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उत्तर प्रदेश में विपक्षी एकता को टक्कर देने में जुटे मोदी

    • बिजय कुमार
    • Updated: 27 जुलाई, 2018 09:56 PM
  • 27 जुलाई, 2018 09:56 PM
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मोदी ने साल 2019 के चुनावों के लिए कमर कस ली है और जनता को ये भरोसा दिलाने में लग गए हैं कि उनके खिलाफ आरोप व दुष्प्रचार की राजनीति हो रही है क्योंकि वो गरीब और कमजोरों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.

हाल ही में लोकसभा में भारी अंतर से विश्वास मत जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले ही दिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जनता के बीच अपनी बात रखी, जिसमें 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान के कैम्पेन की झलक देखने को मिली. ऐसा नहीं हैं कि वो और उनकी पार्टी बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब ये शुरुआत की हो बल्कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इसके लिए काफी पहले से पूरे देश में दौरा कर रहे हैं. लेकिन ये सभी जानते हैं कि देश की सत्ता में काबिज होने के लिए किसी भी दल को उत्तर प्रदेश में बेहतर करना होगा और पिछले चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगी दल ने 80 में से रिकार्ड 73 सीटें जीती थीं. उसके बाद पार्टी ने कुछ ऐसा ही कमाल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी किया था.

कुछ इसी तरह के प्रदर्शन को पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में भी दोहराना चाहती है, लेकिन प्रदेश में हाल के उपचुनाव नतीजों ने बीजेपी के लिए जरूर खतरे की घंटी बजा दी थी शायद यही वजह है कि पार्टी प्रदेश में किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती तभी तो कुछ दिनों पहले ऐसी खबर आयी थी कि नरेंद्र मोदी महीने में एक बार प्रदेश का दौरा करेंगे लेकिन पिछले एक महीने की बात करें तो इस दौरान मोदी कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2019 के चुनावों के लिए कमर कस ली है

प्रदेश में प्रधानमंत्री के दौरों पर गौर करें तो इसमें उनका वही पुराना अंदाज नजर आ रहा है जिसमें वो विपक्षियों पर हमले करते हैं और खुद को जनता से जोड़ते हैं. विश्वास मत हासिल करने के बाद शाहजहांपुर के दौरे पर गए मोदी जनता से हामी भरवाने की अपनी चिरपिरचित शैली का उपयोग करते हुए एक बार फिर देखे गए. गन्ना मूल्य बढ़ोतरी से लेकर एमएसपी के फायदे भी गिनाये जो किसानों को रास आ सकता है क्योंकि विपक्ष किसानों और...

हाल ही में लोकसभा में भारी अंतर से विश्वास मत जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले ही दिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जनता के बीच अपनी बात रखी, जिसमें 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान के कैम्पेन की झलक देखने को मिली. ऐसा नहीं हैं कि वो और उनकी पार्टी बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब ये शुरुआत की हो बल्कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इसके लिए काफी पहले से पूरे देश में दौरा कर रहे हैं. लेकिन ये सभी जानते हैं कि देश की सत्ता में काबिज होने के लिए किसी भी दल को उत्तर प्रदेश में बेहतर करना होगा और पिछले चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगी दल ने 80 में से रिकार्ड 73 सीटें जीती थीं. उसके बाद पार्टी ने कुछ ऐसा ही कमाल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी किया था.

कुछ इसी तरह के प्रदर्शन को पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में भी दोहराना चाहती है, लेकिन प्रदेश में हाल के उपचुनाव नतीजों ने बीजेपी के लिए जरूर खतरे की घंटी बजा दी थी शायद यही वजह है कि पार्टी प्रदेश में किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती तभी तो कुछ दिनों पहले ऐसी खबर आयी थी कि नरेंद्र मोदी महीने में एक बार प्रदेश का दौरा करेंगे लेकिन पिछले एक महीने की बात करें तो इस दौरान मोदी कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2019 के चुनावों के लिए कमर कस ली है

