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जेटली ने बजट पेश न किया तो मोदी सरकार में अनूठा इतिहास बनेगा

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 17 जनवरी, 2019 08:26 PM
  • 17 जनवरी, 2019 08:24 PM
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अरुण जेटली का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से एक मीडिया ब्रीफिंग में जब रेल मंत्री पीयूष गोयल से पूछा गया कि इस बार बजट यानी वोट-ऑन-अकाउंट कौन पेश करेगा, तो वे सवाल का जवाब दिए बिना ही चले गए.

अब बजट पेश होने में करीब दो हफ्ते ही बचे हैं और वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना इलाज कराने के लिए अमेरिका गए हुए हैं. ऐसे में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि अगर किसी कारणवश वह बजट तक वापस नहीं आ सके, तो उनकी जगह कौन बजट पेश करेगा? सवाल ये भी है कि वित्त मंत्री की जगह कोई और बजट पेश कर सकता है या फिर बजट की तारीख में कोई बदलाव किया जाएगा? क्या अभी तक कभी ऐसा हुआ भी है, कि वित्त मंत्री की जगह किसी और ने बजट पेश किया हो? ये सारे सवाल बहस का मुद्दा बने हुए हैं.

इस बार पेश होने वाले बजट की तारीख के साथ कोई छेड़छाड़ हो ये तो मुमकिन ही नहीं है, ना ही ऐसा कभी हुआ है. इससे पहले बजट पेश करने की तारीख बदली जरूर है, लेकिन वित्त मंत्री की अनुपस्थिति की वजह से नहीं. यानी तारीख में बदलवा का सवाल तो पैदा ही नहीं होता. और ये बजट बेहद अहम भी है, क्योंकि इसी साल मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में मोदी सरकार इस बजट को भी भुनाना चाहेगी. ये भी खबर है कि इस बार का बजट वोट-ऑन-अकाउंट जैसा नहीं, बल्कि पूर्ण बजट जैसा होगा, जिसके लिए मोदी सरकार जोरों से तैयारी कर रही है.

अगर किसी कारणवश वह बजट तक वापस नहीं आ सके, तो उनकी जगह कौन बजट पेश करेगा?

जेटली नहीं तो कौन?

अब दूसरा सवाल ये है कि अगर तारीख बदली ही नहीं जा सकती तो अगर वित्त मंत्री अरुण जेटली किसी कारण वश वापस नहीं आ सके तो बजट कौन पेश करेगा? जेटली की अनुपस्थिति में बजट पेश करने के सबसे बड़े दावेदार हैं रेल मंत्री पीयूष गोयल. इसकी दो वजहें हैं-

- पहली तो ये कि जब से अरुण जेटली बीमार हुए हैं और वित्त मंत्रालय का कामकाज नहीं देख पा रहे हैं, तब से उनका प्रभार पीयूष गोयल को दे दिया गया है. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में पीयूष गोयल ही ये जिम्मेदारी...

अब बजट पेश होने में करीब दो हफ्ते ही बचे हैं और वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना इलाज कराने के लिए अमेरिका गए हुए हैं. ऐसे में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि अगर किसी कारणवश वह बजट तक वापस नहीं आ सके, तो उनकी जगह कौन बजट पेश करेगा? सवाल ये भी है कि वित्त मंत्री की जगह कोई और बजट पेश कर सकता है या फिर बजट की तारीख में कोई बदलाव किया जाएगा? क्या अभी तक कभी ऐसा हुआ भी है, कि वित्त मंत्री की जगह किसी और ने बजट पेश किया हो? ये सारे सवाल बहस का मुद्दा बने हुए हैं.

