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ये धर्म का पैगाम देते हैं और बंदे बंदूक थाम लेते हैं...

    • आईचौक
    • Updated: 05 जुलाई, 2016 07:04 PM
  • 05 जुलाई, 2016 07:04 PM
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ढाका में खूनखराबा करने वालों को कहां से मिली आतंकवादी बनने की प्रेरणा? किसकी विचारधारा से प्रभावित हुए ये? जानिए इन युवकों का 'ब्रेनवॉश' करने वालों को...

'मैं मुस्लिमों से कहता हूं कि हर मुस्लिम को आतंकवादी होना चाहिए.' ये उपदेश मुंबई में जन्मे प्रसिद्ध इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के हैं. इस बात को सुनकर जाहिर सी बात है कि आपको झटका लगा होगा. अगर किसी इंसान के उपदेश इतने खतरनाक हों तो उसके परिणाम कितने घातक हो सकते हैं, इसका अंदाजा हाल ही में ढाका में हुए आतंकी हमले से हो जाता है.

जी हां, ढाका आतंकी हमले के पांच में से एक हमलावर रोहन इम्तियाज इसी जाकिर नाइक के अनुयायी थे और शायद इन दोनों हमलावरों ने जाकिर नाइक के 'हर मुस्लिम के आतंकवादी' बनने की अपील को ढाका हमलों के दौरान सही साबित करने की कोशिश की.

ढाका के इन दो हमलावरों में से दूसरा निबरस इस्लाम दो लोगों को फॉलो करता था, संयोग से इन दोनों के ही खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का केस चल रहा है. इनमें से एक बेंगलुरु का मेहदी मसरूर बिस्वास नाम का शख्स है, जिसे दिसंबर 2014 में एनआईए द्वारा आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा के प्रसार के आरोपों में गिरफ्तार किया था. बिस्वास पर ISIS समर्थित सबसे प्रभावशाली ट्विटर अकाउंट (शमी विटनेस) चलाने का आरोप लगा है.

देखें वीडियोः जाकिर नाइक ने कहा, 'हर मुस्लिम को आतंकवादी बनना चाहिए'

दूसरे शख्स का नाम अंजीम चौधरी है जोकि पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश नागरिक है. 49 वर्षीय अजीम चौधरी पर ब्रिटेन में आतंक रोधी कानूनों को तोड़ने के लिए ट्रायल चल रहा है. आम लोगों को आतंकवादी मानसिकता में तब्दील कर देने वाले तीन लोगों जाकिर नाइक, मेहदी मसरूर बिस्वास और अजीम चौधरी के बारे में जानना जरूरी है.

विवादित लेकिन बहुत लोकप्रिय है जाकिर नाइकः

जाकिर नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था. पेशे से डॉक्टर नाइक को इस्लाम धर्म पर होने वाली बहसों के कारण प्रसिद्धि मिली. लेकिन नाइक को असली पहचान उसके विवादित बयानों के कारण मिली. उसके हेट स्पीच की वजह से ही उसके ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया जैसे देशों में प्रवेश पर बैन लगा है. लेकिन जाकिर...

'मैं मुस्लिमों से कहता हूं कि हर मुस्लिम को आतंकवादी होना चाहिए.' ये उपदेश मुंबई में जन्मे प्रसिद्ध इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के हैं. इस बात को सुनकर जाहिर सी बात है कि आपको झटका लगा होगा. अगर किसी इंसान के उपदेश इतने खतरनाक हों तो उसके परिणाम कितने घातक हो सकते हैं, इसका अंदाजा हाल ही में ढाका में हुए आतंकी हमले से हो जाता है.

जी हां, ढाका आतंकी हमले के पांच में से एक हमलावर रोहन इम्तियाज इसी जाकिर नाइक के अनुयायी थे और शायद इन दोनों हमलावरों ने जाकिर नाइक के 'हर मुस्लिम के आतंकवादी' बनने की अपील को ढाका हमलों के दौरान सही साबित करने की कोशिश की.

ढाका के इन दो हमलावरों में से दूसरा निबरस इस्लाम दो लोगों को फॉलो करता था, संयोग से इन दोनों के ही खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का केस चल रहा है. इनमें से एक बेंगलुरु का मेहदी मसरूर बिस्वास नाम का शख्स है, जिसे दिसंबर 2014 में एनआईए द्वारा आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा के प्रसार के आरोपों में गिरफ्तार किया था. बिस्वास पर ISIS समर्थित सबसे प्रभावशाली ट्विटर अकाउंट (शमी विटनेस) चलाने का आरोप लगा है.

देखें वीडियोः जाकिर नाइक ने कहा, 'हर मुस्लिम को आतंकवादी बनना चाहिए'

दूसरे शख्स का नाम अंजीम चौधरी है जोकि पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश नागरिक है. 49 वर्षीय अजीम चौधरी पर ब्रिटेन में आतंक रोधी कानूनों को तोड़ने के लिए ट्रायल चल रहा है. आम लोगों को आतंकवादी मानसिकता में तब्दील कर देने वाले तीन लोगों जाकिर नाइक, मेहदी मसरूर बिस्वास और अजीम चौधरी के बारे में जानना जरूरी है.

