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अमेरिकी चुनाव में अभी ये 3 खुराफात भी बदल सकते हैं नतीजे

    • राहुल मिश्र
    • Updated: 17 अक्टूबर, 2016 06:44 PM
  • 17 अक्टूबर, 2016 06:44 PM
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अमेरिका के ऐसे दुश्मन बैठे हैं जिनकी कोशिश आखिरी दम तक चुनावों में बड़ा हेर-फेर करने की है. शायद इसलिए कि यह पहली बार है कि चुनाव में मुद्दा सिर्फ कैंडिडेट है....

नवंबर में नए राष्ट्रपति के लिए वोटिंग के बाद बस नाम का इंतजार रहेगा. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र का नया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बनेंगे या हिलेरी क्लिंटन? इनमें से एक नाम सीनेट द्वारा घोषित कर दिया जाएगा और जनवरी आते ही उसे राष्ट्रपति पद की शपथ दिला दी जाएगी. लेकिन ऐसा तब होगा जब सबकुछ नॉर्मल रहे. जब गद्दी सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे शक्तिशाली देश की हो तो नॉर्मल की उम्मीद थोड़ी कम रहती है. क्योंकि अमेरिका के ऐसे दुश्मन कई हैं जिनकी आखिरी दम तक कोशिश चुनावों में हेर-फेर करने की रहती है.

यकीन नहीं आता तो खुद गौर करें.

पहली स्थिति

चुनाव प्रचार में यह तय होते ही कि डेमोक्रैटिक पार्टी से उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन रहेंगी, उनके कुछ गोपनीय ईमेल लीक हो गए. शुरुआती छानबीन और खुफिया एजेंसियों से छनकर आई खबरों के मुताबिक इस लीक को रूस में बैठे ब्लादिमीर पुतिन ने कराया. अब भला पुतिन क्यों कराने लगे यह लीक? वह तो रूस के निर्वाचित राष्ट्रपति हैं ही? तो जवाब है कि महज खुराफात के लिए.

इसे भी पढ़ें: बलात्कार का ये आरोप महज डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए?

दूसरी स्थिति

 इन्हें हिलेरी की दावेदारी से परहेज

अमेरिका में बीते आठ साल से डैमोक्रैटिक पार्टी की सरकार है. इस दौरान 2010 में विकीलीक्स और उसके कर्ताधर्ता जूलियन असांज ने अमेरिकी सुरक्षा से संबंधित कई अति-गोपनीय सरकारी...

नवंबर में नए राष्ट्रपति के लिए वोटिंग के बाद बस नाम का इंतजार रहेगा. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र का नया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बनेंगे या हिलेरी क्लिंटन? इनमें से एक नाम सीनेट द्वारा घोषित कर दिया जाएगा और जनवरी आते ही उसे राष्ट्रपति पद की शपथ दिला दी जाएगी. लेकिन ऐसा तब होगा जब सबकुछ नॉर्मल रहे. जब गद्दी सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे शक्तिशाली देश की हो तो नॉर्मल की उम्मीद थोड़ी कम रहती है. क्योंकि अमेरिका के ऐसे दुश्मन कई हैं जिनकी आखिरी दम तक कोशिश चुनावों में हेर-फेर करने की रहती है.

यकीन नहीं आता तो खुद गौर करें.

पहली स्थिति

चुनाव प्रचार में यह तय होते ही कि डेमोक्रैटिक पार्टी से उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन रहेंगी, उनके कुछ गोपनीय ईमेल लीक हो गए. शुरुआती छानबीन और खुफिया एजेंसियों से छनकर आई खबरों के मुताबिक इस लीक को रूस में बैठे ब्लादिमीर पुतिन ने कराया. अब भला पुतिन क्यों कराने लगे यह लीक? वह तो रूस के निर्वाचित राष्ट्रपति हैं ही? तो जवाब है कि महज खुराफात के लिए.

इसे भी पढ़ें: बलात्कार का ये आरोप महज डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए?

दूसरी स्थिति

 इन्हें हिलेरी की दावेदारी से परहेज

अमेरिका में बीते आठ साल से डैमोक्रैटिक पार्टी की सरकार है. इस दौरान 2010 में विकीलीक्स और उसके कर्ताधर्ता जूलियन असांज ने अमेरिकी सुरक्षा से संबंधित कई अति-गोपनीय सरकारी दस्तावेज को अपनी वेबसाइट के जरिए दुनिया के सामने रख दिया था. असांज अब अमेरिका से फरार हैं. उन्होंने दावा किया है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने से पहले वह सिलसिलेवार कई संवेदनशील मामलों को दस्तावेज के साथ उजागर कर देंगे. जानकारों का मानना है कि इस स्थिति में सत्तारूढ़ डेमोक्रैटिक पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि फिलहाल सेक्स टेप लीक से जूझ रहे ट्रंप को अब उम्मीद विकीलीक्स से है.

इसे भी पढ़ें: क्लिंटन या ट्रंप? राष्ट्रपति वो जिसे एशियाई वोट देंगे

तीसरी स्थिति

 पहली बार अमेरिकी चुनाव में उम्मीदवार ही मुद्दा है!

हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच दूसरे डीबेट से पहले ट्रंप का सेक्स टेप लीक हुआ. नतीजा, हिलेरी की राष्ट्रपति चुने जाने की संभावनाओं में इजाफा हो गया. ट्रंप को अपने 11 साल पुराने उक्त बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी. लेकिन उनकी समस्या यहीं खत्म नहीं हो रही है. गौरतलब है कि राजनीति में सक्रिय होने से पहले ट्रंप एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. इसी दौर में वह एक रिएल्टी शो में भी शामिल हुए थे. अब दावा किया जा रहा है कि इस शो के 14 अनएडिटेड एपिसोड में ट्रंप को महिलाओं के ऊपर बेहद गंभीर टिप्पणी करने के कई साक्ष्य मौजूद हैं. फिलहाल मामला अदालत में है और जिसके पास इस टेप का कॉपीराइट है वह फिलहाल इसे रिलीज करने से मना कर रहा है.

अब देखिए आगे क्या होता है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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