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कर्नाटक में विधायकों को मुख्यमंत्री की दुखती रग मिल गई है !

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 08 जुलाई, 2019 01:32 PM
  • 08 जुलाई, 2019 01:32 PM
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कुमारस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले जेडीएस के तीन विधायकों को मंत्रीपद का ऑफर देते हुए पार्टी में वापस आने की अपील की है. वैसे, ये कोई नई बात नहीं है. ये कुमारस्वामी का पुराना हथकंडा है.

कर्नाटक में सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. इस्तीफा देने पर अड़े विधायक किसी भी हाल में मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस अपने विधायकों को समझाने में लगी है और कुमारस्वामी अपने विधायकों को मनाने के तरीके तलाश रहे हैं. स्थिति ये हो गई है कि कुमारस्वामी लुभावने ऑफर तक देने लगे हैं. उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने वाले अपने तीन विधायकों को मंत्रीपद का ऑफर देते हुए पार्टी में वापस आने की अपील की है. वैसे, ये कोई नई बात नहीं है. ये कुमारस्वामी का पुराना हथकंडा है. पार्टी से जाते नेता को वापस बुलाने के लिए उन्हें लालच देने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है.

कुमारस्वामी का यही बर्ताव अब उनकी कुर्सी को खतरे में डाल रहा है. कुमारस्वामी को चाहिए कि वह अपने विधायकों का भरोसा जीतें और कांग्रेस से भी ऐसा करने को कहें, ना कि कुछ लालच देकर उन्हें वापस बुलाया जाए. जिस तरह कुमारस्वामी जाने वालों को वापस बुलाने के लिए ऑफर दे रहे हैं, वो देखकर तो यही लग रहा है कि कर्नाटक में विधायकों को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की दुखती रग मिल गई है. जिस विधायक को लगता है कि उसको पूरी तवज्जो नहीं मिल रही है, वह इस्तीफा देकर चल देता है और फिर कुमारस्वामी उसे वापस बुलाने के लिए कुछ खास देने को तैयार हो जाते हैं. ऐसा पहले भी हो चुका है.

कुमारस्वामी की दुखती रग विधायकों के हाथ लग गई है.

दो निर्दलीयों को दिया था ऑफर

ये बात इसी बात जनवरी महीने की है, जब 2 निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने पार्टी से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, बाद में कुमारस्वामी सरकार ने उन्हें मना लिया और हाल ही में दोनों को मंत्रिमंडल में भी शामिल कर लिया. वैसे, लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था, जिससे निपटने के...

कर्नाटक में सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. इस्तीफा देने पर अड़े विधायक किसी भी हाल में मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस अपने विधायकों को समझाने में लगी है और कुमारस्वामी अपने विधायकों को मनाने के तरीके तलाश रहे हैं. स्थिति ये हो गई है कि कुमारस्वामी लुभावने ऑफर तक देने लगे हैं. उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने वाले अपने तीन विधायकों को मंत्रीपद का ऑफर देते हुए पार्टी में वापस आने की अपील की है. वैसे, ये कोई नई बात नहीं है. ये कुमारस्वामी का पुराना हथकंडा है. पार्टी से जाते नेता को वापस बुलाने के लिए उन्हें लालच देने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है.

कुमारस्वामी का यही बर्ताव अब उनकी कुर्सी को खतरे में डाल रहा है. कुमारस्वामी को चाहिए कि वह अपने विधायकों का भरोसा जीतें और कांग्रेस से भी ऐसा करने को कहें, ना कि कुछ लालच देकर उन्हें वापस बुलाया जाए. जिस तरह कुमारस्वामी जाने वालों को वापस बुलाने के लिए ऑफर दे रहे हैं, वो देखकर तो यही लग रहा है कि कर्नाटक में विधायकों को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की दुखती रग मिल गई है. जिस विधायक को लगता है कि उसको पूरी तवज्जो नहीं मिल रही है, वह इस्तीफा देकर चल देता है और फिर कुमारस्वामी उसे वापस बुलाने के लिए कुछ खास देने को तैयार हो जाते हैं. ऐसा पहले भी हो चुका है.

कुमारस्वामी की दुखती रग विधायकों के हाथ लग गई है.

दो निर्दलीयों को दिया था ऑफर

ये बात इसी बात जनवरी महीने की है, जब 2 निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने पार्टी से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, बाद में कुमारस्वामी सरकार ने उन्हें मना लिया और हाल ही में दोनों को मंत्रिमंडल में भी शामिल कर लिया. वैसे, लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था, जिससे निपटने के लिए कुमारस्वामी सरकार का ये कदम सही साबित हुआ. अब इस बार पार्टी छोड़कर गए विधायकों को वापस लाने के लिए भी कुमारस्वामी ने वही पैंतरा चला है. ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार इस कदम का फायदा मिलता है या नहीं.

एच नागेश और आर शंकर ने कर्नाटक सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी थी.

लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गिरने के डर से कुमारस्वामी ने दोनों विधायकों को मनाकर मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया.

नागेश ने साबित कर दिया कि 'लालच बुरी बला' है

जनवरी में इस्तीफा दिए जिस निर्दलीय विधायक नागेश को कुमारस्वामी ने लालच देकर पार्टी में वापस बुलाया था, उन्होंने भी सोमवार की सुबह ही पार्टी से अपना समर्थन वापस ले लिया. इसके लिए उन्होंने राज्यपाल को चिट्ठी भी सौंप दी है. इतना ही नहीं इधर नागेश ने कुमारस्वामी सरकार से अपना समर्थन वापस लिया और उधर जाकर भाजपा को अपना समर्थन भी दे दिया है. विधायक नागेश की ये हरकत कुमारस्वामी को ये समझाने के लिए काफी है कि लालच करना भी बुरा होता है और लालच देना भी. ये समझना चाहिए अगर कोई लालच देने से आपके पास आ सकता है, तो वह दूसरे के पास भी जा सकता है.

ये ऑपरेशन कमल तो नहीं?

वैसे तो इस बात का आशंकाएं पहले से ही जताई जा रही हैं कि कर्नाटक में ऑपरेशन कमल चल रहा है. लेकिन इसी बीच नागेश के साथ येदियुरप्पा के पीए की तस्वीर भी सामने आई है, जिसे देखकर इस बात की शंका गहरा गई है कि कर्नाटक में ऑपरेशन कमल चल रहा है. आपको बता दें कि इस ऑपरेशन के तहत कांग्रेस और जेडीएस के विधायक पार्टी से इस्तीफा देंगे, जिससे सरकार गिर जाएगी और फिर वह विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे.

निर्दलीय विधायक नागेश की येदियुरप्पा के पीए के साथ तस्वीर कई शंकाएं पैदा कर रही है.

कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

कर्नाटक में सकंट की इस स्थिति में कुमारस्वामी के सामने और भी बड़ी मुसीबत आ गई है. कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इनके साथ ही साथ डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, जब से गठबंधन की ये सरकार बनी है, तभी से जेडीएस और कांग्रेस के बीच के मतभेद समय-समय पर सामने आते रहे हैं. कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया जाए, जबकि जेडीएस ऐसा न पहले होने दे रही थी ना ही अब होने देगी. ऐसे में कांग्रेस मंत्रियों के इस्तीफे से कुमारस्वामी पर दोहरा दबाव आ गया है. सरकार बचाने के लिए अब उन्हें कोई सख्त कदम उठाना होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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