• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

Kerala Elections: दक्षिण में PM मोदी का 'सिनेमास्ट्रोक', लेफ्ट-कांग्रेस को दर्द देतीं 3 तस्वीरें

    • आईचौक
    • Updated: 06 अप्रिल, 2021 08:34 PM
  • 06 अप्रिल, 2021 07:12 PM
offline
हाल ही में रजनीकांत को दादा साहब फाल्के सम्मान के बाद अब इस कड़ी में आर माधवन और उनकी फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' को भी जोड़ा जा सकता है. ट्रेलर और सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें आने के बाद इस तरह की राय बनाने की पर्याप्त वजहें भी हैं.

राजनीतिक मकसद के लिए बीजेपी पर सिनेमा के इस्तेमाल का आरोप नया नहीं है. सिनेमा उद्योग के एक हिस्से पर बीजेपी के एजेंडा को प्रचारित करने के आरोप पिछले कुछ सालों से लगातार ही लगते रहे हैं. हाल ही में रजनीकांत को दादा साहब फाल्के सम्मान के बाद अब इस कड़ी में आर माधवन और उनकी फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' को भी जोड़ा जा सकता है. ट्रेलर और सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें आने के बाद इस तरह की राय बनाने की पर्याप्त वजहें भी हैं. 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' एक बायोपिक है जो इसरो के सीनियर रॉकेट साइंटिस्ट नांबी नारायणन के जीवन पर आधारित है.

नांबी नारायणन पर जासूसी के गलत आरोप लगे और दावा किया गया कि उन्होंने पाकिस्तान को टेक्नोलॉजी बेचने का काम किया. ये मामला अपनी तरह से देश में अनूठा था जिसमें एक दिग्गज वैज्ञानिक पर देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगा. बताने की जरूरत नहीं कि आरोपों का उनके और परिवार के व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन पर कितना असर पड़ा होगा.

आर माधवन के साथ पीएम मोदी की तस्वीर ने कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है

मामले में जेल जा चुके नांबी ने गद्दारी के दाग से पीछा छुड़ाने के लिए 25 साल से ज्यादा संघर्ष किया. सीबीआई काफी पहले ही उन्हें आरोपों से बरी कर चुकी है.

पहले ट्रेलर, फिर आईं तीन तस्वीरें, मोदी ने भी दिया जवाब और...

तमिल, तेलुगु, कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी में बन रही फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है. हालांकि इसका ट्रेलर पिछले हफ्ते ही जारी हुआ था. ट्रेलर के बाद दक्षिण से बाहर वैसी चर्चा नहीं हुई, मगर केरल और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब फिल्म के निर्देशक और अभिनेता आर माधवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नांबी नारायणन के साथ तीन तस्वीरें साझा कीं और उसपर मोदी का जवाब आया तो इस...

राजनीतिक मकसद के लिए बीजेपी पर सिनेमा के इस्तेमाल का आरोप नया नहीं है. सिनेमा उद्योग के एक हिस्से पर बीजेपी के एजेंडा को प्रचारित करने के आरोप पिछले कुछ सालों से लगातार ही लगते रहे हैं. हाल ही में रजनीकांत को दादा साहब फाल्के सम्मान के बाद अब इस कड़ी में आर माधवन और उनकी फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' को भी जोड़ा जा सकता है. ट्रेलर और सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें आने के बाद इस तरह की राय बनाने की पर्याप्त वजहें भी हैं. 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' एक बायोपिक है जो इसरो के सीनियर रॉकेट साइंटिस्ट नांबी नारायणन के जीवन पर आधारित है.

नांबी नारायणन पर जासूसी के गलत आरोप लगे और दावा किया गया कि उन्होंने पाकिस्तान को टेक्नोलॉजी बेचने का काम किया. ये मामला अपनी तरह से देश में अनूठा था जिसमें एक दिग्गज वैज्ञानिक पर देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगा. बताने की जरूरत नहीं कि आरोपों का उनके और परिवार के व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन पर कितना असर पड़ा होगा.

आर माधवन के साथ पीएम मोदी की तस्वीर ने कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है

मामले में जेल जा चुके नांबी ने गद्दारी के दाग से पीछा छुड़ाने के लिए 25 साल से ज्यादा संघर्ष किया. सीबीआई काफी पहले ही उन्हें आरोपों से बरी कर चुकी है.

पहले ट्रेलर, फिर आईं तीन तस्वीरें, मोदी ने भी दिया जवाब और...

तमिल, तेलुगु, कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी में बन रही फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है. हालांकि इसका ट्रेलर पिछले हफ्ते ही जारी हुआ था. ट्रेलर के बाद दक्षिण से बाहर वैसी चर्चा नहीं हुई, मगर केरल और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब फिल्म के निर्देशक और अभिनेता आर माधवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नांबी नारायणन के साथ तीन तस्वीरें साझा कीं और उसपर मोदी का जवाब आया तो इस पर हिंदी पट्टी में भी बहस होने लगी और राजनीतिक तार जोड़े जाने लगे हैं.

बहस यह कि फिल्म के जरिए बीजेपी दक्षिण खासकर केरल और तमिलनाडु में अपना राजनीतिक हित साध रही है. इन चर्चाओं को बल मिला ट्रेलर रिलीज और माधवन के ट्वीट की टाइमिंग से.

