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'तिब्बत कार्ड': दलाई लामा तो केवल बहाना हैं

    • राकेश चंद्र
    • Updated: 07 अप्रिल, 2017 07:59 PM
  • 07 अप्रिल, 2017 07:59 PM
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भारतीय राजदूत विजय गोखले को चीन द्वारा समन भेजा और कह दिया कि भारत तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का सहारा लेकर ऐसा कुछ न करे, जो चीन के हित के खिलाफ हो.

पुरानी कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. और यह कहावत भारत और चीन पर सटीक बैठती हैं. भारत के दुश्मन अजहर मसूद के मामले में जिस प्रकार चीन हर समय वीटो नामक अंगूठे का इस्तेमाल करता रहा है, ठीक उसी तरह अब भारत भी चीन की उसी दुखती रग पर पांव रख रहा है जिससे चीन अंदर ही खौल रहा है. परंतु करे क्या, कुछ नहीं बन पड़ा तो दे डाली धमकी. भारतीय राजदूत विजय गोखले को समन भेजा और कह दिया कि भारत तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का सहारा लेकर ऐसा कुछ न करे, जो चीन के हित के खिलाफ हो. व इसके अलावा संवेदनशील मुद्दों को बेवजह तूल न दिया जाए.

भारत में दलाई लामावर्ष 2008 के बाद यह पहला मौका है जब चीन ने भारतीय राजदूत को समन भेजा है. तब 2008 में निरुपमा राव को चीन ने तब समन भेजा था, उस समय चीन में होने वाले ओलिंपिक का भारत में तिब्बती शरणार्थी विरोध कर रहे थे.

दरसल, दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर चीन भारत से बुरी तरह चिढा हुआ है. हालांकि, दलाई लामा स्पस्ट कर चुके हैं कि भारत ने कभी भी उनका इस्तेमाल चीन के खिलाफ नहीं किया. उधर चीन में रहा सहा काम चीनी मीडिया कर रही है. चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि अगर भारत गंदी राजनीति करेगा तो चीन भी उसे उसी की भाषा में जवाब देगा. चीनी मीडिया का कहना हैं कि भारत चीन द्वारा PoK में कराए जा रहे कंस्ट्रक्शन और NSG में चीन के विरोध से नाराज है और इसीलिए यह 'तिब्बत कार्ड' खेल रहा है. चीन मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अजहर मसूद पर प्रतिबंध लगाने की यूएन में भारत की कोशिशों को दो बार चीन रोक चुका है. चीन-पाकिस्तान का आर्थिक गलियारे पर भी भारत को नाराजी है.

ग्लोबल टाइम्स के लेख में तो यहाँ तक कहा गया है कि आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक तौर पर मजबूत चीन के विरोध को क्या भारत झेल सकेगा. आगे बढ़ते हुए चीनी मीडिया ने तो यहाँ...

पुरानी कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. और यह कहावत भारत और चीन पर सटीक बैठती हैं. भारत के दुश्मन अजहर मसूद के मामले में जिस प्रकार चीन हर समय वीटो नामक अंगूठे का इस्तेमाल करता रहा है, ठीक उसी तरह अब भारत भी चीन की उसी दुखती रग पर पांव रख रहा है जिससे चीन अंदर ही खौल रहा है. परंतु करे क्या, कुछ नहीं बन पड़ा तो दे डाली धमकी. भारतीय राजदूत विजय गोखले को समन भेजा और कह दिया कि भारत तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का सहारा लेकर ऐसा कुछ न करे, जो चीन के हित के खिलाफ हो. व इसके अलावा संवेदनशील मुद्दों को बेवजह तूल न दिया जाए.

भारत में दलाई लामावर्ष 2008 के बाद यह पहला मौका है जब चीन ने भारतीय राजदूत को समन भेजा है. तब 2008 में निरुपमा राव को चीन ने तब समन भेजा था, उस समय चीन में होने वाले ओलिंपिक का भारत में तिब्बती शरणार्थी विरोध कर रहे थे.

दरसल, दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर चीन भारत से बुरी तरह चिढा हुआ है. हालांकि, दलाई लामा स्पस्ट कर चुके हैं कि भारत ने कभी भी उनका इस्तेमाल चीन के खिलाफ नहीं किया. उधर चीन में रहा सहा काम चीनी मीडिया कर रही है. चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि अगर भारत गंदी राजनीति करेगा तो चीन भी उसे उसी की भाषा में जवाब देगा. चीनी मीडिया का कहना हैं कि भारत चीन द्वारा PoK में कराए जा रहे कंस्ट्रक्शन और NSG में चीन के विरोध से नाराज है और इसीलिए यह 'तिब्बत कार्ड' खेल रहा है. चीन मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अजहर मसूद पर प्रतिबंध लगाने की यूएन में भारत की कोशिशों को दो बार चीन रोक चुका है. चीन-पाकिस्तान का आर्थिक गलियारे पर भी भारत को नाराजी है.

ग्लोबल टाइम्स के लेख में तो यहाँ तक कहा गया है कि आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक तौर पर मजबूत चीन के विरोध को क्या भारत झेल सकेगा. आगे बढ़ते हुए चीनी मीडिया ने तो यहाँ था कहा दिया है कि चीन कश्मीर मसले पर दखल दे सकता है.

चीन के दो अखबारों- ग्लोबल टाइम्स और चाइना डेली ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के बयान का उल्लेख करते हुए भारत पर हमला बोला है. रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अखंड हिस्सा बताया था. चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश वास्तव में तिब्बत का दक्षिणी भाग है.

दरअसल चीन हाल ही में अमेरिका की उस प्रतिक्रिया से भी चिढा हुआ है जिसमें संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा था कि जो भी देश आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के मामले में वीटो का इस्तेमाल करेंगे, वो ऐसा करके भी उसे (अमेरिका) को एक्शन लेने से नहीं रोक सकते हैं. जाहिर हैं इशारा चीन की ओर था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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