• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

शिवराज ‘मामा’ को अचानक ‘बुलडोजर मामा’ कहलाना क्यों पसंद आने लगा!

    • अमित जैन
    • Updated: 23 मार्च, 2022 10:56 PM
  • 23 मार्च, 2022 10:56 PM
offline
मध्य प्रदेश में अगले चुनाव में समय कम बचा है और ऐसे में यदि अगले चुनावों में भी पार्टी का चेहरा शिवराज होते हैं तो उन्हें अपनी पुरानी छवि को बदलने काफी मेहनत करनी पड़ेगी. योगी के नाम का बुलडोजर शिवराज के काम तभी आएगा जब शिवराज योगी की तर्ज पर काम करना शुरू करेंगे.

देश भर में उत्तर प्रदेश के मुखयमंत्री 'बुलडोजर बाबा' के नाम से विख्यात हो गए हैं और उनकी इस छवि को जनता ने पसंद किया है. अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले अपनी नयी छवि गढवाना चाह रहे है, वो भी मुख्यमंत्री योगी की तरह ही. अब शिवराज के प्रचार में 'मामा का बुलडोजर' जुड़ गया है और उन्हें भी 'बुलडोजर मामा' के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. सालाना आकड़ो के मुताबिक प्रदेश में अपराध और खासतौर पर महिलाओं के अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं और यही कारण हैं कि शिवराज उत्तर प्रदेश का ‘बुलडोजर’ वाला दांव प्रदेश में खेलना चाहते हैं. साथ ही वे अपनी सरल छवि को एक 'हार्ड लाइनर' में बदलना चाह रहें हैं. हालांकि सन 2004 के बाद से बीजेपी 17 साल से सत्ता में है और उसमें में शिवराज सिंह चौहान को 15 साल से जयादा हो चुके है और प्रदेश में सबसे लम्बे समय मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि पहली बार सत्ता संभालने के बाद ही उन्होंने प्रदेश में डाकुओं का सफाया किया था और ऐसा भी वे अपराधियों के साथ करना चाहते हैं.

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कुछ वैसा ही कर रहे हैं जैसा यूपी में योगी आदित्यनाथ

वैसे तो शिवराज की छवि सरल व्यक्तित्व वाले नेता की है. आपको बता दें कि जब 29 नवम्बर 2005 को वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें लोग ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से जानते थे. शिवराज जब सांसद बने थे तो उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में गाडी में जाने की बजाय पदयात्राएं करना पसंद करते थे और तभी से जनता ने उन्हें 'पांव-पांव वाले भैया' का नाम दे दिया था.

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने पद यात्रायें नहीं छोड़ी और उप...

देश भर में उत्तर प्रदेश के मुखयमंत्री 'बुलडोजर बाबा' के नाम से विख्यात हो गए हैं और उनकी इस छवि को जनता ने पसंद किया है. अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले अपनी नयी छवि गढवाना चाह रहे है, वो भी मुख्यमंत्री योगी की तरह ही. अब शिवराज के प्रचार में 'मामा का बुलडोजर' जुड़ गया है और उन्हें भी 'बुलडोजर मामा' के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. सालाना आकड़ो के मुताबिक प्रदेश में अपराध और खासतौर पर महिलाओं के अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं और यही कारण हैं कि शिवराज उत्तर प्रदेश का ‘बुलडोजर’ वाला दांव प्रदेश में खेलना चाहते हैं. साथ ही वे अपनी सरल छवि को एक 'हार्ड लाइनर' में बदलना चाह रहें हैं. हालांकि सन 2004 के बाद से बीजेपी 17 साल से सत्ता में है और उसमें में शिवराज सिंह चौहान को 15 साल से जयादा हो चुके है और प्रदेश में सबसे लम्बे समय मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि पहली बार सत्ता संभालने के बाद ही उन्होंने प्रदेश में डाकुओं का सफाया किया था और ऐसा भी वे अपराधियों के साथ करना चाहते हैं.

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कुछ वैसा ही कर रहे हैं जैसा यूपी में योगी आदित्यनाथ

वैसे तो शिवराज की छवि सरल व्यक्तित्व वाले नेता की है. आपको बता दें कि जब 29 नवम्बर 2005 को वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें लोग ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से जानते थे. शिवराज जब सांसद बने थे तो उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में गाडी में जाने की बजाय पदयात्राएं करना पसंद करते थे और तभी से जनता ने उन्हें 'पांव-पांव वाले भैया' का नाम दे दिया था.