टाइमिंग से क्या संकेत मिला

आज यानी 6 अप्रैल को वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग से पांच दिन पहले एक अप्रैल को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था. वोटिंग से ठीक एक दिन पहले माधवन ने तीन तस्वीरें ट्वीट कीं. तस्वीरों में माधवन, नांबी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेबुल टॉक करते दिख रहे हैं. माधवन ने ट्वीट में बताया कि पीएम मोदी ने फिल्म के कुछ हिस्से भी देखें और तारीफ़ की.

उन्होंने यह भी बताया कि नांबी के लिए प्रधानमंत्री की फ़िक्र से वो बहुत सम्मानित और प्रभावित महसूस कर रहे हैं. इस ट्वीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जवाब में लिखा कि आप और नांबी जी से मिलकर खुशी हुई. फिल्म का विषय, हमारे वैज्ञानिकों ने कितनी कुर्बानियां दीं उसके बारे में 'हर किसी' को जानना चाहिए.

मामला कैसे बीजेपी के लिए राजनीतिक?

ये 'हर किसी' ही वो लक्षित समूह है जो केरल और दक्षिण में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ये हर किसी वह शख्स भी हो सकता है जो झूठे आरोपों में नांबी के बेइंतहा उत्पीडन के लिए किसी व्यवस्था और सरकार को दोषी के रूप में चिन्हित करेगा. बीजेपी को फायदा इसी "हर किसी" समूह से मिलेगा जिसे आप राष्ट्रवादी भी कह सकते हैं.

हालांकि केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों में यह समूह राजनीतिक रूप से उतना ताकतवर नहीं है जो बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा में अपने बलबूते सीटें जितवा सके.

अगर सरकार और सिस्टम को नांबी का दोषी मानें तो 1994 में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के करुणाकरण की केरल में सरकार थी जब नांबी पर आरोप लगाए गए थे. मामले में सीबीआई की सिफारिश की गई उस वक्त केंद्र में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव की कांग्रेस सरकार थी.

सीबीआई क्लीन चिट के बावजूद केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा अपील की. जबकि सीबीआई ने साफ़ कहा था कि मामले में नांबी के खिलाफ किसी भी तरह के सबूत नहीं हैं. 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल सरकार की अपील ठुकरा दी. बाद में केरल सरकार को मुआवजा भी देना पड़ा. आखिर ऐसा क्या रहा जो एक निर्दोष वैज्ञानिक को फंसाया गया ये अपने आप में बड़ा मुद्दा है.

ये उस कम्युनिटी को भी प्रभावित करता है जो जातीय और धार्मिक आधार पर केरल समेत दक्षिण भारत के तमाम इलाकों में अल्पसंख्यक है और जिसके संगठित उत्पीड़न के आरोप आरएसएस और बीजेपी लंबे वक्त से लगाते आ रही है. संभवत: नांबी उसी कम्युनिटी के एक विक्टिम का प्रतिनिधि करते नजर आ सकते हैं. ट्रेलर में नांबी के उत्पीडन की झलक देखी जा सकती है.

नांबी पर अचानक रुचि नहीं ले रही बीजेपी

बीजेपी काफी पहले से ही केरल में नांबी के मामले को खड़ा करने की कोशिश में है. 2019 में नांबी को मोदी सरकार ने ही देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म भूषण" भी दिया है. मजेदार यह कि पद्म भूषण के लिए नांबी के नाम की सिफारिश केरल सरकार ने नहीं बल्कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद राजीव चन्द्रशेखर ने की थी. केरल में इस्लामिक आतंकवाद के मामले सामने आए हैं.

दक्षिण में अवैधानिक धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं. बीजेपी पहले से ही विपक्ष पर देश विरोधी ताकतों के समर्थन और बचाव को लेकर हमला करती रही है. आतंकियों का समर्थन और झूठे आरोप में नांबी जैसे वैज्ञानिकों का उत्पीडन निश्चित ही बीजेपी के टेस्ट के हिसाब से बड़ा मुद्दा है. यह भी कि नांबी, तमिल ब्राह्मण हैं. केरल के साथ ही तमिलनाडु से भी उनका कनेक्शन है.

युवा मतदाताओं पर फोकस

दक्षिण के राज्यों में ब्राह्मणों का बीजेपी को समर्थन है. पढ़े-लिखे अन्य जाति के युवाओं में भी नांबी की कहानी पर चर्चा होती रही है और एक सिम्पैथी भी देखने को मिली है. नांबी वो मुद्दा हैं जिसकी बीजेपी को दक्षिण में काफी जरूरत है. शायद यही वजह है कि चुनाव से ठीक पहले नांबी पर बन रही फिल्म और मोदी के साथ आई तस्वीरों में राजनीतिक वजहें छिपी हुई हैं.

अब ये दूसरी बात है कि केरल-तमिलनाडु के चुनाव में तात्कालिक फायदा कितना होगा, लेकिन भविष्य के लिहाज से बीजेपी ऐसे चेहरों के बहाने अपनी बात कहने में ज्यादा असरदार होगी. इस लिहाज से 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' के जरिए मोदी का 'सिनेमास्ट्रोक' बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़ें -

Rocketry Movie: क्या है नम्बी नारायण की कहानी, जिनको माधवन ने फिल्मी आदरांजलि दी है!

ri के बाद Sam Bahadur विक्की कौशल के इस अवतार का इंतजार न जाने कब से था!

फील्ड मार्शल मानेकशॉ की बायोपिक फिल्म 'सैम बहादुर' को लेकर विक्की कौशल का जोश 'हाई है सर' 


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