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ट्रंप का कितना ही विरोध हो, लेकिन अमेरिका अब मुस्लिम विरोधी है

    • अभिजीत पाठक
    • Updated: 09 अगस्त, 2016 12:51 PM
  • 09 अगस्त, 2016 12:51 PM
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अमेरिका का राष्‍ट्रपति चुनाव लड़ रहे डोनाल्‍ड ट्रंप मुसलमानों के अमेरिका आने पर सख्‍ती चाहते हैं. मुसलमानों के लिए अमेरिका में ताला लगे न लगे, अमेरिकियों के मन में तो लग चुका है.

अमेरिका का राष्‍ट्रपति चुनाव लड़ रहे डोनाल्‍ड ट्रंप मुसलमानों के अमेरिका आने पर सख्‍ती चाहते हैं. मुसलमानों के लिए अमेरिका में ताला लगे न लगे, अमेरिकियों के मन में तो लग चुका है.

अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया पर डोनाल्‍ड ट्रंप की तीखी आलोचना होती रही है. खासतौर पर मुसलमानों को लेकर उनके नजरिए के खिलाफ तो जैसे डेमोक्रेटिक पार्टी ने हमला ही बोल दिया है. लेकिन ट्रंप अपने रुख पर कायम हैं. वे इस मामले में इतने आत्‍मविश्‍वास से भरे क्‍यों हैं?

9/11 के बाद मुस्लिम समुदाय से अमेरिका में भय बना हुआ है. ये मुद्दा सुर्खियों में यूं ही नहीं बना रहता है. अक्सर इससे जुड़ी घटनाएं देखने को मिल जाती हैं. अमेरिका में कितने मुसलमान रहते हैं? ये बता पाना मुश्किल है क्योंकि यहां पर जाति या धर्म के आधार पर कभी भी जनगणना नहीं हुई हैं. अगर अटकलों की मानें तो पूरे अमेरिका की एक फीसदी आबादी मुस्लिम है. फिर क्या कारण है कि लोग दाढ़ी देखकर आतंकित हो जाते हैं. मुस्लिम महिलाओं के हिजाब से खौफ खाते हैं. वजह है डर. और यह जगह जगह और कई कई वजह से बाहर भी आ जाता है.

 

 अमेरिका में मुस्लिम को लेकर वहां के लोगों में एक डर क्यों है

हाल में ही एक महिला को नौकरी से निकाल दिया गया. वजह ये कि वो ऑफिस हिजाब पहनकर जाती थी. ऐसी बहुत सी कहानियां अमेरिका की सुर्खिया बन चुकी है... 1. चौदह साल के अहमद मोहम्मद को अमेरिकी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसका जुर्म यह था कि वह एक दिन एक घड़ी स्कूल लाया और उससे कुछ यंत्र कर रहा था. जब स्‍कूल प्रिंसिपल को यह पता चला तो उन्‍होंने पुलिस का बुलवा लिया. और पुलिस ने उस बम को हॉक्स बम (नकली बम) का नाम दे दिया. हालांकि, इस कार्रवाई के विरोध में अहमद के समर्थन में ट्विटर पर #IStandForAhmad अभियान चला.

अमेरिका का राष्‍ट्रपति चुनाव लड़ रहे डोनाल्‍ड ट्रंप मुसलमानों के अमेरिका आने पर सख्‍ती चाहते हैं. मुसलमानों के लिए अमेरिका में ताला लगे न लगे, अमेरिकियों के मन में तो लग चुका है.

अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया पर डोनाल्‍ड ट्रंप की तीखी आलोचना होती रही है. खासतौर पर मुसलमानों को लेकर उनके नजरिए के खिलाफ तो जैसे डेमोक्रेटिक पार्टी ने हमला ही बोल दिया है. लेकिन ट्रंप अपने रुख पर कायम हैं. वे इस मामले में इतने आत्‍मविश्‍वास से भरे क्‍यों हैं?

9/11 के बाद मुस्लिम समुदाय से अमेरिका में भय बना हुआ है. ये मुद्दा सुर्खियों में यूं ही नहीं बना रहता है. अक्सर इससे जुड़ी घटनाएं देखने को मिल जाती हैं. अमेरिका में कितने मुसलमान रहते हैं? ये बता पाना मुश्किल है क्योंकि यहां पर जाति या धर्म के आधार पर कभी भी जनगणना नहीं हुई हैं. अगर अटकलों की मानें तो पूरे अमेरिका की एक फीसदी आबादी मुस्लिम है. फिर क्या कारण है कि लोग दाढ़ी देखकर आतंकित हो जाते हैं. मुस्लिम महिलाओं के हिजाब से खौफ खाते हैं. वजह है डर. और यह जगह जगह और कई कई वजह से बाहर भी आ जाता है.

 

 अमेरिका में मुस्लिम को लेकर वहां के लोगों में एक डर क्यों है

हाल में ही एक महिला को नौकरी से निकाल दिया गया. वजह ये कि वो ऑफिस हिजाब पहनकर जाती थी. ऐसी बहुत सी कहानियां अमेरिका की सुर्खिया बन चुकी है... 1. चौदह साल के अहमद मोहम्मद को अमेरिकी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसका जुर्म यह था कि वह एक दिन एक घड़ी स्कूल लाया और उससे कुछ यंत्र कर रहा था. जब स्‍कूल प्रिंसिपल को यह पता चला तो उन्‍होंने पुलिस का बुलवा लिया. और पुलिस ने उस बम को हॉक्स बम (नकली बम) का नाम दे दिया. हालांकि, इस कार्रवाई के विरोध में अहमद के समर्थन में ट्विटर पर #IStandForAhmad अभियान चला.

2. इस्लामोफोबिया की एक और वाकया. अमेरीका की एक वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी ने जाकिर खान को सिर्फ इसलिए ब्लॉक कर दिया क्योंकि वह एक मुस्लिम है और उसका नाम अमेरिकी सरकार द्वारा बनाई गई प्रतिबंधित लोगों की लिस्ट में शामिल नामों से मैच कर रहा था.

3. सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी में प्री-मेडिकल की तैयारी कर रहीं 22 वर्षीय हनीन जासिम ने हिजाब पहन रखी थी और वह जैसे ही एक कॉफी शॉप से बाहर निकलीं, उन्हें देखकर यह शख्स भड़क गया और उन पर कार चढ़ाने की कोशिश की. ड्राइवर ने चिल्लाकर कहा, तुम आतंकवादी हो और अपने देश वापस लौट जाओ.

4. फ्लोरिडा में पाम बीच स्थित एक मस्जिद पर कुछ लोगों ने हमला किया और वहां तोड़फोड की. इस घटना से दुखी शरीफ एलहुसैनी कहते हैं, 'हमें बहुत झटका लगा है क्योंकि हमने आतंकवाद की आलोचना करने के लिए कड़ी मेहनत की है.'

घटनाएं और भी हैं. छोटी-बड़ी कई. अमेरिकी राजनीति इस मुद्दे पर दो भागों में बंटी हुई है. एक ओर इन घटनाओं को उभार कर दिखाने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर वे हैं जिन पर इन घटनाओं की अनदेखी कर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. गलतियां दोनों ओर से हो रही हैं. और निर्दोष मुस्लिमों पर अत्‍याचार हो रहे हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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