• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

India-China Galwan valley news: आखिर उस रात गलवान घाटी में हुआ क्या था?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 17 जून, 2020 09:32 PM
  • 17 जून, 2020 09:30 PM
offline
भारत-चीन (India-China) के बीच गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों (Indian Army) और 43 चीनी सैनिकों की मौत हुई. 45 साल बाद हुए दोनों देशों के बीच हुए खूनी संघर्ष की कहानी दिल दहला देने वाली है.

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley, Ladakh) में चीनी सैनिकों के साथ सोमवार की रात हुई झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) समेत भारतीय सेना (Indian Army) के बीस जवानों की मौत हो गई, माना जा रहा है कि ये पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव है, जिसने क्षेत्र में, पहले से ही अस्थिर सीमा गतिरोध को बढ़ा दिया है. बीते दिन की शुरुआत में सेना ने कहा कि LAC में हुई झड़प में एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं. लेकिन देर शाम जो बयान जारी हुआ उसमें शहीद हुए लोगों की संख्या में संशोधन किया गया और कहा गया कि भारतीय सेना की तरफ से 20 लोगों की मृत्यु हुई. सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीनी पक्ष की तरफ से भी लोग हताहत हुए मगर उनकी वास्तविक संख्या कितनी थी इस पर अटकलों को विराम देते हुए चुप्पी साध ली गयी. वहीं एएनआई की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि इस झड़प में कम से कम 43 चीनी सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं या मारे गए.

गलवान घाटी में जो हुआ उसके बाद पूरा देश यही जानना चाहता है कि आखिर उस रात हुआ क्या था

नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद से दो शक्तियों के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. ध्यान रहे कि 1967 में यहां भारत ने 80 के आसपास सैनिकों को खोया था जबकि  चीन की तरफ से 300 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे. हताहत दोनों पक्षों के लोग हुए हैं और ये सब उस वक़्त हो रहा है जब देश की सरकार कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रही है.

क्या बताती है गलवान घाटी की टाइमलाइन 

1- पूर्वी लद्दाख में महीने भर से चले आ रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 6 जून को हुई लेफ्टिनेंट जनरल-लेवल वार्ता के बाद टोकन डिसग्रेसन हुआ.

2...

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley, Ladakh) में चीनी सैनिकों के साथ सोमवार की रात हुई झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) समेत भारतीय सेना (Indian Army) के बीस जवानों की मौत हो गई, माना जा रहा है कि ये पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव है, जिसने क्षेत्र में, पहले से ही अस्थिर सीमा गतिरोध को बढ़ा दिया है. बीते दिन की शुरुआत में सेना ने कहा कि LAC में हुई झड़प में एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं. लेकिन देर शाम जो बयान जारी हुआ उसमें शहीद हुए लोगों की संख्या में संशोधन किया गया और कहा गया कि भारतीय सेना की तरफ से 20 लोगों की मृत्यु हुई. सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीनी पक्ष की तरफ से भी लोग हताहत हुए मगर उनकी वास्तविक संख्या कितनी थी इस पर अटकलों को विराम देते हुए चुप्पी साध ली गयी. वहीं एएनआई की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि इस झड़प में कम से कम 43 चीनी सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं या मारे गए.

गलवान घाटी में जो हुआ उसके बाद पूरा देश यही जानना चाहता है कि आखिर उस रात हुआ क्या था

नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद से दो शक्तियों के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. ध्यान रहे कि 1967 में यहां भारत ने 80 के आसपास सैनिकों को खोया था जबकि  चीन की तरफ से 300 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे. हताहत दोनों पक्षों के लोग हुए हैं और ये सब उस वक़्त हो रहा है जब देश की सरकार कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रही है.

क्या बताती है गलवान घाटी की टाइमलाइन 

1- पूर्वी लद्दाख में महीने भर से चले आ रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 6 जून को हुई लेफ्टिनेंट जनरल-लेवल वार्ता के बाद टोकन डिसग्रेसन हुआ.

2 - सप्ताह के मध्य में, चीनी वापस आए और भारतीय जमीन पर अपना शिविर स्थापित किया. भारत ने शिविर को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई, जिससे कई सैनिक घायल हुए.

3-  सप्ताहांत में चीनी सैनिक इसलिए वापस गए ताकि वो बड़ी संख्या के साथ वापस लौटें. 14 जून, को चीन की तरफ से पथराव हुआ.

