• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

ओडिशा में मुकाबला बीजेडी बनाम बीजेपी ही होगा

    • बिजय कुमार
    • Updated: 22 सितम्बर, 2018 04:51 PM
  • 22 सितम्बर, 2018 04:51 PM
offline
प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा में रैली को संबोधित करते हुए ना सिर्फ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर जमकर निशाना साधा बल्कि अपने संबोधन में 2019 की जंग की तस्वीर खींचते हुए अपनी जीत का दावा भी कर दिया.

ओडिशा में तालचर प्लांट की नींव रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे क्षेत्र में इससे होने वाले फायदों को गिनाया और साथ ही अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है. हाल ही में तीन तलाक पर अध्यादेश लाने के सरकार के कदम को बड़ा फैसला बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से जिसकी आवश्यकता थी सरकार ने उस पर फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि तीन तलाक मुस्लिम बहनों की जिंदगी तबाह कर रहा है, ये सब जानते थे. लेकिन वोट खोने के डर से इस समस्या के बारे में कोई बात तक करने को तैयार नहीं था.

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ये भी जिक्र किया कि एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि केन्द्र से एक रुपया निकलता है तो गांव के लोगों तक सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचा पाता था. मोदी ने कहा कि पूर्व में इस तरह की चोरी होती रही पर अब बीजेपी की सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जो पैसा दिल्ली से भेजा जाए वह शत प्रतिशत लोगों के बैंक खाते में सीधा जमा हो जाए.

इसके अलावा और भी कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने पिछली केंद्र सरकार (यूपीए) को आड़े हाथों लिया लेकिन मुख्य रूप से उनके निशाने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पट्टनायक ही थे, क्यों आइए जानते हैं-

जानकारों की मानें तो फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती क्षेत्रीय पार्टियों से है- खासकर यूपी में एसपी, बीएसपी, बिहार में आरजेडी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, महाराष्ट्र में शरद पवार, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और ओडिशा में नवीन पट्टनायक. बीजेपी भी ये जानती है कि अगर उसे 2014 वाला परफॉर्मेंस दोहराना है तो उसे इन राज्यों में अच्छा करना होगा और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने ओडिशा के तालचर में खाद कारखाने के पुनरुद्धार कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद...

ओडिशा में तालचर प्लांट की नींव रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे क्षेत्र में इससे होने वाले फायदों को गिनाया और साथ ही अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है. हाल ही में तीन तलाक पर अध्यादेश लाने के सरकार के कदम को बड़ा फैसला बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से जिसकी आवश्यकता थी सरकार ने उस पर फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि तीन तलाक मुस्लिम बहनों की जिंदगी तबाह कर रहा है, ये सब जानते थे. लेकिन वोट खोने के डर से इस समस्या के बारे में कोई बात तक करने को तैयार नहीं था.

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ये भी जिक्र किया कि एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि केन्द्र से एक रुपया निकलता है तो गांव के लोगों तक सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचा पाता था. मोदी ने कहा कि पूर्व में इस तरह की चोरी होती रही पर अब बीजेपी की सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जो पैसा दिल्ली से भेजा जाए वह शत प्रतिशत लोगों के बैंक खाते में सीधा जमा हो जाए.

इसके अलावा और भी कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने पिछली केंद्र सरकार (यूपीए) को आड़े हाथों लिया लेकिन मुख्य रूप से उनके निशाने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पट्टनायक ही थे, क्यों आइए जानते हैं-

जानकारों की मानें तो फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती क्षेत्रीय पार्टियों से है- खासकर यूपी में एसपी, बीएसपी, बिहार में आरजेडी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, महाराष्ट्र में शरद पवार, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और ओडिशा में नवीन पट्टनायक. बीजेपी भी ये जानती है कि अगर उसे 2014 वाला परफॉर्मेंस दोहराना है तो उसे इन राज्यों में अच्छा करना होगा और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने ओडिशा के तालचर में खाद कारखाने के पुनरुद्धार कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद रैली को संबोधित करते हुए ना सिर्फ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर जमकर निशाना साधा बल्कि अपने संबोधन में 2019 की जंग की तस्वीर खींचते हुए इशारे ही इशारों में अपनी जीत का दावा भी कर दिया. उन्होंने कहा कि खाद कारखाने से 36 महीने बाद उत्पादन शुरू हो जाएगा और विश्वास दिलाता हूं कि इसका उद्घाटन करने मैं ही आऊंगा.

ओडिशा में तालचर प्लांट का मॉडल देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 

श्री मोदी ने अपने सरकार के स्वच्छता मिशन का जिक्र करते हुए ओडिशा की नवीन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा केवल 10 फीसदी था लेकिन हमारी सरकार के प्रयासों से यह 55 प्रतिशत तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि ओडिशा में खुले में शौच अभी भी हो रहा है. शौचालय नहीं बनाये जा रहे हैं. मैं नवीन बाबू से विनती करता हूं कि वो स्वच्छता को वरीयता दें क्योंकि ये स्वास्थ्य से जुड़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज मिलेगा साथ ही अधिकतर राज्य इससे जुड़ भी गए हैं और ओडिशा के लोगों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए. श्री मोदी ने कहा कि मैं आज आपके माध्यम से, नवीन पटनायक जी से फिर आग्रह करूंगा कि ओडिशा के लाखों परिवारों को आयुष्मान भारत के लाभ से वंचित ना रखा जाए. बता दें कि ओडिशा इस योजना से नहीं जुड़ा है, ओडिशा सरकार ने अगस्त में अपनी "बीजू स्वस्थ कल्याण योजना" शुरू की है.

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से ओडिशा में हुए फायदों को भी गिनाया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1.30 करोड़ बैंक एकाउंट्स खोले जा चुके हैं. उन्होंने उज्जवला योजना के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की सराहना करते हुए कहा कि 2014 में गैस कनेक्शन 22 फीसदी था जो अब बढ़कर 60 से 65 फीसदी हो गया है.

 प्रधानमंत्री के निशाने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पट्टनायक रहे

कह सकते हैं कि आगामी चुनावों में प्रदेश में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि इससे पहले बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की 147 विधानसभा सीटों में से 120 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है. प्रदेश में बीजेपी के बढ़ते कदम की झलक हमें साल 2017 के पंचायत चुनावों में देखने को मिली थी जब पार्टी ने 2012 के अपने 15 फीसदी वोट शेयर को बढाकर 32 फीसदी पर ला दिया था और दूसरे नम्बर पर रही थी. जबकि कांग्रेस तीसरे नम्बर पर पहुंच गयी थी.

एक नजर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव नतीजों पर-

विधानसभा चुनाव 2014 के नतीजे

पार्टी सीट वोट शेयर
बीजेडी 117 43.35%
बीजेपी 10 17.99%
कांग्रेस 16 25.71%

लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे

पार्टी सीट वोट शेयर
बीजेडी 20 44.77%
बीजेपी 01 21.88%
कांग्रेस 00 26.38%

ये भी पढ़ें-

राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चुनावी सूरत-ए-हाल

कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुसीबत बनीं मायावती


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