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पाकिस्तान के अगले 10 दिन: 'भारत के हमले' के बाद एक और भविष्यवाणी

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 09 अप्रिल, 2019 10:18 PM
  • 09 अप्रिल, 2019 10:18 PM
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यूं लग रहा है कि अभी तक पाकिस्तान 26 फरवरी को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक के सदमे से निकल नहीं पाया है. तभी तो पहले विदेश मंत्री ने बेतुकी बात कही और फिर जल संसाधन मंत्री से बिना सिर-पैर का दावा कर दिया.

पाकिस्तान के अधिकारियों की ओर से ऐसे बेतुके बयान आ रहे हैं, जिन्हें सुनकर लगता है कि उनका दिमागी संतुलन ही हिल गया है. अभी हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि भारत एक और हमले की तैयारी कर रहा है. उनके अनुसार 16-20 अप्रैल के बीच भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा. अभी ये बात पच भी नहीं पाई थी कि अब जल संसाधन मंत्री फैसल वावड़ा ने तो पागलपन की सारी हदें ही पार करते हुए एक भविष्यवाणी कर दी है. पहले भारत के हमले की बात और अब ये भविष्यवाणी, लगता है पाकिस्तान के लिए अगले 10 दिन कुछ खास ही रहने वाले हैं.

फैसल वावड़ा ने कहा है कि आने वाले 7-10 दिनों या फिर चंद हफ्तों में पाकिस्तान में नौकरियों की बाढ़ आने वाली है. इतनी अधिक नौकरियां आ जाएंगी कि ठेले वाला, पान वाला, पेपर वाला भी कहेगा- 'टैक्स ले लो'. यहां ये जानना जरूरी है कि पाकिस्तान की हालत इन दिनों फटेहाल है. लोगों से तो यहां तक गुहार की गई है कि कुछ दिन लोग दो रोटी की जगह एक रोटी खाएं, तो हो सकता है जल्द ही वह ढाई रोटी खाने की स्थिति में पहुंच जाएंगे. जिस पाकिस्तान की इतनी बुरी हालत है, उसमें शाह महमूद कुरैशी और फैसल वावड़ा के बयान बेहद बेतुके हैं. यहां तक कि पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत भी फैसल वावड़ा के बयान को एक भद्दे मजाक से अधिक और कुछ नहीं समझती हैं. सुनिए क्या कहा है फैसल वावड़ा ने-

फैसल वावड़ा ने ये बात पाकिस्तानी चैनल जियो (GEO) न्यूज पर आने वाले कार्यक्रम 'कैपिटल टॉक' में कही है, जिसे पत्रकार हामिद मीर होस्ट करते हैं. लोगों से अधिक नौकरियां हो जाने की भविष्यवाणी पर हामिद मीर भी चौंक पड़े और बोले कि 'ये तो आप खुशखबरी सुना रहे हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपको वापस चैनल पर आकर सफाई देनी पड़ेगी.' वावड़ा ने तो हर बात के लिए हामी भी भर दी, लेकिन यकीनन जब वक्त आएगा तो फैसल मुंह छुपाते ही नजर आएंगे. ऐसा यूं...

पाकिस्तान के अधिकारियों की ओर से ऐसे बेतुके बयान आ रहे हैं, जिन्हें सुनकर लगता है कि उनका दिमागी संतुलन ही हिल गया है. अभी हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि भारत एक और हमले की तैयारी कर रहा है. उनके अनुसार 16-20 अप्रैल के बीच भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा. अभी ये बात पच भी नहीं पाई थी कि अब जल संसाधन मंत्री फैसल वावड़ा ने तो पागलपन की सारी हदें ही पार करते हुए एक भविष्यवाणी कर दी है. पहले भारत के हमले की बात और अब ये भविष्यवाणी, लगता है पाकिस्तान के लिए अगले 10 दिन कुछ खास ही रहने वाले हैं.

फैसल वावड़ा ने कहा है कि आने वाले 7-10 दिनों या फिर चंद हफ्तों में पाकिस्तान में नौकरियों की बाढ़ आने वाली है. इतनी अधिक नौकरियां आ जाएंगी कि ठेले वाला, पान वाला, पेपर वाला भी कहेगा- 'टैक्स ले लो'. यहां ये जानना जरूरी है कि पाकिस्तान की हालत इन दिनों फटेहाल है. लोगों से तो यहां तक गुहार की गई है कि कुछ दिन लोग दो रोटी की जगह एक रोटी खाएं, तो हो सकता है जल्द ही वह ढाई रोटी खाने की स्थिति में पहुंच जाएंगे. जिस पाकिस्तान की इतनी बुरी हालत है, उसमें शाह महमूद कुरैशी और फैसल वावड़ा के बयान बेहद बेतुके हैं. यहां तक कि पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत भी फैसल वावड़ा के बयान को एक भद्दे मजाक से अधिक और कुछ नहीं समझती हैं. सुनिए क्या कहा है फैसल वावड़ा ने-