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने पद यात्रायें नहीं छोड़ी और उप चुनाव के दौरान शुरू के छह महीने में ही पूरा बुधनी क्षेत्र पैरों से नाप दिया था. शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले कार्यकाल में लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना की शुरुवात करके के बच्चों के मामा बन गए और बच्चों को वे अपने सम्बोधन में भांजे - भांजियां ही कहा करते हैं.

आपको याद दिला दें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर को भी जनता ने बुलडोजर मंत्री का नाम दिया था, जब वे 1990 के दशक में सुन्दरलाल पटवा सरकार में नगर विकास मंत्री थे. गौर ने कांग्रेस के विरोध के बावजूद कई शहरों से अतिक्रमण अलग करवाया था.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 'बुलडोजर मामा' की उपाधि हाल में ही पूर्व प्रोटेम स्पीकर और हुजूर से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने दी है और उन्होंने अपने घर के बाहर एक होर्डिंग लगवा लिया है. इस होर्डिंग में लिखा है बेटी की सुरक्षा में जो बनेगा रोड़ा, मामा का बुलडोजर बनेगा हथोड़ा. दो तीन दिन के भीतर ही इस तरह के कई होर्डिंग शहर में लगना शुरू हो गए हैं.

आज शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर रामेश्वर शर्मा ने दर्जन भर बुलडोजर मुख्यमंत्री निवास के सामने खड़े कर उनका स्वागत किया. शिवराज ने भी 'बुलडोजर मामा' का नाम स्वीकार किया और लगे हाथ आरोपियों को कड़ी चेतावनी दे डाली.

कह सकते हैं कि अपनी नयी पहल से शिवराज अपनी सरल छवि को बदल रहे हैं

शिवराज सरकार ने कुछ दिन पहले ही श्योपुर में नाबालिग बच्ची से बलात्कार के आरोपी शाहबाज, मोहसिन और रियाज के घर तुड़वा दिया. ऐसा ही उन्होंने सिवनी में आरोपियों के घर के साथ भी किया. नेशनल क्राइम ब्रांच के पिछले साल के आकड़ो के अनुसार बलात्कार में प्रदेश यूपी, राजस्थान के बाद तीसरे नंबर पर है और प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 6 बलात्कार पुलिस थानों में दर्ज होते है.

कांग्रेस के कमल नाथ सरकार की सत्ता पलट के बाद से शिवराज के हटने की ख़बरें आते रहती हैं और दो साल भी बीत गए हैं. अब शिवराज के लिए भी आलाकमान को दिखाने का समय आ गया है क्योंकि अगले साल चुनाव हैं... और ये बात शिवराज भी जानते हैं कि 2019 के चुनाव में उनकी मामा वाली छवि काम नहीं आई थी और बिना मुद्दों के भी जनता ने कांग्रेस को सत्ता से नवाजा था.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का आरोप है कि शिवराज मामा का बुलडोजर आंख वाला है और वो बीजेपी से जुड़े आरोपियों पर नहीं चलता है. पिछले 15 साल से प्रदेश में शिवराज ने बच्चों के मामा की छवि बनाई है और अब वे उससे उलट एक कड़े प्रशासक की छवि बनाना चाहते है.

अगले चुनाव में समय कम बचा है और ऐसे में यदि अगले चुनावों में भी पार्टी का चेहरा शिवराज होते हैं तो उन्हें अपनी पुरानी छवि को बदलने काफी मेहनत करनी पड़ेगी. योगी के नाम का बुलडोजर शिवराज के काम तभी आएगा जब शिवराज योगी की तर्ज पर काम करना शुरू करेंगे.

ये भी पढ़ें -

Birbhum violence में कौन मारे गए हैं और क्यों हो रही है हिंदू-मुस्लिम वाली राजनीति!

Bhagat Singh कैसे जोड़ते भारत और पाकिस्तान को?

The Kashmir Files के बाद 'सावरकर' पर फिल्म, बॉलीवुड बवाल ही मचाने जा रहा है! 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