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21वीं सदी की 7 सर्जिकल स्ट्राइक, जिसके बारे में बात नहीं हुई

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 13 मार्च, 2019 10:34 AM
  • 12 मार्च, 2019 08:48 PM
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कांग्रेस का कहना है कि उनके कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. एक-दो नहीं, बल्कि 5 बार, लेकिन उन्होंने उसका ना तो प्रचार किया ना ही उस पर राजनीति की. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इसकी पूरी लिस्ट सामने रख दी है.

पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर हमला किया. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें करीब 300 आतंकी मारे गए हैं. इस एयर स्ट्राइक को लेकर विपक्ष की ओर से कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं. इसी तरह से सवाल तब भी उठे थे, जब 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. लेकिन अभी मामला लोकसभा चुनाव का है तो भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक पर राजनीतिक करने का आरोप लगा रही हैं.

इसी बीच आजतक के एक कार्यक्रम में आमना-सामना हुआ भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का. इस बार भी बात चल पड़ी हिम्मत दिखाने और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए सबक सिखाने की. इसी बीच अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार से पहले हुए सर्जिकल स्ट्राइक्स की पूरी लिस्ट गिना डाली. तो चलिए आपको बताते हैं मोदी सरकार से पहले कब-कब सर्जिकल स्ट्राइक हुईं और उनमें कितने पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी मारे गए.

कांग्रेस का कहना है कि उनके कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. एक-दो नहीं, बल्कि 5 बार.

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी हुई थीं सर्जिकल स्ट्राइक

22 जनवरी, 2000

भारतीय सेना के करीब 100 जवानों ने 22 जनवरी 200 को जम्मू-कश्मीर के चेनाब सेक्टर में एक ऑपरेशन किया था. इसमें करीब 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. इसे 'स्पेक्टेकुलर कोवर्ट ऑपरेशन' भी कहा जाता है. आधी रात को हुए ऑपरेशन में चेनाब सेक्टर के इफ्तिखाराबाद को तीन तरफ से घेरकर इस मिशन को अंजाम दिया गया.

18 सितंबर, 2003

पुंछ के बरोह सेक्टर में, पाकिस्तानी सेना ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एक पाकिस्तानी जेसीओ (JCO) और तीन सैनिकों को मार दिया है. भींबेर गली के...

पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर हमला किया. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें करीब 300 आतंकी मारे गए हैं. इस एयर स्ट्राइक को लेकर विपक्ष की ओर से कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं. इसी तरह से सवाल तब भी उठे थे, जब 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. लेकिन अभी मामला लोकसभा चुनाव का है तो भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक पर राजनीतिक करने का आरोप लगा रही हैं.

इसी बीच आजतक के एक कार्यक्रम में आमना-सामना हुआ भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का. इस बार भी बात चल पड़ी हिम्मत दिखाने और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए सबक सिखाने की. इसी बीच अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार से पहले हुए सर्जिकल स्ट्राइक्स की पूरी लिस्ट गिना डाली. तो चलिए आपको बताते हैं मोदी सरकार से पहले कब-कब सर्जिकल स्ट्राइक हुईं और उनमें कितने पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी मारे गए.

कांग्रेस का कहना है कि उनके कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. एक-दो नहीं, बल्कि 5 बार.

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी हुई थीं सर्जिकल स्ट्राइक

22 जनवरी, 2000

भारतीय सेना के करीब 100 जवानों ने 22 जनवरी 200 को जम्मू-कश्मीर के चेनाब सेक्टर में एक ऑपरेशन किया था. इसमें करीब 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. इसे 'स्पेक्टेकुलर कोवर्ट ऑपरेशन' भी कहा जाता है. आधी रात को हुए ऑपरेशन में चेनाब सेक्टर के इफ्तिखाराबाद को तीन तरफ से घेरकर इस मिशन को अंजाम दिया गया.

