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'जनरल रानी' जुमले से नाराज पाकिस्तान सेना और मीडिया में छिड़ी जंग का भारतीय कनेक्शन

    • आईचौक
    • Updated: 05 जून, 2021 05:33 PM
  • 05 जून, 2021 05:33 PM
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पाकिस्तान में सेना का दबदबा और रुतबा देश के प्रधानमंत्री से भी ऊपर है. पाकिस्तान में हो चुके तख्तापलट और जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई फांसी इसका सबूत रहे हैं. पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दखल हमेशा से ही पाकिस्तान की राजनीति में रहा है.

पाकिस्तान में इन दिनों सेना और स्थानीय मीडिया के बीच एक अघोषित जंग शुरू हो चुकी है. पाकिस्तान के एक पत्रकार असद अली तूर के साथ कुछ हथियारबंद लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की थी. पत्रकार ने आरोप लगाया गया था कि हमलवार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लोग थे. पत्रकार पर हुए इस हमले के विरोध में पाकिस्तानी मीडिया के चर्चित टीवी चैनल जियो के जाने-माने एंकर हामिद मीर ने बिना किसी का नाम लिए 'जनरल रानी' और पाकिस्तानी सेना के बड़े अफसरों के घर के अंदर होने वाली घटनाओं का खुलासा करने की बात कही थी. जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और उनके अखबारों में छपने वाले कॉलम भी बंद हो गए. आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये सब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ फैज हमीद के कहने पर किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि कौन है ये पाकिस्तान की सुर्खियों में छाई हुई 'जनरल रानी'?

आखिर कौन हैं जनरल रानी?

पाकिस्तान में सेना का दबदबा और रुतबा देश के प्रधानमंत्री से भी ऊपर है. पाकिस्तान में हो चुके तख्तापलट और जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई फांसी इसका सबूत रहे हैं. पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दखल हमेशा से ही पाकिस्तान की राजनीति में रहा है. पाकिस्तान में 1969 से 1971 के बीच 'जनरल रानी' ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं. फ्राइडे टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की पहली 'जनरल रानी' अकलीम अख्तर को कहा जाता है. 1960 के दशक के अंत में अकलीम अख्तर को पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली महिला माना जाता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि अकलीम अख्तर पाकिस्तान के अय्य़ाश तानाशाह जनरल याह्या खान की बहुत करीबी थीं. याह्या खान के शासनकाल के दौरान कई फैसलों में अकलीम अख्तर का सीधा हस्तक्षेप रहता था. कई नौकरशाह और राजनेता इस जनरल रानी के संपर्क में रहते थे.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान में 1968 और 1969 के बीच हुए वामपंथी आंदोलन के बाद जब जनरल अयूब खान को इस्तीफा देने के लिए...

पाकिस्तान में इन दिनों सेना और स्थानीय मीडिया के बीच एक अघोषित जंग शुरू हो चुकी है. पाकिस्तान के एक पत्रकार असद अली तूर के साथ कुछ हथियारबंद लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की थी. पत्रकार ने आरोप लगाया गया था कि हमलवार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लोग थे. पत्रकार पर हुए इस हमले के विरोध में पाकिस्तानी मीडिया के चर्चित टीवी चैनल जियो के जाने-माने एंकर हामिद मीर ने बिना किसी का नाम लिए 'जनरल रानी' और पाकिस्तानी सेना के बड़े अफसरों के घर के अंदर होने वाली घटनाओं का खुलासा करने की बात कही थी. जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और उनके अखबारों में छपने वाले कॉलम भी बंद हो गए. आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये सब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ फैज हमीद के कहने पर किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि कौन है ये पाकिस्तान की सुर्खियों में छाई हुई 'जनरल रानी'?

आखिर कौन हैं जनरल रानी?

पाकिस्तान में सेना का दबदबा और रुतबा देश के प्रधानमंत्री से भी ऊपर है. पाकिस्तान में हो चुके तख्तापलट और जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई फांसी इसका सबूत रहे हैं. पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दखल हमेशा से ही पाकिस्तान की राजनीति में रहा है. पाकिस्तान में 1969 से 1971 के बीच 'जनरल रानी' ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं. फ्राइडे टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की पहली 'जनरल रानी' अकलीम अख्तर को कहा जाता है. 1960 के दशक के अंत में अकलीम अख्तर को पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली महिला माना जाता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि अकलीम अख्तर पाकिस्तान के अय्य़ाश तानाशाह जनरल याह्या खान की बहुत करीबी थीं. याह्या खान के शासनकाल के दौरान कई फैसलों में अकलीम अख्तर का सीधा हस्तक्षेप रहता था. कई नौकरशाह और राजनेता इस जनरल रानी के संपर्क में रहते थे.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान में 1968 और 1969 के बीच हुए वामपंथी आंदोलन के बाद जब जनरल अयूब खान को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, तो जनरल रानी ने याह्या खान को नया मार्शल लॉ प्रशासक बनवाया. इसी के बाद अकलीम अख्तर को मीडिया में 'जनरल रानी' कहा जाने लगा था. कहा जाता है कि जनरल रानी ने शराब और महिलाओं के लती अय्याश याह्या खान को उनकी नीतियों और राजनीतिक मामलों पर भी सलाह देना शुरू कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन दिनों जनरल रानी से मिलने वालों ने उन्हें याह्या खान की तुलना में राजनीति के क्षेत्र में कहीं अधिक जानकार और चतुर बताया था.

जियो टीवी के एंकर हामिद मीर ने जिस जनरल रानी की बात कही थी, दावा किया जा रहा है कि वह यही पूर्व पत्रकार अरूसा आलम हैं.

पाकिस्तान की जनरल रानी 2.0

रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल रानी की बेटी पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार हैं. जियो टीवी के एंकर हामिद मीर ने जिस जनरल रानी की बात कही थी, दावा किया जा रहा है कि वह यही पूर्व पत्रकार अरूसा आलम हैं. कहा गया है कि जनरल रानी 2.0 पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ फैज हमीद के घर पर मौजूद थी. जिसे देखकर आईएसआई चीफ की पत्नी ने फायरिंग कर दी थी. पत्रकार हामिद मीर ने धमकी दी है कि अगर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने अब और पत्रकारों पर हमला किया, तो वे ऐसे ही कई खुलासे करेंगे.

जनरल रानी का भारतीय कनेक्शन

जनरल रानी की ये बेटी अरूसा आलम भारत में कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की करीबी भी हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह की बायोग्राफी 'द पीपल्स महाराजा' में एक चैप्टर में अरूसा आलम के साथ रिश्तों का जिक्र है. 2004 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तान यात्रा के दौरान अरूसा आलम से मुलाकात हुई थी. 2007 में पहली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनका नाम जोड़ा गया था. जिस पर अरुसा आलम ने सफाई दी थी कि वो केवल दोस्त हैं. अरूसा आलम ने अमरिंदर सिंह के साथ अपनी दोस्ती को लेकर खुले तौर पर कहा था कि यह खूबसूरत है और लंबी चलेगी. साथ ही उन्हें अपने इस रिश्ते पर गर्व है. बता दें कि अरूसा शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं. पाकिस्तान में अरूसा आलम को अगोस्टा क्लास की सबमरीन में हुए घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए जाना जाता है. जिसकी वजह से 1997 में पाकिस्तानी नौसेना के चीफ मनसुरुल हक को गिरफ्तार किया गया था.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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