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लालू प्रसाद को साढ़े 3 साल की जेल, अंदर से राबड़ी तो बाहर तेजस्वी ने संभाला मोर्चा

    • आईचौक
    • Updated: 06 जनवरी, 2018 05:47 PM
  • 06 जनवरी, 2018 05:47 PM
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लालू को हुई जेल की सजा के बाद उनका परिवार और पार्टी जमानत के लिए हाईकोर्ट तो जाएगा ही, तब तक कोशिश होगी कि समर्थकों के बीच किसी न किसी बहाने उनकी चर्चा जरूर होती रहे.

लालू प्रसाद को चारा घोटाले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाये जाने के पहले से ही राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित आरजेडी के तमाम नेता हरकत में आ चुके थे. राबड़ी देवी ने आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए नेताओं की मीटिंग सजा के एलान से पहले ही बुला ली थी. मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव मीडिया से मुखातिब हुए.

सब कुछ इतना कैलकुलेटेड था कि जब रांची में सजा सुनायी जा रही हो तो आरजेडी की प्रेस कांफ्रेंस लाइव हो. सजा होनी है ये तो सबको मालूम था, लेकिन उससे पहले तेजस्वी मीडिया के जरिये एक एक कर अपनी बात रखते जा रहे थे - और फिर खबर आयी की लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना हुआ है.

आगे की रणनीति

वैसे तो प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव पहले से ही लाल प्रसाद को लेकर आरजेडी की आगे की रणनीति बता रहे थे - लेकिन सजा के ऐलान के बाद अपडेट हुआ कि जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएंगे.

चारा घोटाले में सीबीआई ने जहां अधिकतम सजा की मांग की थी, वहीं लालू की उम्र और खराब सेहत का हवाला देते हुए उनके वकील ने कम से कम सजा दिये जाने की गुजारिश की थी. लालू के वकील ने अदालत में कहा था, "लालू डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और वो गुरुवार को करीब करीब बेहोश हो गए थे."

"मुझे शक था..."

लालू को दोषी ठहराये जाने के बाद 3 जनवरी को ही सजा सुनायी जानी थी, लेकिन किसी न किसी वजह से ये तीन दिन टल गया. इस बीच लालू और स्पेशल कोर्ट के जज शिवपाल सिंह के बीच बातचीत के मजेदार प्रसंग भी अदालत से बाहर चर्चा में रहे. जब लालू ने जेल में ठंड की बात की तो जज ने उन्हें तबला बजाने की सलाह दी. सुनवाई के दौरान जज ने एक सनसनीखेज बात भी बतायी की लालू को लेकर उनके पास कई लोगों की सिफारिशें भी आईं. फिर भी जज ने भरोसा दिलाया कि लालू...

लालू प्रसाद को चारा घोटाले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाये जाने के पहले से ही राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित आरजेडी के तमाम नेता हरकत में आ चुके थे. राबड़ी देवी ने आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए नेताओं की मीटिंग सजा के एलान से पहले ही बुला ली थी. मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव मीडिया से मुखातिब हुए.

सब कुछ इतना कैलकुलेटेड था कि जब रांची में सजा सुनायी जा रही हो तो आरजेडी की प्रेस कांफ्रेंस लाइव हो. सजा होनी है ये तो सबको मालूम था, लेकिन उससे पहले तेजस्वी मीडिया के जरिये एक एक कर अपनी बात रखते जा रहे थे - और फिर खबर आयी की लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना हुआ है.

आगे की रणनीति

वैसे तो प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव पहले से ही लाल प्रसाद को लेकर आरजेडी की आगे की रणनीति बता रहे थे - लेकिन सजा के ऐलान के बाद अपडेट हुआ कि जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएंगे.

चारा घोटाले में सीबीआई ने जहां अधिकतम सजा की मांग की थी, वहीं लालू की उम्र और खराब सेहत का हवाला देते हुए उनके वकील ने कम से कम सजा दिये जाने की गुजारिश की थी. लालू के वकील ने अदालत में कहा था, "लालू डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और वो गुरुवार को करीब करीब बेहोश हो गए थे."

"मुझे शक था..."

