैदा किया. उसके बाद अमित शाह ने भी इंटरव्यू में NRC पर जो बातें कहीं, उन्हें सच नहीं माना जा सकता, क्योंकि उन्हीं के मंत्रियों ने संसद में कुछ और ही कहा था. शाह कह रहे हैं कि NPR और NRC का एक दूसरे से कोई संबंध नहीं है, लेकिन करीब 11 बार ये कहा जा चुका है कि NPR और NCR एक दूसरे से जुड़े हैं. बल्कि ये भी कहा गया है कि NPR तो NRC का ही पहला कदम है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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