इस बार पेश होने वाले बजट की तारीख के साथ कोई छेड़छाड़ हो ये तो मुमकिन ही नहीं है, ना ही ऐसा कभी हुआ है. इससे पहले बजट पेश करने की तारीख बदली जरूर है, लेकिन वित्त मंत्री की अनुपस्थिति की वजह से नहीं. यानी तारीख में बदलवा का सवाल तो पैदा ही नहीं होता. और ये बजट बेहद अहम भी है, क्योंकि इसी साल मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में मोदी सरकार इस बजट को भी भुनाना चाहेगी. ये भी खबर है कि इस बार का बजट वोट-ऑन-अकाउंट जैसा नहीं, बल्कि पूर्ण बजट जैसा होगा, जिसके लिए मोदी सरकार जोरों से तैयारी कर रही है.

अगर किसी कारणवश वह बजट तक वापस नहीं आ सके, तो उनकी जगह कौन बजट पेश करेगा?

जेटली नहीं तो कौन?

अब दूसरा सवाल ये है कि अगर तारीख बदली ही नहीं जा सकती तो अगर वित्त मंत्री अरुण जेटली किसी कारण वश वापस नहीं आ सके तो बजट कौन पेश करेगा? जेटली की अनुपस्थिति में बजट पेश करने के सबसे बड़े दावेदार हैं रेल मंत्री पीयूष गोयल. इसकी दो वजहें हैं-

- पहली तो ये कि जब से अरुण जेटली बीमार हुए हैं और वित्त मंत्रालय का कामकाज नहीं देख पा रहे हैं, तब से उनका प्रभार पीयूष गोयल को दे दिया गया है. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में पीयूष गोयल ही ये जिम्मेदारी लेंगे.

- दूसरी वजह ये है कि पिछले दो सालों को छोड़ दिया जाए तो उससे पहले तक रेल मंत्रालय का बजट अलग से पेश होता था. यानी एक आम बजट और दूसरा रेल बजट. ऐसे में वित्त मंत्री की अनुपस्थिति में रेल मंत्री ही उनकी जगह लेने के सबसे तगड़े दावेदार हैं.

पीयूष गोयल के अलावा भी हैं विकल्प

अगर पीयूष गोयल भी बजट पेश ना करें, तो भी मोदी सरकार के पास दो विकल्प हैं, जो बजट पेश कर सकते हैं. ये हैं वित्त राज्य मंत्री, जो अपने ओहदे पर हैं. पहले हैं शिव प्रताप शुक्ला और दूसरे हैं पोन राधाकृष्णन. हालांकि, अधिक संभावना तो यही है कि पीयूष गोयल ही बजट पेश करें.

क्या हुआ है जेटली को?

अरुण जेटली सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं, जो कि एक प्रकार का कैंसर और यह कम ही लोगों को होता है. पिछले साल 14 मई 2018 को एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. सितंबर 2014 में जटली की बैरियाट्रिक सर्जरी भी हुई थी.

गोयल कनफ्यूज, लेकिन वापस आ सकते हैं जेटली!

अरुण जेटली का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से एक मीडिया ब्रीफिंग में जब पीयूष गोयल से पूछा गया कि इस बार बजट यानी वोट-ऑन-अकाउंट कौन पेश करेगा, तो वे सवाल का जवाब दिए बिना ही चले गए. हालांकि, वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के अनुसार ये बजट जेटली ही पेश करेंगे. बल्कि मंत्रालय के अनुसार तो वह इसी सप्ताह के अंत तक आ जाएंगे और गणतंत्र दिवस पर भारत में होंगे.

खैर, हम भी चाहेंगे कि अरुण जेटली जल्द से जल्द स्वस्थ होकर भारत लौट आएं, लेकिन इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता है कि उनकी अनुपस्थिति में मोदी सरकार में एक अनूठा संयाेग बनेगा. इसी सरकार के कार्यकाल में रेल मंत्री से बजट लेकर केंद्रीय वित्‍त मंत्री को दे दिया गया. और ये सरकार जाते-जाते रेल मंत्री को ही केंद्रीय बजट पेश करना पड़ा. जेटली की अनुपस्थिति में बजट पेश करने की जिम्मेदारी रेल मंत्री पीयूष गोयल की ही होगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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