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कश्मीर राग गाते-गाते इमरान खान और शाहबाज शरीफ के मुंह से जहर टपकने लगा

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 28 फरवरी, 2019 10:04 PM
  • 28 फरवरी, 2019 10:04 PM
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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की मुख्य वजह बना है आतंक और आतंकी मसूद अजहर, लेकिन अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने मसूद की कोई बात नहीं की. जब बारी शहबाज शरीफ की आई तो वह भी कश्मीर को लेकर ही जहर उगलते रहे.

बुधवार को सीमा पर हुई हवाई कार्रवाई में भारत के जिस पायलट अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था, अब उन्हें रिहा किया जा रहा है. इसकी घोषणा भी खुद इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में की. अभिनंदन वर्तमान को कल यानी शुक्रवार को पाकिस्तान रिहा कर देगा और वह भारत आ जाएंगे, लेकिन इमरान खान ने अपने करीब 20 मिनट के भाषण में अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने की बात एकदम अंत में कही. बल्कि यूं कहिए कि वो तो अभिनंदन की बात ही करना भूल गए थे. दोबारा उठे और अभिनंदन को रिहा करने की बात बोले.

अब पहला सवाल जो मन में उठ रहा होगा कि जब दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है और भारतीय पायलट को पाकिस्तान ने पकड़ा है तो फिर इमरान खान ने अपने भाषण में कश्मीर को लेकर क्या कहा. दरअसल, उनका पूरा भाषण मुख्य रूप से कश्मीर पर था. दोनों देशों में तनाव इस बात को लेकर है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकी मसूद अजहर आतंक फैलाने की गतिविधियां कर रहा है, लेकिन इमरान खान कश्मीर का मुद्दा उठाकर भटकाने में लगे रहे. विपक्ष भी कुछ कम नहीं है. शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर इतनी आग उगली, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता.

 अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने मसूद की कोई बात नहीं की.

आतंक को भूलकर कश्मीर में उलझे रहे इमरान

दोनों देशों के बीच तनाव की मुख्य वजह बना है आतंक और आतंकी मसूद अजहर. मसूद के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है, जो पाकिस्तानी जमीन पर गतिविधियां कर रहा है. अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने मसूद की कोई बात नहीं की. बात की तो कश्मीर की. ये जताने की कोशिश की कि पाकिस्तान तो शांति चाहता है, लेकिन हिंदुस्तान युद्ध करने पर तुला है. वहीं दूसरी ओर, वह ये कहकर भारत को ललकारते भी रहे कि पाकिस्तान को कमजोर समझने की गलती ना...

बुधवार को सीमा पर हुई हवाई कार्रवाई में भारत के जिस पायलट अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था, अब उन्हें रिहा किया जा रहा है. इसकी घोषणा भी खुद इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में की. अभिनंदन वर्तमान को कल यानी शुक्रवार को पाकिस्तान रिहा कर देगा और वह भारत आ जाएंगे, लेकिन इमरान खान ने अपने करीब 20 मिनट के भाषण में अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने की बात एकदम अंत में कही. बल्कि यूं कहिए कि वो तो अभिनंदन की बात ही करना भूल गए थे. दोबारा उठे और अभिनंदन को रिहा करने की बात बोले.

अब पहला सवाल जो मन में उठ रहा होगा कि जब दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है और भारतीय पायलट को पाकिस्तान ने पकड़ा है तो फिर इमरान खान ने अपने भाषण में कश्मीर को लेकर क्या कहा. दरअसल, उनका पूरा भाषण मुख्य रूप से कश्मीर पर था. दोनों देशों में तनाव इस बात को लेकर है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकी मसूद अजहर आतंक फैलाने की गतिविधियां कर रहा है, लेकिन इमरान खान कश्मीर का मुद्दा उठाकर भटकाने में लगे रहे. विपक्ष भी कुछ कम नहीं है. शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर इतनी आग उगली, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता.

 अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने मसूद की कोई बात नहीं की.

आतंक को भूलकर कश्मीर में उलझे रहे इमरान

दोनों देशों के बीच तनाव की मुख्य वजह बना है आतंक और आतंकी मसूद अजहर. मसूद के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है, जो पाकिस्तानी जमीन पर गतिविधियां कर रहा है. अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने मसूद की कोई बात नहीं की. बात की तो कश्मीर की. ये जताने की कोशिश की कि पाकिस्तान तो शांति चाहता है, लेकिन हिंदुस्तान युद्ध करने पर तुला है. वहीं दूसरी ओर, वह ये कहकर भारत को ललकारते भी रहे कि पाकिस्तान को कमजोर समझने की गलती ना करें. जिस पुलवामा हमले की वजह से दो देशों में बीच तनाव इतना बढ़ गया, उसका जिम्मेदार भी उन्होंने भारत को ही ठहरा दिया. उन्होंने तो इस तनाव को बढ़ाने-चढ़ाने के लिए भारत पर निशाना भी साधा और कहा कि ये सब सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भारत में चुनाव हैं. अपने भाषण में इमरान खान ने ये भी कहा कि भारत ने अब जाकर डोजियर सौंपा है, जबकि इससे पहले हमला कर के एक माहौल बना दिया, क्योंकि चुनाव हैं.

इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में भारत की सरकार वहां के लोगों पर जुल्म कर रही है. इसी जुल्म से तंग आकर कश्मीर के एक नौजवान ने अपनी जान दे दी और भारतीय सेना को नुकसान पहुंचाया. वह कहते हैं कि जब 20 साल पहले वह कश्मीर गए थे वहां के लीडर हिंदुस्तान के साथ थे, लेकिन अब सभी हिंदुस्तान के खिलाफ खड़े हैं. कश्मीर में जुल्म जितना बढ़ रहा है, मूवमेंट भी उतना ही बढ़ रहा है. अब वहां के लोग आजादी के अलावा कोई और बात सुनने को ही तैयार नहीं हैं. अब जरूरत है कश्मीर पर एक डिबेट करने की कि कश्मीर को किस दिशा में ले जाना है. यहां बात हिंदू-मुस्लिम की नहीं है, जो हर चीज से मायूस हो जाते हैं वो ऐसे कदम उठाते हैं.

अभिनंदन की बात ही करना भूल गए

पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से हुए सर्जिकल स्ट्राइक के जवाब में बुधवार को पाकिस्तान ने स्ट्राइक की. इस कार्रवाई में भारत के एक पायलट पाकिस्तान की गिरफ्त में आ गए. मांग हो रही थी कि उन्हें छोड़ा जाए और इमरान खान ने उन्हें छोड़ने पर हामी भी भर दी, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि वह अभिनंदन की बात करना ही भूल गए थे. पूरे भाषण में उन्होंने पहले कश्मीर को ही मुद्दा बनाए रखा और आतंकवाद की कोई बात ही नहीं की. भाषण खत्म होने पर बैठने के बाद दोबारा उठे और बोले कि मैं कुछ कहना भूल गया और बोले- 'हिंदुस्तान का पायलट हमने पकड़ा हुआ है और शांति के तौर पर हम कल उसे रिहा करने वाले हैं'.

शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर जहर उगला

पाकिस्तान में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने तो अपनी बात की शुरुआत ही कश्मीर से की. अगर एक-दो मिनट को छोड़ दिया जाए तो वह करीब 35 मिनट के अपने पूरे भाषण में कश्मीर को लेकर हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलते रहे. उन्होंने तो ये भी कह दिया कि कश्मीर घाटी कश्मीरियों के खून से सुर्ख हो गई है. उन्होंने तो पीएम मोदी पर निजी हमला तक कर डाला और उन्हें मुसलमानों का कातिल कह दिया. उन्होंने सुषमा स्वराज को ओआईसी में गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर बुलाए जाने पर भी आपत्ति जताई और गकहा कि होना ये चाहिए था कि कश्मीर में जो जुल्म भारत की ओर से हो रहा है, उसकी आलोचना करनी चाहिए थी, लेकिन सुषमा स्वराज को मेहमान के तौर पर बुलाया जा रहा है.

इसके बाद शहबाज शुरू हो गए कश्मीर के बारे में बोलना. उन्होंने कहा- अगर कश्मीर में वहां के लोगों की समस्याओं का हल नहीं होगा, लोगों पर जुल्म होंगे, बच्चों की आंखें पैलेट गन से छलनी होंगी, महिलाओं की इज्जत तार-तार होगी, मां-बाप के सामने लाशें घसीटी जाएंगी, लोगों को जीप के नीचे कुचला जाएगा तो मोदी ही नहीं पूरी दुनिया को ये जान लेना चाहिए कि ऐसे कश्मीर में अमन कायम नहीं हो सकता है. भारत ने अपने उन वादों को पूरा नहीं किया जो किए थे और कश्मीर में खून बहता रहा. कश्मीर के नौजवान मजबूर हैं कि वह हथियार उठाएं. सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा, अब जरूरत है कि कश्मीरियों की आजादी में कड़ी मेहनत और कुर्बानी से हम हिस्सेदार बनें.

इमरान खान ने भाषण दिया और फिर शहबाज शरीफ ने अपनी बात कही, लेकिन दोनों में से किसी की बात में भी मसूद अजहर का कोई जिक्र नहीं हुआ. हां ये तो दोनों ने ही कहा कि वह आतंकवाद से मुक्ति पाना चाहते हैं, लेकिन ये नहीं बताया कि उनकी ही सरजमीं पर एक आतंकी मसूद अजहर आतंक की दुकान चला रहा है. पुलवामा हमले पर भले ही भारत में राजनीति ना हुई हो, लेकिन पाकिस्तान ने इस पर खूब राजनीतिक की और उस हमले की जिम्मेदारी भी मोदी सरकार के मत्थे मढ़ दी. खैर, हमारे पायलट अभिनंदन वर्तमान तो कल वापस आ जाएंगे, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत की तरफ से सौंपे गए डोजियर के बाद पाकिस्तान क्या बहाने बनाकर मसूद अजहर को बचाने की कोशिश करता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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