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INX मीडिया केस: चिदंबरम के बचाव में दी गई दलीलें, जो नाकाम हो गईं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 22 अगस्त, 2019 09:20 PM
  • 22 अगस्त, 2019 09:20 PM
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भले ही चिदंबरम के बचाव में उनके वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से तरह तरह की दलीलें दी गयीं हों मगर जिस तेजी से समय उनके विपरीत चल रहा है और जैसे उन्हें 5 दिनों के लिए सीबीआई की कस्टडी में भेजा गया है, साफ़ है कि उन्हें सजा भी जल्द ही हो जाएगी.

INX मीडिया केस में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग के कारण गिरफ्तार हुए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. आपको बताते चलें कि गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट में चिदंबरम की पेशी थी और उनके बचाव में अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल पहले से ही अदालत में मौजूद थे. सुनवाई हुई तो ड्रामे का होना स्वाभाविक था. सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि INX मीडिया ने गलत तरीके से FDI वसूल की है, जो कि FIPB के नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने ये भी कहा कि चिदंबरम की वजह से INX मीडिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचा, जिसके बाद कंपनी ने दूसरी कंपनियों को भी पैसा दिया है. सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि लगभग 5 मिलियन डॉलर कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों को दिया गया. सीबीआई ने चिदंबरम पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया. तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि किसी व्यक्ति का चुप रहना उसका अधिकार है, लेकिन जानबूझ कर सवालों को टालना गलत है. उन्होंने कहा कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए चिदंबरम की कस्टडी जरूरी है.

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा है

बचाव में आए कपिल सिब्बल

कांग्रेसी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पी चिदंबरम का पक्ष रखा. चिदंबरम की तरफ से दलील पेश करते हुए सिब्बल ने कहा कि इस मामले में कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल दी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार नहीं किया. सिब्बल ने ये भी बताया की केस के अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है, ऐसे में इन्हें भी जमानत मिलनी चाहिए.

डील के विषय में बात करते हुए सिब्बल ने अदालत को बताया कि इस...

INX मीडिया केस में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग के कारण गिरफ्तार हुए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. आपको बताते चलें कि गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट में चिदंबरम की पेशी थी और उनके बचाव में अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल पहले से ही अदालत में मौजूद थे. सुनवाई हुई तो ड्रामे का होना स्वाभाविक था. सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि INX मीडिया ने गलत तरीके से FDI वसूल की है, जो कि FIPB के नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने ये भी कहा कि चिदंबरम की वजह से INX मीडिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचा, जिसके बाद कंपनी ने दूसरी कंपनियों को भी पैसा दिया है. सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि लगभग 5 मिलियन डॉलर कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों को दिया गया. सीबीआई ने चिदंबरम पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया. तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि किसी व्यक्ति का चुप रहना उसका अधिकार है, लेकिन जानबूझ कर सवालों को टालना गलत है. उन्होंने कहा कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए चिदंबरम की कस्टडी जरूरी है.

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा है

बचाव में आए कपिल सिब्बल

कांग्रेसी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पी चिदंबरम का पक्ष रखा. चिदंबरम की तरफ से दलील पेश करते हुए सिब्बल ने कहा कि इस मामले में कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल दी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार नहीं किया. सिब्बल ने ये भी बताया की केस के अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है, ऐसे में इन्हें भी जमानत मिलनी चाहिए.

डील के विषय में बात करते हुए सिब्बल ने अदालत को बताया कि इस डील को जिस FIPB के बोर्ड ने मंजूरी दी थी, उसमें 6 सेक्रेटरी केंद्र सरकार के थे उनमें से कुछ आरबीआई गवर्नर बन गए हैं, नीति आयोग के चेयरमैन भी बने हैं. लेकिन उनको तो कभी गिरफ्तार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि हम सभी रात को चिदंबरम के साथ थे, हमें बताया गया कि सीबीआई उन्हें कस्टडी में लेना चाहती है.

इन बातों के बीच सिब्बल ने ये दलील भी दी कि कार्ति-रमन की जमानत को CBI ने कभी चैलेंज नहीं किया. पी चिदंबरम का मुद्दा उठाते हुए सिब्बल का कहना था कि कार्ति चिदंबरम को नियमित बेल मिलती रही है. भास्कर रमन को अग्रिम जमानत मिली. इन दोनों को ही सीबीआई ने कभी चैलेंज नहीं किया. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन दोनों को जमानत दे रखी है.

सिब्बल जानते हैं क्या होगा हिरासत में चिदंबरम के साथ

बचाव करते हुए चिदंबरम के लिए सिब्बल की आंखों में फ़िक्र भी दिखी. जांच एजेंसियां जिस तरह से चिदंबरम को कस्टडी में लेने पर आतुर थीं इसपर सिब्बल ने दलील दी कि हमें मालूम है कि हिरासत में लेने के बाद वे क्या करेंगे. वे अपनी बात हमारे मुवक्किल के मुंह से कहलवाएंगे. साथ ही सिब्बल ने ये आरोप भी लगाया कि सीबीआई द्वारा गिरफ़्तारी के बाद चिदंबरम को सोने नहीं दिया गया और उनपर दबाव बनाने का प्रयास किया गया.

सिंघवी ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए

चिदंबरम के बचाव में उतरे उनके वकील सिंघवी, सिब्बल से भी दो हाथ आगे निकले. चिदंबरम की तरफ से दलील पेश करने वाले सिंघवी ने सीबीआई को ही आड़े हाथों ले लिया. सिंघवी ने कहा कि इस पूरे मामले में सीबीआई का रवैया ही गलत है. साथ ही उन्होंने ये भी सवाल किया कि आखिर किस बात को लेकर सीबीआई इतनी परेशान है? सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने रिमांड की मांग की है लेकिन आरोप क्या है, इसे नहीं बताया. इस केस में और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. FIPB के 6 आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि फैसले को मंजूरी देने वाले को आरोपी बनाया गया है.

सिंघवी ने लगाया सीबीआई पर पुराने सवाल पूछने का आरोप

पूर्व वित्त मंत्री के पक्ष में दलील देने आए चिदंबरम सिंघवी ने कहा कि सीबीआई के 12 सवालों में से 6 सवाल पुराने हैं. इस मामले में चिदंबरम को भी पक्ष रखने की इजाजत मिलनी चाहिए. इसके बाद जज ने चिदंबरम से सवाल किया कि क्या आपके पास बोलने के लिए कुछ है? चिदंबरम अभी अपनी बात रख ही रहे थे कि तुषार मेहता ने विरोध जताया और तर्क पेश किया कि आरोपी को वकीलों के बीच बोलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.

बहरहाल, अब जबकि पूर्व कन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को कोर्ट ने 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है, तो माना यही जा रहा है कि जल्द ही इस केस का फैसला आ जाएगा. जैसे परिस्थितियां विपरीत हैं कांग्रेस कितनी भी छाती क्यों न पीट ले लेकिन चिदंबरम दोषी भी जल्द ही करार कर दिए जाएंगे.

कांग्रेस और चिदंबरम दोनों का आने वाला भविष्य क्या होगा इसका फैसला वक्त करेगा. मगर जैसा वर्तमान है साफ़ है कि भाजपा गिन गिन के इनसे बदला ले रही है. कह सकते हैं कि कांग्रेस के सामने अभी एक चुनौती ख़त्म नहीं होती, दूसरी परेशानी खुली बाहों से उसके स्वागत में तैयार खड़ी रहती है.   

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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