प्रदेश में प्रधानमंत्री के दौरों पर गौर करें तो इसमें उनका वही पुराना अंदाज नजर आ रहा है जिसमें वो विपक्षियों पर हमले करते हैं और खुद को जनता से जोड़ते हैं. विश्वास मत हासिल करने के बाद शाहजहांपुर के दौरे पर गए मोदी जनता से हामी भरवाने की अपनी चिरपिरचित शैली का उपयोग करते हुए एक बार फिर देखे गए. गन्ना मूल्य बढ़ोतरी से लेकर एमएसपी के फायदे भी गिनाये जो किसानों को रास आ सकता है क्योंकि विपक्ष किसानों और उनकी आय को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर दिख रहा है.

कह सकते हैं कि सरकार भी इसे लेकर काफी चिंतित दिख रही है खासकर कैराना में मिली हार ने ये सन्देश दिया था कि यहां गन्ना चलेगा ना कि जिन्ना. मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए लोगों में ये सन्देश देना चाहा कि विपक्ष ने अपने शासनकाल में कुछ नहीं किया और अब जब वो जनता के हित में कुछ कर रहे हैं तो उनपर बेवजह हमले किये जा रहे हैं. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार, किसान और गरीबों को मुद्दा बनाने कि कोशिश कर ये जता दिया कि वो कैसे किसानों और गरीबों के लिए काम कर रहे हैं जो अब तक किसी ने नहीं किया और शायद इसीलिए उनपर हमले हो रहे हैं. उन्होंने चतुराई के साथ अपनी सियासी लड़ाई को गरीबों, महिलाओं, बेटियों और नौजवानों तथा गांवों की अस्मिता से जोड़कर जता दिया कि चुनाव में विपक्ष को घेरने का यह बड़ा मुद्दा बनेगा और इससे वो एक बार फिर विपक्ष को मात देने में कामयाब हो जायेंगे.

उन्होंने शाहजहांपुर में कहा था कि मेरा दोष सिर्फ इतना है कि 90 हजार करोड़ रुपये की बेईमानी रोक दी, जिससे बहुतों की दुकानें बंद हो गई हैं. बता दें कि यहां वो लाभार्थियों के खातों में सीधे धन पहुंचाने की बात कर रहे थे. भ्रष्टाचार पर इस तरह की रोक का जिक्र कर उन्होंने कहा कि कोई मुफ्त की कमाई बंद कर दे तो उस पर भरोसा कैसे करेंगे तभी तो मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए थे.

कह सकते हैं कि मोदी ने साल 2019 के चुनावों के लिए कमर कस ली है और जनता को ये भरोसा दिलाने में लग गए हैं कि उनके खिलाफ आरोप व दुष्प्रचार की राजनीति हो रही है क्योंकि वो गरीब और कमजोरों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. साथ ही वो खुद भी काम के दमपर ही इस मुकाम पर पहुंचे हैं क्योंकि वो नामदार नहीं हैं मतलब उन्होंने विक्टिम कार्ड खेला.

मोदी के उत्तर प्रदेश दौरे

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी व अमृत के तीन साल पूरे होने के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री शनिवार (जुलाई 28) को लखनऊ जायेंगे. इस दौरान वो कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे.

इससे पहले मोदी ने इस महीने की 21 तारीख को शाहजहांपुर में एक रैली को सम्बोधित किया था. 15 जुलाई को वो अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और मिर्ज़ापुर के दौरे पर थे इस दौरान उन्होंने कई परियोजनाओं कि शुरुआत की थी और उसके एक दिन पहले उन्होंने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था और रैली को सम्बोधित कर सपा-बसपा पर हमले बोले थे. वहीं 9 जुलाई को प्रधानमंत्री ने नोएडा में सैमसंग के प्लांट का शिलान्यास किया था. 28 जून को प्रधानमंत्री ने संत कबीर नगर में कबीर अकेडमी का उद्धघाटन किया था और मगहर में एक रैली को भी सम्बोधित किया था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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