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योगी आदित्यनाथ की दुनिया से परे यूपी की जेलों में भी एक दुनिया है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 28 नवम्बर, 2018 07:01 PM
  • 28 नवम्बर, 2018 07:01 PM
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भले ही पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई हो, भले ही इन अपराधियों को अब किसी और जेल में शिफ्ट कर दिया गया हो, लेकिन वीडियो से ये साफ हो जाता है कि अगर अपराधियों का रसूख हो तो यूपी में जेल भी जन्नत हो जाया करती हैं.

जैसे ही योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभाली उन्होंने ऐलान कर दिया कि अपराधी या तो सुधर जाएं या फिर उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं, वरना उनकी जगह सिर्फ जेल में होगी. यूपी से अपराध का खात्मा करने का वादा करने वाले योगी ने देखते ही देखते अपराधियों को खत्म करना शुरू कर दिया. एक के बाद एक महज साल भर में करीब 1200 एनकाउंटर हुए. अपराधियों में ऐसा डर समाया कि वह खुद ही सरेंडर कर के जेलों में आने लगे. जो पहले से जेल में थे, उन्होंने अपनी जमानत रद्द करा दी, क्योंकि जेल ही उनके लिए सबसे सुरक्षित जगह थी. लेकिन अब जेल के अंदर से जो तस्वीर आ रही है वो एक ओर तो योगी सरकार के इंतजामों और यूपी पुलिस पर सवाल उठाती है वहीं दूसरी ओर ये भी दिखा रही है कि वाकई जेल ही अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह है. बल्कि यूं कहें कि कुछ जेलें तो अपराधियों के लिए अय्याशी का अड्डा बन चुकी हैं.

वीडियो से लग रहा है कि जेलें तो अपराधियों के लिए अय्याशी का अड्डा बन चुकी हैं.

रायबरेली की जेल में पार्टी, लोगों को धमकियां

इंटरनेट पर रायबरेली की जेल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने यूपी सरकार की नींद हराम कर दी है. वीडियो में देखा जा सकता है कि ये जेल अपराधियों के लिए कोई सजा नहीं, बल्कि अय्याशी का अड्डा है. शूटर सोहराब और अंशु दीक्षित जेल में पार्टी कर रहे हैं, शराब की बोतलें खुली हुई हैं और जेल के अंदर से ही पैसों के लिए धकमियां दी जा रही हैं. हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की हत्या के मामले में भी अंशु त्रिपाठी का नाम सामने आया था. वीडियो में सुना जा सकता है कि दीक्षित किसी को फोन कर के कह रहा है 10 हजार रुपए जेलर और 5 हजार रुपए डिप्टी जेलर के घर पहुंचा दो. इतना ही नहीं, वह फोन पर मौजूद शख्स से कुछ शराब की बोतलें और अन्य चीजें जेल में भिजवाने के लिए कह रहा है. हद तो ये है कि दीक्षित के बेड पर कुछ गोलियां और तमंचा भी पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. यानी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जेल में सजा पाने के नाम पर यहां क्या-क्या चल रहा है.

जैसे ही योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभाली उन्होंने ऐलान कर दिया कि अपराधी या तो सुधर जाएं या फिर उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं, वरना उनकी जगह सिर्फ जेल में होगी. यूपी से अपराध का खात्मा करने का वादा करने वाले योगी ने देखते ही देखते अपराधियों को खत्म करना शुरू कर दिया. एक के बाद एक महज साल भर में करीब 1200 एनकाउंटर हुए. अपराधियों में ऐसा डर समाया कि वह खुद ही सरेंडर कर के जेलों में आने लगे. जो पहले से जेल में थे, उन्होंने अपनी जमानत रद्द करा दी, क्योंकि जेल ही उनके लिए सबसे सुरक्षित जगह थी. लेकिन अब जेल के अंदर से जो तस्वीर आ रही है वो एक ओर तो योगी सरकार के इंतजामों और यूपी पुलिस पर सवाल उठाती है वहीं दूसरी ओर ये भी दिखा रही है कि वाकई जेल ही अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह है. बल्कि यूं कहें कि कुछ जेलें तो अपराधियों के लिए अय्याशी का अड्डा बन चुकी हैं.