लालू को दोषी ठहराये जाने के बाद 3 जनवरी को ही सजा सुनायी जानी थी, लेकिन किसी न किसी वजह से ये तीन दिन टल गया. इस बीच लालू और स्पेशल कोर्ट के जज शिवपाल सिंह के बीच बातचीत के मजेदार प्रसंग भी अदालत से बाहर चर्चा में रहे. जब लालू ने जेल में ठंड की बात की तो जज ने उन्हें तबला बजाने की सलाह दी. सुनवाई के दौरान जज ने एक सनसनीखेज बात भी बतायी की लालू को लेकर उनके पास कई लोगों की सिफारिशें भी आईं. फिर भी जज ने भरोसा दिलाया कि लालू को चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि वो सिर्फ कानून का पालन करेंगे.

वैसे लालू प्रसाद ने भी अपनी तरफ से कोई कम प्रयास नहीं किये. अपनी सजा की बात से पहले लालू ने तेजस्वी सहित आरजेडी नेताओं के खिलाफ अवमानना का नोटिस ड्रॉप करने को कहा. लगे हाथ लालू ने ये भी बताया कि वो खुद भी वकील हैं और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनका रजिस्ट्रेशन है, साथ ही दुहाई देते हुए दया की अपील भी, 'आप ठंडे दिमाग से सोचिए. मैं बूढ़ा हूं और बीमार रहता हूं.'

मालूम नहीं इस बार लालू ने सजा को लेकर क्या संभावना जता रखी थी? जब 2013 में लालू को पांच साल की सजा सुनायी गयी थी तो जज से लालू ने कहा था - 'मुझे शक था कि यही सजा सुनाई जाएगी!'

ताकि समर्थक निराश न हों

लालू परिवार और आरजेडी नेताओं की कोशिश है कि जब तक लालू को जमानत न मिले, उनके समर्थकों के बीच किसी न किसी बहाने चर्चा में बनाये रखा जाये और जितना और जैसे हो सके सहानुभूति बटोरने की कोशिश की जाये.

तेजस्वी यादव ने बीजेपी और संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि बिखराव की झूठी खबर फैलायी जा रही है, लेकिन पार्टी एकजुट है और सब मिल कर संघर्ष करेंगे. तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री को भी टारगेट करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को हमेशा से लालू प्रसाद का डर था और उन्हें साजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि हमारे पूरे परिवार को परेशान किया जा रहा है और हम फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे.

वैसे तो लालू को दोषी करार दिये जाने के फौरन बात उनके ट्विटर अकाउंट से बीजेपी और बाकी विरोधियों पर निशाने साधे गये लेकिन बाद में उनके फेसबुक पेज पर एक स्टेटस अपडेट खासतौर पर हुआ - "प्रिय साथियों, कारागार प्रवास के दौरान मेरे फेसबुक पेज का संचालन मेरा कार्यालय और परिवार के सदस्य करेंगे. समय-समय पर मुलाकातियों के मार्फत. कार्यालय को संदेश पहुंचेगा जो आपके पास सोशल मीडिया या अन्य विधा से पहुच जाएगा. संगठित रहिए, सचेत रहिए."

तेजस्वी के अलावा लालू के दूसरे बेटे तेज प्रताप ने भी मीडिया के सामने आकर कहा कि उन्हें यकीन है कि लालू यादव को जमानत मिल जाएगी - और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.

लालू ने समर्थकों को जेल से लिखी चिट्ठी

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही तेजस्वी यादव ने बताया कि लालू प्रसाद ने बिहार के लोगों के लिए जेल से चिट्ठी लिखी है. तेजस्वी ने बताया कि लालू की चिट्ठी लेकर आरजेडी के नेता पूरे बिहार के लोगों के बीच पहुंचाया जाएगा. बाद में तेजस्वी ने उसे ट्विटर पर भी शेयर किया.

लालू को हुई सजा पर बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने भी टिप्पणी की, "हम फैसले का सम्मान करते हैं. बिहार की राजनीति में ये एक ऐतिहासिक फैसला साबित होगा. इसके साथ ही एक अध्याय समाप्त हो गया है."

इन्हें भी पढ़ें:

लालू की असली चिंता जेल की सजा नहीं, अगला आम चुनाव है

वैसे लालू के लोगों ने सीबीआई कोर्ट के जज से कहा क्या होगा?

लालू के बाद तेजस्वी के हाथ में आरजेडी रहेगी या डूबेगी?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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