18 सितंबर, 2003

पुंछ के बरोह सेक्टर में, पाकिस्तानी सेना ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एक पाकिस्तानी जेसीओ (JCO) और तीन सैनिकों को मार दिया है. भींबेर गली के पास स्थिति बरोह सेक्टर में छापा मार कर ये कार्रवाई की गई थी.

कांग्रेस के दो कार्यकाल के दौरान 5 बार हुई सर्जिकल स्ट्राइक

19 जून, 2008

भारतीय सेना ने पुंछ के भट्टल सेक्टर में घुसकर 4 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था. दरअसल, गोरखा राइफल्स का एक सैनिक रास्ता भटक गया था, जिसे पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने केल सेक्टर में पकड़ लिया था. उसके कुछ दिनों बाद उस जवान की सिर कटी लाश मिली थी. इसके करीब सप्ताह भर बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानी पोस्ट पर छापा मार. इस घटना में 8 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर थी, लेकिन भारतीय सैनिक उनमें से 4 के ही सिर लाए थे.

30 अगस्त और 1 सितंबर, 2011

इसे ऑपरेशन जिंजर नाम से भी जाना जाता है, जिसे केल की नीलम रिवर वैली के पास शारदा सेक्टर में अंजाम दिया गया था. इसमें भारतीय सेना के कमांडोज ने पूरी तैयारी के साथ पाकिस्तान की 3 आर्मी पोस्ट पर हमला किया था. इस हमले में करीब 13 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया था और तीन सैनिकों के सिर काटकर भारत ले आया गया था.

6 जनवरी, 2013

स्वान पत्र चेकपोस्ट पर भारतीय सेना ने 6 जनवरी 2013 को हमला किया था. ये हमला लांस नायक हेमराज की हत्या करने और उनका सिर काटने का बदला लेने के लिए किया गया था. भारतीय सेना ने एलओसी पास कर के पाकिस्तान के स्वान पत्र चेकपोस्ट को तबाह कर दिया था. इस हमले में करीब आधा दर्जन पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी मारे गए थे. इसे 'ऑपरेशन बदला' नाम से भी जाना जाता है.

27-28 जुलाई, 2013

भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट के नेजापिर सेक्टर में 27 जुलाई को हमला किया था. इसमें एक पाकिस्तानी सैनिक मारा गया और एक घायल हो गया. ये कार्रवाई 7 जून 2013 को पाकिस्तानी सेना द्वारा मंडी सेक्टर के सब्जियान इलाके में भारतीय सेना के एक जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर (जेसीओ) की हत्या के बाद की गई थी. शहीद जेसीओ नायब सूबेदार बच्चन सिंह थे, जो 3 गढ़वाल राइफल्स के जवान थे.

6 अगस्त, 2013

एलओसी के पास पुंछ सेक्टर में भारतीय सेना के 6 जवान 6 अगस्त 2013 को गश्त लगा रहे थे. उसी दौरान पाकिस्तानी सेना के करीब 20 सैनिक वहां पहुंचे और हमला कर दिया. इसमें 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक ने झाड़ी में छुपकर अपनी जान बचाई थी. हालांकि, बाद में पाकिस्तान ने उसकी सेना द्वारा ऐसा कुछ भी किए जाने से मना किया. इसका बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने नीलम वैली में पाकिस्तानी सेना पर हमला किया था. हालांकि, इसकी जानकारी नहीं है कि इस हमले में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.

कांग्रेस का कहना है कि उनके कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. एक-दो नहीं, बल्कि 5 बार, लेकिन उन्होंने उसका ना तो प्रचार किया ना ही उस पर राजनीति की. कांग्रेस का मानना था कि सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार ना करने से पाकिस्तान के व्यवहार में धीरे-धीरे बदलाव आ सकता है. कांग्रेस ने ये बोलते हुए भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है कि अटल बिहारी वाजयपेयी के दौरान हुई सर्जिकल स्ट्राइक का वाजपेयी जी ने भी प्रचार नहीं किया था. खैर, कांग्रेस की लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और अब भाजपा की सरकार के दौरान भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ काफी बड़े लेवल पर कार्रवाई करने की नौबत आ चुकी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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