वीडियो से लग रहा है कि जेलें तो अपराधियों के लिए अय्याशी का अड्डा बन चुकी हैं.

रायबरेली की जेल में पार्टी, लोगों को धमकियां

इंटरनेट पर रायबरेली की जेल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने यूपी सरकार की नींद हराम कर दी है. वीडियो में देखा जा सकता है कि ये जेल अपराधियों के लिए कोई सजा नहीं, बल्कि अय्याशी का अड्डा है. शूटर सोहराब और अंशु दीक्षित जेल में पार्टी कर रहे हैं, शराब की बोतलें खुली हुई हैं और जेल के अंदर से ही पैसों के लिए धकमियां दी जा रही हैं. हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की हत्या के मामले में भी अंशु त्रिपाठी का नाम सामने आया था. वीडियो में सुना जा सकता है कि दीक्षित किसी को फोन कर के कह रहा है 10 हजार रुपए जेलर और 5 हजार रुपए डिप्टी जेलर के घर पहुंचा दो. इतना ही नहीं, वह फोन पर मौजूद शख्स से कुछ शराब की बोतलें और अन्य चीजें जेल में भिजवाने के लिए कह रहा है. हद तो ये है कि दीक्षित के बेड पर कुछ गोलियां और तमंचा भी पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. यानी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जेल में सजा पाने के नाम पर यहां क्या-क्या चल रहा है.

सोहराब और अंशु दीक्षित के अलावा इस वीडियो में दिख रहे अन्य अपराधी अजीत चौबे, सिंगार सिंह और निखिल सोनकर हैं. इन सभी पर सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, प्रतापढ़, इलाहाबाद में लूट और हत्या के कई मामले दर्ज हैं. यानी ये लोग कोई मामूली अपराधी नहीं हैं, बल्कि बेहद खूंखार हैं. और शायद यही वजह है कि जेल के आला अधिकारी भी इनसे खौफ खाए हुए हैं. आलम ये है कि जेल के वार्डन इनकी खातिरदारी करने में लगे हुए हैं और जेलर भी इसमें शामिल हैं. वीडियो में जिस राम चंद्र तिवारी की बार-बार बात हो रही है, वह जेल के डिप्टी जेलर हैं और जेलर का नाम गोविंद वर्मा है. फोन कर के जिनसे शराब की बोतलें मंगवाई जा रही हैं वह और कोई नहीं बल्कि जेल का मुख्य वार्डन लालता प्रसाद और जेल का वार्डन शिवमंगल सिंह हैं.

जेल में तमंचे और मोबाइल

जैसे ही यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ, आनन-फानन में कार्रवाई की गई. छापा मारा गया तो पता चला कि जेल वाकई एक अय्याशी का अड्डा बनी हुई थी. अपराधियों के बैरक नं-10 से मोबाइल फोन, तमंचे, गोलियां, सिगरेट, शराब की बोतलें, माचिस सब कुछ मिला. जेल के डीआईजी उमेश कुमार खुद वहां पहुंचे थे और उन्होंने माना कि जांच में सब कुछ सही पाया गया. फिलहाल पुलिस के 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और इन आरोपियों को दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया है. लेकिन वो दूसरी जेल इनके लिए सजा होगी या नहीं, ये अभी से कहना जल्दबाजी होगी.

कुछ महीने पहले ही बागपत की जेल में पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी. जेल से तमंचा और 22 कारतूस भी बरामद हुए थे. हालांकि, केस पेंचीदा अभी तक है, क्योंकि बरामद तमंचे से हत्या नहीं हुई थी, तो तमंचा कहां गया? बागपत जेल में हुई इतनी अनियमितताओं के बावजूद अब रायबरेली की जेल का ये वीडियो साफ करता है कि न तो मुन्ना बजरंगी की हत्या से पुलिस ने कोई सबक लिया ना ही सरकार ने. भले ही पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई हो, भले ही इन अपराधियों को अब किसी और जेल में शिफ्ट कर दिया गया हो, लेकिन वीडियो से ये साफ हो जाता है कि अगर अपराधियों का रसूख हो तो यूपी में जेल भी जन्नत हो जाया करती हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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