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उलझ गए गुरु 'सिद्धू', अब क्या करोगे?

    • कुमार विक्रांत
    • Updated: 27 अक्टूबर, 2016 09:18 PM
  • 27 अक्टूबर, 2016 09:18 PM
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शुरुआत में कांग्रेस ने सिद्धू को ओपनिंग करने का एक ऑफर दिया लेकिन वह तो सीधे कप्तान बनाने की मांग करने लगे....

बीजेपी से आउट होकर नई टीम में ओपनिंग की तलाश में जुटे नवजोत सिंह सिद्धू असमंजस में हैं. ना तो सिद्धू का फुटवर्क सुधर पा रहा है उनकी टाइमिंग भी ख़राब होती जा रही है. बात फुटवर्क की करें तो उनका एक पैर आप की तरफ तो दूसरा कांग्रेस की तरफ है. लेकिन सिद्धू अब तक राजनीति के क्रिकेट की लाइन-लेंथ नहीं समझ पाए हैं और फैसला भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में निकला हुआ वक़्त उनकी ख़राब टाइमिंग की गवाही भी देना शुरू कर रहा है.

टीम में बिखराव बना गुरु की परेशानी का सबब

टीम गेम में भी सिद्धू की हालत ठीक नहीं. कांग्रेस के मुताबिक, टीम सिद्धू एक लाइन पर नहीं सोच पा रही है. इसीलिए सिद्धू नई ओपनिंग नहीं कर पा रहे. दरअसल, सिद्धू की टीम की सबसे बड़ी पार्टनर उनकी पत्नी नवजोत कौर आम आदमी पार्टी के लिए बैटिंग करना चाहती हैं, तो वहीं हॉकी कप्तान रहे परगट सिंह अब कांग्रेस को फॉरवर्ड ले जाना चाहते हैं. वो कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलकर अपनी बात भी कर चुके हैं. दूसरी तरफ, सिद्धू की टीम के बैंस ब्रदर्स कांग्रेस की टीम में शामिल होने के बजाय गठजोड़ की बात पर अड़े हैं. ऐसे टीम के कप्तान सिद्धू फ़िलहाल लाचार से दिख रहे हैं और टीम पंजाब के मैच में अब तक उतर ही नहीं पा रही है.

इसे भी पढ़ें: पंजाब पोलिटिकल लीग में कॉमेडियनों का तड़का!

 गुरू, अब क्या करूं?

टीम कांग्रेस अपने रुख पर अड़ी

शुरुआत में कांग्रेस ने सिद्धू को अपनी टीम से ओपनिंग करने के...

बीजेपी से आउट होकर नई टीम में ओपनिंग की तलाश में जुटे नवजोत सिंह सिद्धू असमंजस में हैं. ना तो सिद्धू का फुटवर्क सुधर पा रहा है उनकी टाइमिंग भी ख़राब होती जा रही है. बात फुटवर्क की करें तो उनका एक पैर आप की तरफ तो दूसरा कांग्रेस की तरफ है. लेकिन सिद्धू अब तक राजनीति के क्रिकेट की लाइन-लेंथ नहीं समझ पाए हैं और फैसला भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में निकला हुआ वक़्त उनकी ख़राब टाइमिंग की गवाही भी देना शुरू कर रहा है.

टीम में बिखराव बना गुरु की परेशानी का सबब

टीम गेम में भी सिद्धू की हालत ठीक नहीं. कांग्रेस के मुताबिक, टीम सिद्धू एक लाइन पर नहीं सोच पा रही है. इसीलिए सिद्धू नई ओपनिंग नहीं कर पा रहे. दरअसल, सिद्धू की टीम की सबसे बड़ी पार्टनर उनकी पत्नी नवजोत कौर आम आदमी पार्टी के लिए बैटिंग करना चाहती हैं, तो वहीं हॉकी कप्तान रहे परगट सिंह अब कांग्रेस को फॉरवर्ड ले जाना चाहते हैं. वो कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलकर अपनी बात भी कर चुके हैं. दूसरी तरफ, सिद्धू की टीम के बैंस ब्रदर्स कांग्रेस की टीम में शामिल होने के बजाय गठजोड़ की बात पर अड़े हैं. ऐसे टीम के कप्तान सिद्धू फ़िलहाल लाचार से दिख रहे हैं और टीम पंजाब के मैच में अब तक उतर ही नहीं पा रही है.

इसे भी पढ़ें: पंजाब पोलिटिकल लीग में कॉमेडियनों का तड़का!

 गुरू, अब क्या करूं?

टीम कांग्रेस अपने रुख पर अड़ी

शुरुआत में कांग्रेस ने सिद्धू को अपनी टीम से ओपनिंग करने के लिए कुछ ऑफर दिए. उनको या उनकी पत्नी को विधानसभा का टिकट, डिप्टी सीएम का पद और लोकसभा में अमरिंदर की अमृतसर सीट से टिकट. लेकिन सिद्धू तो खुद कांग्रेस टीम का कप्तान बनने पर अड़ गए. फिर क्या था, कांग्रेस ने सिद्धू को ठेंगा दिखा दिया. साथ ही बैंस ब्रदर्स की ज़्यादा सीटों की मांग भी उसने ख़ारिज कर दी और साफ़ कर दिया कि, बिना शर्त सिद्धू और उनकी टीम का स्वागत है, लेकिन कप्तान अमरिंदर ही होंगे और सीटें भी कांग्रेस तय करेगी.

 भाजपा छोड़ने का एक खिलाड़ी वाला अंदाज

सिदधू की राहुल और अमरिंदर से मुलाकात बाकी

ख़बरें कुछ भी आएं, लेकिन कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने आजतक से साफ़ कह दिया कि, अब तक सिद्धू की राहुल गांधी, अमरिंदर सिंह या मुझसे कोई बात या मुलाकात नहीं हुई है, हाँ परगट सिंह जरूर अमरिंदर से मिले हैं. उन सबका स्वागत है, लेकिन बिना शर्त. बात सीधी है, कांग्रेस सिदधू को अपनी टीम में लेना चाहती है, पर अपनी शर्तों पर.

इसे भी पढ़ें: केजरीवाल के खिलाफ कितना कारगर है सिद्धू का 'पंजाबियत' दांव ?

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं कि सिद्धू अगर कांग्रेस में आना चाहते हैं तो खुलकर बताएं. दरअसल, कांग्रेस सिद्धू के मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि उसको लगता है कि, उसने आगे बढ़कर बात की और सिद्धू नहीं आये या आप के साथ चले गए तो उसकी बहुत किरकिरी हो जायेगी. अब सिद्धू अपनी सजाई फील्डिंग में कितना कामयाब होते हैं और किस टीम से खेलते हैं, ये उन्हीं को तय करना है. पर वक़्त शायद इसी हफ्ते का बचा है, जब वो फैसला कर लेंगे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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