फैसल वावड़ा ने ये बात पाकिस्तानी चैनल जियो (GEO) न्यूज पर आने वाले कार्यक्रम 'कैपिटल टॉक' में कही है, जिसे पत्रकार हामिद मीर होस्ट करते हैं. लोगों से अधिक नौकरियां हो जाने की भविष्यवाणी पर हामिद मीर भी चौंक पड़े और बोले कि 'ये तो आप खुशखबरी सुना रहे हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपको वापस चैनल पर आकर सफाई देनी पड़ेगी.' वावड़ा ने तो हर बात के लिए हामी भी भर दी, लेकिन यकीनन जब वक्त आएगा तो फैसल मुंह छुपाते ही नजर आएंगे. ऐसा यूं ही नहीं कहा जा रहा, बल्कि पाकिस्तान के ही वित्त मंत्री और एक स्पीकर ने पाकिस्तान के सूरत-ए-हाल बयां किए हैं.

अभी फैसल वावड़ा (बाएं) ने बेतुकी बात कही है, कुछ दिन पहले विदेश मंत्री भारत के हमले को लेकर डरे हुए थे.

पहले सुनिए क्या कहा है विधानसभा स्पीकर ने

खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा स्पीकर मुश्ताक गनी ने कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की खस्ता हालत को लेकर लोगों को एक अजीब सी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन तक हमें दो रोटी के बजाय एक रोटी खाकर गुजारा करना पड़ेगा और उसके बाद अल्लाह जल्द ही वो दिन जरूर लाएगा, जब आप दो के बजाय ढाई रोटी खा सकेंगे. गनी की इस सलाह पर सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना भी हुई थी. आपको बता दें कि महंगाई ने पाकिस्तान में पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इंफ्लेशन 9.41 फीसदी पर पहुंच गई. खाने-पीने की चीजों से लेकर डीजल-पेट्रोल और ट्रांसपोर्ट तक हर चीज की दरें चरम पर हैं.

अब वित्त मंत्री की बात भी सुन लीजिए

पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने कहा है संकट के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान अब बाहर निकल चुका है और स्थिर दौर में पहुंच गया है. उन्होंने ये भी कहा कि अभी ये दौर अगले करीब डेढ़ साल तक रहेगा क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक ऐसे मरीज की तरह है जो आईसीयू में थी और इलाज के बाद उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया है. असद उमर तो यहां तक कह चुके हैं कि मौजूदा स्थिति में पाकिस्तान अपने पुराने कर्ज नहीं, बल्कि पुराने कर्जों पर पड़ने वाले ब्याज को चुकाने के लिए लोन ले रहा है. यानी ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि अभी स्थिति सुधरी नहीं है, बस स्थिर हुई है. जो पाकिस्तान कल फटेहाल था वो आज भी कंगाली के कगार पर ही है.

आईएमएफ के साथ भी पाकिस्तान की बात अंतिम दौर में है. पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 8 अरब डॉलर की सहायता राशि मांगी है. आपको बता दें कि अब तक पाकिस्तान चीन से 4.1 अरब डॉलर, सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर और यूएई से 2.1 अरब डॉलर की मदद ले चुका है. वहीं दूसरी ओर तीन प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान के आईएमएफ को दिए प्रस्ताव का विरोध करने के लिए कहा है, क्योंकि माना जा रहा है कि पाकिस्तान आईएमएफ से मिले बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल चीन का कर्ज चुकाने के लिए कर सकता है.

यूं लग रहा है कि अभी तक पाकिस्तान 26 फरवरी को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक के सदमे से निकल नहीं पाया है. तभी तो पहले विदेश मंत्री ने बेतुकी बात कही और फिर जल संसाधन मंत्री से बिना सिर-पैर का दावा कर दिया. जो देश कंगाली के कगार पर खड़ा हो और अपना खर्च चलाने के लिए दूसरों के आगे हाथ फैला रहा हो, वहां चंद दिनों में नौकरियों की बाढ़ आ जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. वैसे भी, फैसल वावड़ा ने अपनी बात का कोई आधार तो दिया नहीं है और लोग उनकी बात को गंभीरता से ले भी नहीं रहे. ऐसे में उन्हें लोगों को गुमराह करने के लिए माफी भी नहीं मांगनी पड़ेगा. हां, हामिद मीर उन्हें नहीं छोड़ेंगे, जिनके शो में उन्होंने ये दावा किया है और ऐसा नहीं होने पर सफाई देने की बात भी कुबूली है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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