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'कर्नाटक का नाटक' पर्दा गिरने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 अगस्त, 2018 01:48 PM
  • 28 अगस्त, 2018 01:48 PM
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एचडी कुमारस्वामी के रूप में कर्नाटक को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है, मगर वे अहम मौकों पर अपनी असमर्थता दर्शा रहे हैं, बता रहा है कि राज्य की जिम्मेदारी एक कमजोर कंधे पर है.

एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री हैं. राज्य के नए सीएम को देखकर कोई भी इस बात को आसानी से स्वीकार कर लेगा कि तमाम तरह के सियासी घमासान और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति के बाद कर्नाटक का नाटक खत्म हो गया है. जिन्हें लग रहा है कि कर्नाटक 'सब कुछ ठीक है' कि स्थिति से गुजर रहा है. तो निश्चित तौर पर ये खबर उन्हें ज़रूर प्रभावित करेगी. बात बीते दिनों कि है. कर्नाटक के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने हासन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी इच्छा फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनने की है. पूर्व मुख्यमंत्री का इतना कहना भर था कि राज्य के नए मुख्यमंत्री का मौका मिल गया कि वो भी प्रदेश की जनता के सामने आएं और अपना दुखड़ा रोएं. कर्नाटक के वर्तमान सीएम एचडी कुमारस्वामी ने ये कहकर सबको सकते में डाल दिया है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए साजिशें तेज हो गई हैं.

जिस दिन से एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं लगातार ये कह रहे हैं कि उनकी सरकार विपक्ष के निशाने पर है

बात आगे बढ़ाने से पहले बताते चलें कि सिद्दारमैया ने अपनी सभा में ये भी कहा था कि मेरी सरकार को गिराए जाने के लिए की जाने वाली साजिशों के बारे में मुझे पता है. लेकिन फिर भी मैं अपनी सीट बचाने की कोशिश नहीं करुंगा बल्कि अच्छे काम करते रहूंगा. सिद्दारमैया ने ये कहकर अफवाहों के बाजार में हलचल तेज कर दी है कि यदि मौका मिले तो वो फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करना चाहेंगे. ध्यान रहे कि सिद्दारमैया के इस बेमौसम बयान के बाद कुमारस्वामी को राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारने की साजिश के कयास तेज हो गए हैं.

बात दो मुख्यमंत्रियों के सत्ता लोभ से जुड़ी है और असहज करने वाली थी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक...

एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री हैं. राज्य के नए सीएम को देखकर कोई भी इस बात को आसानी से स्वीकार कर लेगा कि तमाम तरह के सियासी घमासान और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति के बाद कर्नाटक का नाटक खत्म हो गया है. जिन्हें लग रहा है कि कर्नाटक 'सब कुछ ठीक है' कि स्थिति से गुजर रहा है. तो निश्चित तौर पर ये खबर उन्हें ज़रूर प्रभावित करेगी. बात बीते दिनों कि है. कर्नाटक के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने हासन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी इच्छा फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनने की है. पूर्व मुख्यमंत्री का इतना कहना भर था कि राज्य के नए मुख्यमंत्री का मौका मिल गया कि वो भी प्रदेश की जनता के सामने आएं और अपना दुखड़ा रोएं. कर्नाटक के वर्तमान सीएम एचडी कुमारस्वामी ने ये कहकर सबको सकते में डाल दिया है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए साजिशें तेज हो गई हैं.

जिस दिन से एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं लगातार ये कह रहे हैं कि उनकी सरकार विपक्ष के निशाने पर है

बात आगे बढ़ाने से पहले बताते चलें कि सिद्दारमैया ने अपनी सभा में ये भी कहा था कि मेरी सरकार को गिराए जाने के लिए की जाने वाली साजिशों के बारे में मुझे पता है. लेकिन फिर भी मैं अपनी सीट बचाने की कोशिश नहीं करुंगा बल्कि अच्छे काम करते रहूंगा. सिद्दारमैया ने ये कहकर अफवाहों के बाजार में हलचल तेज कर दी है कि यदि मौका मिले तो वो फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करना चाहेंगे. ध्यान रहे कि सिद्दारमैया के इस बेमौसम बयान के बाद कुमारस्वामी को राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारने की साजिश के कयास तेज हो गए हैं.

