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पूर्वोत्‍तर कांग्रेस-मुक्त! मिजोरम नतीजे राहुल गांधी के लिए शर्मनाक हैं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 11 दिसम्बर, 2018 01:29 PM
  • 11 दिसम्बर, 2018 01:25 PM
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मिजोरम में चल रही मतगणना के जो शुरूआती रुझान सामने आ रहे हैं उनको देखकर साफ हो गया है कि पूर्वोत्‍तर-भारत कांग्रेस-मुक्त हो गया है और यहां एमएनएफ भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकती है.

पांच राज्यों में हुए चुनावों की मतगणना जारी है और जल्द ही परिणाम हमारे सामने होंगे. इस बीच सबसे दिलचस्प नजारा पूर्वोतर के मिजोरम का है. पांच राज्यों में पूर्वोत्तर वो स्थान जरूर बन गया है जहां पीएम मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना सच हो गया है. ये सपना हालांकि बीजेपी ने नहीं, बल्कि स्‍थानीय पार्टी म‍िजो नेशनल फ्रंट ने पूरा किया है. राज्य की 40 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना में रुझान साफतौर पर कांग्रेस के खिलाफ हैं और राज्य में एमएनएफ 40 में से 29 सीटों पर आगे है. कांग्रेस के मौजूदा मुख्‍यमंत्री लाल थनहवला अपनी दोनों सीटों पर चुनाव हार गए हैं.

मतगणना के शुरूआती रुझानों में मिजोरम में जनता ने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया है

मिजोरम के सन्दर्भ में इस बात के कयास चुनाव से बहुत पहले लगा लिए गए थे कि यहां कांग्रेस की हालत अच्छी नहीं है. चुनावों में मिजोरम से कांग्रेस का सफाया होना तय माना जा रहा था. चुनाव के बाद जब एग्जिट पोल के नतीजे आए तब स्थिति और साफ हो गई. एग्जिट पोल में ये बात निकल कर सामने आई थी कि मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ सत्ता हासिल कर सकती है. साथ ही उसका कड़ा मुकाबला कांग्रेस से बताया जा रहा था. यहां आश्चर्यजनक रूप से भाजपा का दूसरे पायदान पर आना इस बात के साफ संकेत दे देता है कि मिजोरम में कांग्रेस फाइट में थी ही नहीं.

आपको बताते चलें कि मिजोरम चुनावों के मद्देनजर, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की गई और वहीं साफ हो गया कि मिजोरम की जनता ने अपने ऊपर शासन की जिम्मेदारी किसे सौंपी है.

पांच राज्यों में हुए चुनावों की मतगणना जारी है और जल्द ही परिणाम हमारे सामने होंगे. इस बीच सबसे दिलचस्प नजारा पूर्वोतर के मिजोरम का है. पांच राज्यों में पूर्वोत्तर वो स्थान जरूर बन गया है जहां पीएम मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना सच हो गया है. ये सपना हालांकि बीजेपी ने नहीं, बल्कि स्‍थानीय पार्टी म‍िजो नेशनल फ्रंट ने पूरा किया है. राज्य की 40 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना में रुझान साफतौर पर कांग्रेस के खिलाफ हैं और राज्य में एमएनएफ 40 में से 29 सीटों पर आगे है. कांग्रेस के मौजूदा मुख्‍यमंत्री लाल थनहवला अपनी दोनों सीटों पर चुनाव हार गए हैं.

मतगणना के शुरूआती रुझानों में मिजोरम में जनता ने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया है

मिजोरम के सन्दर्भ में इस बात के कयास चुनाव से बहुत पहले लगा लिए गए थे कि यहां कांग्रेस की हालत अच्छी नहीं है. चुनावों में मिजोरम से कांग्रेस का सफाया होना तय माना जा रहा था. चुनाव के बाद जब एग्जिट पोल के नतीजे आए तब स्थिति और साफ हो गई. एग्जिट पोल में ये बात निकल कर सामने आई थी कि मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ सत्ता हासिल कर सकती है. साथ ही उसका कड़ा मुकाबला कांग्रेस से बताया जा रहा था. यहां आश्चर्यजनक रूप से भाजपा का दूसरे पायदान पर आना इस बात के साफ संकेत दे देता है कि मिजोरम में कांग्रेस फाइट में थी ही नहीं.

आपको बताते चलें कि मिजोरम चुनावों के मद्देनजर, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की गई और वहीं साफ हो गया कि मिजोरम की जनता ने अपने ऊपर शासन की जिम्मेदारी किसे सौंपी है.

गौरतलब है कि मिजोरम में जनता के बीच कांग्रेस को लेकर गहरा असंतोष था. मिजोरम से जुड़ी ख़बरों पर अगर यकीन करें तो मिलता है कि 2008 से ही कांग्रेस के पी ललथनहवला राज्य के मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने मिजोरम को विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर रखा. वर्तमान में हालात कुछ ऐसे हैं कि आज भी राज्य की एक बड़ी आबादी अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करती दिखाई दे रही है.

बहरहाल एमएनएफ की अगुवाही में मिजोरम का भविष्य क्या होगा ये हमें जल्द ही पता चल जाएगा. मगर जिस तरह के शुरूआती रुझान हैं., उन्होंने साफ बता दिया है कि राज्य की जनता ने अपने मुकद्दर का सिकंदर उसे चुना है जिसे लेकर उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि वो उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ेगा और उन्हें वो अधिकार दिलाएगा जिन अधिकारों का वादा उनसे 2008 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने किया था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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