4- सोमवार यानी 15 जून की शाम को, गलवान नदी की तरफ दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़प हुई और नौबत ये भी आई कि इस हाथापाई के दौरान कई भारतीय सैनिक नदी में गिर गए.

भारत और चीन ने इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि चीनी सैनिक 6 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में अपने इलाके में वापस लौटेंगे, 16 जून को दोनों पक्षों के प्रमुख सेनापतियों के बीच बातचीत होने वाली थी.

5-चूंकि पीएलए के सैनिक पीछे नहीं हटे, इसलिए 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना के एक निहत्थे गश्ती दल ने चीनी पक्ष के साथ एक चर्चा आयोजित की.

चीनी ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और जानबूझकर स्थिति को बद से बदतर किया.  उन्होंने बोल्डर के अलावा कंटीले तारों से लिपटी चट्टानों, लाठियों और अपने नाखूनों के साथ  भारतीय प्रतिनिधिमंडल पर हमला करना शुरू कर दिया. जवाब में भारतीय पक्ष की तरफ से भी एक्शन लिया गया.

भारतीय सैन्य सूत्रों ने कहा कि झड़पों में किसी भी तरह की आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल नहीं किया गया. वहीं चीनी सैनिकों की बात करते हुए कहा गया है कि भारतीय सैनिकों को अधिकांश चोटें पथराव और छड़ के इस्तेमाल से आई हैं.

6- चीनी सैनिकों द्वारा पहली हिट के बाद, सीओ गंभीर रूप से घायल हो गए थे. भारतीय सैनिक बाकी जवानों को मोर्चे पर छोड़कर सीओ और एक घायल हवलदार को अपने साथ ले गए जो सैनिक वहां बचे थे उन्हें चीन के सैनिकों ने तुरंत ही बंदी बना लिया.

7- लगभग 40 मिनट के बाद, एक मेजर के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों की एक यूनिट फिर उस स्थान पर गई और वहां छापा मारा गया जिससे स्थिति और बिगड़ गई और हालात फिर बद से बदतर हो गए.

8 - भारतीय सैनिकों ने चीनी पोस्ट पर क्रूरता के साथ हमला किया और लगभग 55-56 चीनी सैनिकों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस बिंदु पर कई लोग हताहत हुए. सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा चीनी पक्ष पर कई घातक हमले हुए लेकिन सटीक संख्या पर कोई पुष्टि नहीं हुई.

बता दें कि यह सब एक संकीर्ण दर्रे के पास हो रहा था जिसका फायदा चीन के सैनिकों ने उठाया और कई सैनिकों को तेज धार में बहती गलवान नदी में धकेल दिया गया. सूत्रों के अनुसार, इस स्थान पर भारतीय दल को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

यह वह समय था जब भारतीय और चीनी पक्ष के कई लोग हताहत हुए.

बताया यहां तक जा रहा है सीमा पर जिस वक़्त ये तनाव चल रहा था वहां चीन की  सेना की तरफ से एक ब्रिगेडियर स्तर के चीनी अधिकारी थे जिन्होंने शांति के लिए पहल की और सैनिकों को लड़ने से मना किया.

9- देर रात तक हाथों से ये लड़ाई जारी रही. इस दौरान कंटीले तारों वाले पत्थरों और धातु के रॉड का भारी उपयोग किया गया था, जिसके कारण कई सैनिकों के सिर में चोटें आईं.

10- कहा जा रहा है कि झड़प तीन घंटे से अधिक समय तक चली.

11- आधी रात के बाद लड़ाई बंद हो गई. सूत्रों के मुताबिक सैनिकों के कई शव नदी से निकाले गए, जबकि अब भी वहां कई सैनिक डूबे हैं.

सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कर्नल-टू-कर्नल स्तर की वार्ता दिन के दौरान एक ही पोस्ट पर कई बार हुई. सेना ने अब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के पदों का कार्यभार संभाल लिया है.

ये भी पढ़ें -

Nepal बनने जा रहा है चीन का नया 'पाकिस्तान', भारत के सक्रिय होने का यही समय है

Where is Galwan valley: भारत के लिए गलवान घाटी पर नियंत्रण अब जरूरी हो गया है, जानिए क्यों...

Arvind Kejriwal को समझ लेना चाहिए- चुनाव जीतने और सरकार चलाने का फर्क

 


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