बात दो मुख्यमंत्रियों के सत्ता लोभ से जुड़ी है और असहज करने वाली थी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देते हुए अपनी सफाई दे दी है. सिद्दारमैया ने कहा है कि उनके कहने का मतलब सिर्फ ये था कि वो सीएम तभी बनेंगे जब अगले चुनाव में जनता उन्हें आशीर्वाद देगी. और ये पांच साल के बाद ही होगा.

वहीं बिना किसी लाग लपेट और बिना नाम लिए कुमारस्वामी ने कहा कि, मीडिया से उन्हें पता चला है कि कोई सीएम बनने के लिए तैयार है. और बीजेपी ये भविष्यवाणी कर रही है कि 3 सितम्बर को नया सीएम शपथ ग्रहण करेगा. इसके अलावा कुमारस्वामी ने ये भी कहा कि, 'इसमें कोई शक नहीं कि मेरी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास जारी हैं. लेकिन वो सफल नहीं हो पाएंगे. जल्दी ही मैं अपने ऑफिस में 100 दिन पूरे करुंगा और अच्छा शासन देना जारी रखूंगा.'

सिद्धारमैया का दोबारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने की बात कहना कुमारस्वामी को टेंशन में डालने के लिए काफी है

ज्ञात हो कि राज्य का नया मुख्यमंत्री चुने जाने के बावजूद कर्नाटक में भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त में जुटी है. राज्य में भाजपा का प्रयास बस यही है कि वो ऐसा क्या करे जिससे सूबे में कमल के कोपल खिल जाएं और कांग्रेस- जेडीएस का गठबंधन ध्वस्त हो जाए. ये कोई पहला मौका नहीं है जब सिद्धारमैया और एचडी कुमारस्वामी की आंतरिक कलह ने प्रदेश के अलावा देश भर के लोगों को हैरत में डाला है.

अभी कुछ दिन पहले की ही बात है. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित एक प्रोग्राम में प्रदेश के मुख्यमंत्री एचडी कुमारसवामी ने अपना दुखड़ा रोकर जनता से सहानुभूति जुटाने का प्रयास किया था. प्रोग्राम में कुमारस्वामी ने आयोजकों से कहा था कि वो 'गठबंधन की सरकार' का दर्द झेल रहे हैं. पोडियम पर इमोशनल हुए कुमारस्वामी ने यह भी कहा था कि, 'आप मुझे शुभकामनाएं देने के लिए गुलदस्ते लेकर आए हैं. आपका एक भाई मुख्यमंत्री बन गया है, इसलिए आप सभी खुश हैं, लेकिन मैं नहीं. मैं गठबंधन सरकार के दर्द को जानता हूं. मैं विषकांत (विष पीने वाला) हो गया हूं और इस सरकार का विष पी रहा हूं.'

गौरतलब है कि राज्य के नए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी अाज दो मोर्चों पर युद्ध कर रहे हैं. पहले में उन्हें भाजपा से जंग लड़नी पड़ रही है और दूसरे में वो कांग्रेस के अलावा जेडीएस कार्यकर्ताओं और विधायकों से संघर्ष करना पड़ रहा है.

बहरहाल जिस तरह का सियासी संग्राम कर्नाटक में चल रहा है उसको देखने हुए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि कर्नाटक का नाटक पर्दा गिरने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कहना गलत नहीं है कि जैसे मौके बेमौके राज्य के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी को लेकर रोते रहते हैं कहीं न कहीं कर्नाटक की जनता को भी इस बात का एहसास हो गया है कि राज्य की जिम्मेदारी कमजोर कन्धों पर टिकी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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