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क्या जेएनयू वाले नए नेता सिर्फ मीडिया में चमकना चाहते थे?

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 13 अक्टूबर, 2016 06:33 PM
  • 13 अक्टूबर, 2016 06:33 PM
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इन्होंने हंसी-मज़ाक में इस घटना को अंजाम दिया है सिर्फ और सिर्फ मीडिया में चमकने के लिये. जब ये जेल जाएंगे तब समझेंगे कि प्रधानमंत्री का रावण रूपी पुतला फूंकने से क्या होता है?

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर वहीं हुआ है जिसकी उम्मीद सिर्फ उसी से की जा सकती थी. आप जो ख़बर टीवी चैनलों पर देख रहैं है कि जेएनयू में मोदी के साथ बीजेपी के कई नेताओं का पुतला फूंका जाना और ये कहना कि ये लोग दलितों और मुसलमानों के दुश्मन है इसलिये इनका पुतला फूंका जा रहा है.

मगर जिस सनी धीवान नाम के लड़के ने इस वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट किया है उसे एक बार ध्यान से पूरा देखिये. गिनती के लोग आपको नज़र आएगें. सनी नाम का एनएसयूआई का नेता भाषण दे रहा है जिसे सुनने में किसी कि कोई रुची नहीं है. ज़बरदस्ती एक नेता बनने कि कोशिश की जा रही है. वीडियो का मक्सद ही ये है कि इन स्टूडेंट्स को मीडिया में आने को खूब शौक है.

इसे भी पढ़ें: जेएनयू में क्यों उठता है अफजल गुरु का नाम?

एक लड़की को सनी जब भाषण के लिये बुलाता है तो वो लड़की का सभी मिलकर मज़ाक बनाते हैं. उस लड़की की आवाज़ ठीक से सुनाई नहीं पड़ती है तो लोग उसकी हंसी उड़ाते हैं. कहते हैं कि ज़ोर सो बोलो आवाज़ नहीं रही है. केजरीवाल समर्थक भी इन स्टूडेंट्स को कहा जाता है. और किसी तरह हंसी -मज़ाक में वो लड़की अपना भाषण पूरा करती है.

 क्या अब इन लोगों को सबक सिखाने की ज़रुरत है?

यानी कि पूरी तरह से एक छोटा सा पुतला बनाकर उस पर प्रधानमंत्री सहित कुछ नेताओं की तस्वीर लगाकर ये यूवा नेता सिर्फ औऱ सिर्फ मीडिया में चेहरा बनना चाहते थे और उनका ये मिशन पूरा भी हो गया.

इन लोगों ने खुद...

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर वहीं हुआ है जिसकी उम्मीद सिर्फ उसी से की जा सकती थी. आप जो ख़बर टीवी चैनलों पर देख रहैं है कि जेएनयू में मोदी के साथ बीजेपी के कई नेताओं का पुतला फूंका जाना और ये कहना कि ये लोग दलितों और मुसलमानों के दुश्मन है इसलिये इनका पुतला फूंका जा रहा है.

मगर जिस सनी धीवान नाम के लड़के ने इस वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट किया है उसे एक बार ध्यान से पूरा देखिये. गिनती के लोग आपको नज़र आएगें. सनी नाम का एनएसयूआई का नेता भाषण दे रहा है जिसे सुनने में किसी कि कोई रुची नहीं है. ज़बरदस्ती एक नेता बनने कि कोशिश की जा रही है. वीडियो का मक्सद ही ये है कि इन स्टूडेंट्स को मीडिया में आने को खूब शौक है.

इसे भी पढ़ें: जेएनयू में क्यों उठता है अफजल गुरु का नाम?

एक लड़की को सनी जब भाषण के लिये बुलाता है तो वो लड़की का सभी मिलकर मज़ाक बनाते हैं. उस लड़की की आवाज़ ठीक से सुनाई नहीं पड़ती है तो लोग उसकी हंसी उड़ाते हैं. कहते हैं कि ज़ोर सो बोलो आवाज़ नहीं रही है. केजरीवाल समर्थक भी इन स्टूडेंट्स को कहा जाता है. और किसी तरह हंसी -मज़ाक में वो लड़की अपना भाषण पूरा करती है.

 क्या अब इन लोगों को सबक सिखाने की ज़रुरत है?

यानी कि पूरी तरह से एक छोटा सा पुतला बनाकर उस पर प्रधानमंत्री सहित कुछ नेताओं की तस्वीर लगाकर ये यूवा नेता सिर्फ औऱ सिर्फ मीडिया में चेहरा बनना चाहते थे और उनका ये मिशन पूरा भी हो गया.

इन लोगों ने खुद अपनी फेसबुक वॉल से सभी फोटो शेअर की. इस ख़बर को पहले किसी ने नहीं छापा. कुछ ऐसी न्यूज़ वेबसाइट जिन्हें कोई नहीं जानता है, ऐसी वेबसाइट्स पर इनकी ख़बर को शेयर किया गया. उसके बाद कई अख़बारों ने इसे कल शाम छापा. ये लोग इन ख़बर को ऐसे शेयर कर रहे थे जैसे कि उनका सपना पूरा हो गया हो. जो वो करना चाहते थे उन्हें मिल गया हो.

इसे भी पढ़ें: क्या यही है कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति की नई परिभाषा?

मगर आज सुबह जब देश के तमाम बड़े चैनलों ने इसे दिखाना शुरु किया तो ये लोग मानो हीरो बन गए. आज तक तो जेएनयू में सिर्फ एक ही हीरो हुआ करता था जिसका नाम है कन्हैया. मगर अब ये लोग आज जेएनयू के नए हीरो हैं. जो वो करना चाहते थे वो आज कर चुके हैं. देश के तमाम बड़े चैनलों में उनके लाईव चैट हो रहै है. खूब इंटरव्यू दे रहे हैं.

मगर इन लोगों को सबक सिखाने की भी ज़रुरत है. इन्होंने हंसी-मज़ाक में इस घटना को अंजाम दिया है सिर्फ और सिर्फ मीडिया में चमकने के लिये. मगर इनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए. जब ये जेल जाएंगे तब इन्हें समझ आयेगा कि प्रधानमंत्री का रावण रुपी पुतला फूंकना क्या होता है? इसका अंजाम क्या-क्या हो सकता है? आप जेल भी जा सकते हो?


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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