• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

ट्रंप को हिलेरी ने नहीं मिशेल ओबामा के एक भाषण ने हरा दिया

    • आईचौक
    • Updated: 14 अक्टूबर, 2016 04:48 PM
  • 14 अक्टूबर, 2016 04:48 PM
offline
'हमारे शरीर पर किए जाने वाले शर्मनाक कमेंट्स, हमारी महत्वकाक्षाओं और हमारी समझ का अपमान. ये सोच कि आप एक महिला के साथ कुछ भी कर सकते हैं. ये क्रूर है. ये भयावह है. और सच ये है कि ये पीड़ादायक है'

अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा, जो अब तक राजनीति की चकाचौंध से दूर रहीं, वो डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में न्यू हैम्पशायर में एक कैंपेन में शामिल हु्ईं जहां उन्होंने डॉनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा. ट्रम्प की महिला विरोधी टिप्पणियों के विरोध में उन्होंने ऐसा भाषण दिया, जिसने अच्छे अच्छों की बोलती बंद कर दी.

 डॉनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा

हाल ही में ट्रम्प का 2005 का एक वीडियो टेप सामने आया था जिसमें वह महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद से ट्रंप खुद को आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें लोगों से माफी मांगनी पड़ी. इस कैंपेन में मिशेल ओबामा ने इसी बात को मुद्दा बनाया और बेहद दमदार भाषण दिया.  

ये भी पढ़ें- डीबेट ही जीत सकती हैं हिलेरी क्योंकि चुनाव ट्रंप जीत चुके हैं

 अपने भाषण में कई बार भावुक हुईं मिशेल

एक यूनिवर्सिटि में सैकड़ों लोगों के सामने दिए गए अपने 25 मिनट के भाषण में मिशेल ओबामा की आवाज कई बार लड़खड़ाती सुनाई दी. अपने भाषण के दौरान वो इतनी भावुक हो गईं कि उनके शब्दों में उनकी पीड़ा साफ झलक रही थी. उन्होंने कहा -

अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा, जो अब तक राजनीति की चकाचौंध से दूर रहीं, वो डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में न्यू हैम्पशायर में एक कैंपेन में शामिल हु्ईं जहां उन्होंने डॉनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा. ट्रम्प की महिला विरोधी टिप्पणियों के विरोध में उन्होंने ऐसा भाषण दिया, जिसने अच्छे अच्छों की बोलती बंद कर दी.

 डॉनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा

हाल ही में ट्रम्प का 2005 का एक वीडियो टेप सामने आया था जिसमें वह महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद से ट्रंप खुद को आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें लोगों से माफी मांगनी पड़ी. इस कैंपेन में मिशेल ओबामा ने इसी बात को मुद्दा बनाया और बेहद दमदार भाषण दिया.  

ये भी पढ़ें- डीबेट ही जीत सकती हैं हिलेरी क्योंकि चुनाव ट्रंप जीत चुके हैं

 अपने भाषण में कई बार भावुक हुईं मिशेल

एक यूनिवर्सिटि में सैकड़ों लोगों के सामने दिए गए अपने 25 मिनट के भाषण में मिशेल ओबामा की आवाज कई बार लड़खड़ाती सुनाई दी. अपने भाषण के दौरान वो इतनी भावुक हो गईं कि उनके शब्दों में उनकी पीड़ा साफ झलक रही थी. उन्होंने कहा -

'पिछे हफ्ते हमने इस कैंडिडेट (डॉनल्ड ट्रम्प) को महिलाओं के यौन शोषण पर डींगे मारते सुना. और मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं ये कह रही हूं कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार महिलाओं के यौन शोषण पर शेखी बघारता है. मैं इसके बारे में सोचे बिना नहीं रह पा रही. इसने मुझे अंदर तलक इस कदर हिला कर रख दिया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी.'

'ये एक बुरा स्वप्न था. ये ऐसी बात नहीं थी कि इसे अनदेखा किया जा सके. ये केवल एक भद्दी बातचीत नहीं थी, ये लॉकर रूम में किया जाने वाला मजाक नहीं था. ये एक ताकतवर इंसान था जो महिलाओं पर अपने यौन हिंसक व्यवहार पर निडर होकर खुल्लमखुल्ला बोल रहा था, इतना ही नहीं महिलाओं को चूमने और उन्हें दबोचने पर ढ़ींगे भी मार रहा था, और इस तरह की भद्दी भाषा का इस्तेमाल कर रहा था कि हम में से बहुत से लोग को परेशान थे कि उनके बच्चों ने ये सब टीवी पर देखा होगा.

