लोकसभा चुनाव 2019 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही आचार संहिता के उलंघन के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. एक तरह से देखा जाए तो 2019 चुनाव बहुत ही हाईटेक हो गए हैं जिनमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल हर तरह के चुनाव कैंपेन के लिए किया जा रहा है. एक तरफ जहां चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है वहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर उसका उलंघन भी धडल्ले से हो रहा है.
altnews ने सबसे पहले इस बारे में रिपोर्ट की थी कि सोशल मीडिया पर मोदी का सपोर्ट करने वाले फेसबुक पेज एक कॉन्टेस्ट के जरिए फ्री में नमो मर्केंडाइज दे रहे हैं. जी हां, फ्री में भाजपा को सपोर्ट करने वाले प्रोडक्ट्स. कइसमें कुछ अहम पेज जैसे ‘My First Vote for Modi’ – ‘Nation With NaMo’ और ‘Bharat ke Mann ki Baat’ शामिल हैं. इसी के साथ, अब इसी तरह के कॉन्टेस्ट 'NaMo Merchandise' पेज चला रहा है.
फेसबुक की weekly ad library report में ये बात सामने आई थी. ध्यान रहे यहां बात हो रही है 17-23 मार्च की. जैसे My First Vote For Modi पेज ने एक हफ्ते में 46.6 लाख रुपए विज्ञापन में खर्च किए हैं. यहां तक कि एक हफ्ते में भारतीय राजनीति के लिए 1.5 करोड़ खर्च कर दिए गए. इसमें से 1.1 करोड़ रुपए तो टॉप 20 पेज ही खर्च कर चुके हैं. 1 हफ्ते में करोड़ों रुपए के विज्ञापन फैन पेज से? आखिर कैसे?
फेसबुक रिपोर्ट में साफ है कि भाजपा को सपोर्ट करने वाले पेज बहुत से हैं.
इतना ही नहीं ये पेज कई कॉन्टेस्ट भी चला रहे थे जिसमें ये कहा जा रहा था कि अगर आप पहला वोट मोदी को देने की शपथ लेते हैं तो फ्री में नमो गुडीज मिल सकती हैं.
फेसबुक पर इस तरह के विज्ञापन पोस्ट किए जा रहे थे.
अब इसे रिश्वत कहा जाए या कुछ और ये तो आप खुद तय कर सकते हैं, लेकिन मज़े की बात तो ये है कि ये सभी विज्ञापन अब फेसबुक से गायब हो चुके हैं. जैसे ही इस बारे में रिपोर्ट की गई वैसे ही ये विज्ञापन गायब हो गए और नमो मर्केंडाइज को रिपोर्ट करने का कुछ नया तरीका सामने आ गया है.
फेसबुक पर आधिकारिक Namo Merchandise पेज ने नया कॉन्टेस्ट निकाला है जिसमें लोगों से सवाल पूछने पर ये प्रोडक्ट्स फ्री दिए जा रहे हैं और न कि वोट की शपथ लेने पर. ये सवाल भी भाजपा और NDA से जुड़े हुए हैं. उदाहरण के तौर पर ऑपरेशन शक्ति से जुड़ा लियो सैटेलाइट का सवाल.
इस सवाल को #NavbharatContest के नाम पर प्रमोट किया जा रहा है.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी तरह के सवालों का इस्तेमाल हो रहा है. बल्कि लोगों से कहा जा रहा है कि वो अपनी भाजपा को सपोर्ट करती हुई फोटोज भेजें और इसके एवज में उन्हें Namo मर्केंडाइज मिलेंगी.
कुछ इस तरह की तस्वीरें फेसबुक पर वायरल की जा रही हैं.
भले ही पेज बदल गए हों और विज्ञापन का तरीका बदल गया हो, लेकिन फ्री नमो प्रोडक्ट्स देने का तरीका और भाजपा का प्रचार नहीं बदला. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी ट्वीट कर नमो प्रोडक्ट्स का प्रचार करते रहते हैं.
नमो मर्केंडाइज में फ्री टीशर्ट, फोन कवर, पोस्टर, बैग, की-चेन आदि बहुत कुछ फ्री देकर क्या इसे चुनाव प्रचार का एक तरीका बनाया जाता है. यहां भाजपा फैन पेज करोड़ों खर्च कर रहे हैं विज्ञापन में और इस तरह के विज्ञापनों में दिए जाने वाले प्रोडक्ट्स में. ये सिर्फ भाजपा से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि कांग्रेस पार्टी के भी कुछ फैन पेज इसी तरह से विज्ञापन में खर्च कर रहे हैं.
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये पेज पार्टी द्वारा प्रायोजित हैं या नहीं? अगर हैं तो ये चुनावी आचार संहिता का सबसे बड़ा उलंघन है क्योंकि ये वोटरों को लुभावने ऑफर देने का एक तरीका है. ये बता पाना नामुमकिन है कि इसमें से कितना सच है और कितना झूठ औऱ क्या वाकई पार्टियों द्वारा ये स्पॉन्सर किया जा रहा है, लेकिन अगर ऐसा है तो उम्मीद ही की जा सकती है कि वोटर इस तरह के ऑफर के चक्कर में नहीं पड़ेंगे.
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