विवादित लेकिन बहुत लोकप्रिय है जाकिर नाइकः

जाकिर नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था. पेशे से डॉक्टर नाइक को इस्लाम धर्म पर होने वाली बहसों के कारण प्रसिद्धि मिली. लेकिन नाइक को असली पहचान उसके विवादित बयानों के कारण मिली. उसके हेट स्पीच की वजह से ही उसके ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया जैसे देशों में प्रवेश पर बैन लगा है. लेकिन जाकिर नाइक मुस्लिमों के बीच बेहद लोकप्रिय है. वह पीस टीवी नाम से अपना एक टीवी चैनल भी चलाता है.

ढाका हमले में शामिल एक आतंकी रोहन इम्तियाज विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को फॉलो करता था

बांग्लादेश में जाकिर नाइक के लाखों फॉलोअर्स हैं जो पीस टीवी के माध्यम से उसके भाषणों को सुनते हैं. ढाका हमले में शामिल एक आतंकी रोहन इम्तियाज, जोकि अवामी लीग के नेता का बेटा है ने एक साल पहले अपने फेसबुक पेज पर जाकिर नाइक के 'हर मुस्लिम को आतंकी होना चाहिए' वाले बयान को पोस्ट किया था. यानी इन आतंकियों का ब्रेन वॉश एक दिन नहीं बल्कि लंबे समय में हुई प्रक्रिया है. जिनमें जाकिर नाइक जैसे लोगों ने अहम भूमिक अदा की.

मेहदी मसरूर ने ISIS की विचारधारा के प्रसार के लिए सोशल मीडिया को चुनाः

दिसंबर 2014 में जब एनआईए ने शमी विटनेस नामक एक ट्विटर हैंडल की जांच की तो उनके होश उड़ गए. ये ट्विटर हैंडल आतंकी संगठन ISIS की विचारधार को प्रचारित करने के लिए काम कर रहा था. इस ट्विटर हैंडल को चलाने वाला शख्स बेंगलुरु में काम करने वाला एख 24 साल का भारतीय शख्स मेहदी मसरूर बिस्वास था. पश्चिम बंगाल का रहने वाला बिस्वास टेक्नोलॉजी का माहिर था और अपने इस ज्ञान का उपयोग युवाओं के बीच ISIS की विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए कर रहा था. फिलहाल मेहदी जेल में है और उसके खिलाफ ISIS की विचारधार को फैलाने के आरोपों के तहत केस चल रहा है.

मेहदी मसरूर बिस्वास को दिसंबर 2014 में एनआईए ने ISIS की विचारधारा के प्रसार के आरोपों में अरेस्ट किया था

अंजीम चौधरी से भी प्रभावित थे ढाका के हमलावरः

पाकिस्तानी मूल के इस 49 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक अंजीम चौधरी के खिलाफ ब्रिटेन में आतंकवाद रोधी कानून को तोड़ने के लिए केस चल रहा है. अंजीम चौधरी के भड़काऊ भाषणों के कई वीडियो यूट्यूब पर मौजूद हैं. चौधरी अपने समर्थकों से इराक और सीरिया में ISIS के कब्जे वाले इलाके में जाने की अपील करता है. ढाका हमले के दो हमलवरों में से एक नबरीस आलम अंजीम और मेहदी मसरूर को फॉलो करता था.

पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक अंजीम चौधरी के खिलाफ ब्रिटेन में आतंकरोधी कानून तोड़ने का केस चल रहा है

भड़काऊ भाषणों और विचारधारा से बने दो लड़के आतंकीः

ढाका हमले में शामिल पांचों हमलवरों की उम्र औसतन 20 वर्ष है. इनमें निबरस इस्लाम की उम्र 22 और रोहन की महज 20 वर्ष है. खास बात ये कि ये सभी अच्छे घरों से आते हैं. इनमें से एक रोहन इम्तियाज तो बांग्लादेश अवामी लीग के एक बड़े नेता का बेटा है. इन पांच हमलावरों में से दो निबरस इस्लाम और रोहन के बारे मं कहा जा रहा है कि ये दोनों पिछले एक से दो साल के दौरान जाकिर नाइक, मेहदी बिस्वास और अंजीम चौधरी जैसे विवादित इस्लामिक उपदेशकों की विचारधार को फॉलो कर रहे थे.

इन कट्टरपंथी विचारकों के भड़काऊ उपदेशों ने ही इन दोनों लड़कों का ब्रेन वॉश करने में अहम भूमिका निभाई. लापता होने से पहले तक ये दोनों इन लोगों के भड़काऊ भाषणों को ऑनलाइन फॉलो करते थे. इन हमलावरों की उम्र बेहद कम थी और अविकसित दिमाग में जानबूझकर किसी उग्र विचारधारा को भरना बेहद आसान होता है. जाकिर नाइक, मेहदी बिस्वास और अंजीम चौधरी जैसे भड़काऊ भाषण देने वाले लोगों की बातों का असर कम उम्र के लड़कों पर ज्यादा पड़ता है. ये बात ढाका के बेहद कम उम्र के इन हमलावरों से साफ पता चलती है. युवाओं को भटाककर आतंक के रास्ते पर ले जाने वाले जाकिर नाइक, मेहदी और अंजीम जैसे लोगों पर लगाम कसना बेहद जरूरी है.

यानी ढाका हमलों में शामिल पांच आतंकवादियों के अलावा पर्दे के पीछे से जाकिर नाइक, मेहदी बिस्वास और अंजीम चौधरी नामक तीन मास्टर माइंड भी थे.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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