 महिला सशक्तिकरण पर की बात

'और इससे भी बुरी बात ये है कि ये काफी हद तक साफ है कि ये कोई अकेली घटना नहीं है. ये उन तमाम घटनाओं में से महज एक उदाहरण है कि उसने अपने पूरे जीवन में महिलाओं से किस तरह का व्यवहार किया है और मैं आपको ये बताना चाहती हूं कि मैंने ये सब कुछ सुना है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसे महसूस कर सकती हूं. और उम्मीद है कि आपमें से कई लोग भी महसूस करते होंगे, खासतौर पर महिलाएं.

हमारे शरीर पर किए जाने वाले शर्मनाक कमेंट्स, हमारी महत्वकाक्षाओं और हमारी समझ का अपमान. ये सोच कि आप एक महिला के साथ कुछ भी कर सकते हैं. ये क्रूर है. ये भयावह है. और सच ये है कि ये पीड़ादायक है. ये वो भद्दा सा अहसास है जो आपको तब महसूस होता है जब आप सड़क पर चल रहे होते हैं, अपने काम से काम रखे होते हैं और कुछ लोग अपके शरीर पर अश्लील फबतियां कसते हैं. या फिर आपके ऑफिस में कोई व्यक्ति आपके बेहद करीब आकर खड़ा हो जाता है, आपको कुछ देर तक घूरता है, आपको अपने ही शरीर में असहज महसूस करवाता है. ये भय और बलात्कार का अहसास है जिसे ज्यादातर महिलाओं ने तब महसूस किया जब किसी ने उन्हें जकड़ा और उनके साथ जबरदस्ती की और उन्होंने ना कहा तो उसे सुना ही नही. '

देखिए वीडियो-

मिशेल ओबामा ने यौन हिंसा और शोषण के खिलाफ महिलाओं को आवाज उठाने पर बल दिया. उन्होंने आगे कहा-

'हम महिलाओं पर ऐसे व्यवहार की कहानियां अपनी मां और दादी से सुना करते थे. ऑफिस में एक बॉस महिला से कैसे भी बात कर सकता था और कैसा भी व्यवहार कर सकता था फिर चाहे वो महिला कितनी भी मेहनत करती हो, सारी बाधाओं को पार करके खुद को साबित करती हो, लेकिन इतना काफी नहीं था. ये सब पुरानी बातें थीं. हम में से कितनी ही महिलाओं ने इसी हिंसा और अपमान में सालों काम किया..और आज भी वैसे ही हैं 2016 में भी हम ठीक ऐसी ही चीजें सुन रहे हैं. हम सब वही कर रहे हैं जो महिलाओं ने हमेशा से किया है. लेकिन पानी अब सर के ऊपर उठ गया है. और हम इस तरह का ढ़ोंग करने की कोशिश कर रहे हैं जैसे कि हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा. शायद इसलिए कि अपना दुख जताएंगी तो हम हमें कमजोर समझा जाएगा. हम अपनी भावनाओं को अपने भीतर छुपाकर उसे रिवाजों की तरह निभा रहे हैं.'

ये भी पढ़ें- अमेरिका का राष्ट्रपति कोई बने, क्या व्हाइट हाउस के इंटर्न्स सुरक्षित हैं?

मिशेल ओबामा के दमदार भाषण से महिलाएं बेहद प्रभावित हुईं

'ये सामान्य नहीं है. ये सामान्य राजनीति है ही नहीं. ये शर्मनाक है, असहनीय है, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पार्टी के हैं. कोई भी महिला नहीं चाहती कि उससे साथ ऐसा सुलूक किया जाए. हम में से कोई भी इस तरह के अपशब्द सुनना नहीं चाहता, मैं जानती हूं कि ये एक कैंपेन है, लेकिन ये राजनीति के बारे में नहीं बल्कि ये सामान्य मानवीय शिष्टाचार के बारे में है. ये सही और गलत के बारे में है. और हम अपने बच्चों को इसमें और झोंकना नहीं चाहते, न तो एक मिनिट के लिए और न ही अगले चार सालों के लिए. ये वो समय है जब हम सब एक साथ खड़े हों और ये कहें कि 'अब बहुत हुआ'.

ये भी पढ़ें- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस खेल रहा है बड़ा खेल!

ये भाषण महज चुनाव प्रचार का हिस्सा होकर भी उससे अलग बन गया. ये भाषण मिशेल ओबामा के दिल से निकली हुई आवाज लग रही थी. लग रहा था कि ये दो बेटियों की मां की एक वाजिब फिक्र है. महिलाओं का शोषण, यौन हिंसा और भेदभाव सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में हो रहा है. इसपर आवाजें उठती रही हैं लेकिन अमेरिका की प्रथम महिला के दिल से निकले हुए ये शब्द दुनिया भर की महिलाओं के दिल में उतर गए.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