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हारते ट्रंप से बदला लेने का वक्त आया तो पहला वार टीवी चैनल और ट्विटर का

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 06 नवम्बर, 2020 09:57 PM
  • 06 नवम्बर, 2020 09:57 PM
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अमेरिका में जो बाइडेन (Joe Biden) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच मुकाबला अब बाइडेन के पक्ष में झुकता नजर आ रहा है. अभी यूएस में नतीजे (US Elections results) भी ढंग से नहीं आए हैं ऐसे में जो सुलूक डोनाल्ड ट्रंप के साथ मीडिया और ट्विटर कर रहे हैं वो ये साफ़ बताता है कि अपने कार्यकाल में ट्रंप ने लोगों को केवल और केवल नाराज़ किया है.

'सुन लो यह घोषणा

इस अंधे बर्बर पशु की

पक्ष में नहीं है जो मेरे

वह शत्रु है.'

पंक्तियां धर्मवीर भारती की हैं और अगर इन्हें वर्तमान परिदृश्य में देखें तो महसूस होता है कि जैसे सालों पहले लिखी इन पंक्तियों को धर्मवीर भारती ने लिखा ही इसलिये था ताकि वो दुनिया को 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (S Presidential Elections) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से अवगत करा सकें. यूएस चुनाव (S Election) पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. हर कोई जानने को आतुर है कि जो बाइडेन (Joe Biden) और ट्रंप में से वो कौन होगा जो मुकद्दर का सिकंदर बनेगा और अमेरिका के साथ साथ वैश्विक राजनीति को दिशा देगा. चुनावों के चलते अमेरिका में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच लड़ाई किस स्तर पर आ गयी है इसका अंदाजा ट्रंप की उस बौखलाहट से लगा सकते हैं जिनमें कभी वो अपने को विजेता घोषित कर रहे हैं तो कहीं पर वो बाइडेन पर एक से एक गंभीर आरोप लगाकर बता रहे हैं कि कैसे अमेरिका के चुनावों में वोटों के साथ छेड़ छाड़ की जा रही है. तमाम बातों के इतर अमेरिका के चुनाव में ट्रंप द्वारा झूठ का भी भरसक इस्तेमाल हुआ. ट्रंप के झूठ लोगों को कितना व्यथित कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अभी बीते दिन ही अमेरिका के तमाम टीवी चैनल्स ने ट्रंप और उनकी बातों का बहिष्कार करते हुए उनका लाइव भाषण ही रोक दिया.

लगातार झूठ के बाद स्थानीय मीडिया ने ट्रंप को अच्छा सबक दिया है

ट्रंप के झूठ से त्रस्त अमेरिका के तमाम टीवी चैनल्स एक सुर में इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि ट्रंप लगातार गलत सूचनाएं साझा कर रहे हैं. बता दें कि चुनाव कब बाद जो पहला भाषण ट्रंप ने दिया उनमें तमाम ऐसी बातें थीं जो...

'सुन लो यह घोषणा

इस अंधे बर्बर पशु की

पक्ष में नहीं है जो मेरे

वह शत्रु है.'

पंक्तियां धर्मवीर भारती की हैं और अगर इन्हें वर्तमान परिदृश्य में देखें तो महसूस होता है कि जैसे सालों पहले लिखी इन पंक्तियों को धर्मवीर भारती ने लिखा ही इसलिये था ताकि वो दुनिया को 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (S Presidential Elections) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से अवगत करा सकें. यूएस चुनाव (S Election) पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. हर कोई जानने को आतुर है कि जो बाइडेन (Joe Biden) और ट्रंप में से वो कौन होगा जो मुकद्दर का सिकंदर बनेगा और अमेरिका के साथ साथ वैश्विक राजनीति को दिशा देगा. चुनावों के चलते अमेरिका में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच लड़ाई किस स्तर पर आ गयी है इसका अंदाजा ट्रंप की उस बौखलाहट से लगा सकते हैं जिनमें कभी वो अपने को विजेता घोषित कर रहे हैं तो कहीं पर वो बाइडेन पर एक से एक गंभीर आरोप लगाकर बता रहे हैं कि कैसे अमेरिका के चुनावों में वोटों के साथ छेड़ छाड़ की जा रही है. तमाम बातों के इतर अमेरिका के चुनाव में ट्रंप द्वारा झूठ का भी भरसक इस्तेमाल हुआ. ट्रंप के झूठ लोगों को कितना व्यथित कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अभी बीते दिन ही अमेरिका के तमाम टीवी चैनल्स ने ट्रंप और उनकी बातों का बहिष्कार करते हुए उनका लाइव भाषण ही रोक दिया.

लगातार झूठ के बाद स्थानीय मीडिया ने ट्रंप को अच्छा सबक दिया है

ट्रंप के झूठ से त्रस्त अमेरिका के तमाम टीवी चैनल्स एक सुर में इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि ट्रंप लगातार गलत सूचनाएं साझा कर रहे हैं. बता दें कि चुनाव कब बाद जो पहला भाषण ट्रंप ने दिया उनमें तमाम ऐसी बातें थीं जो हक़ीक़त से कोसों दूर थीं वहीं अपने 17 मिनट के भाषण में ट्रंप ने ऐसा बहुत कुछ कहा जो न केवल तथ्यहीनथा बल्कि जो बेहद भड़काऊ भी रहा.

ट्रंप के इन तथ्यहीन दावों और नफरती बातों पर अपना पक्ष रखते हुए एमएसएनबीसी के एंकर ब्रायन विलियम्‍स ने कहा कि, 'ओके, हम यहां पर एक बार फिर से एक असामान्‍य स्थिति में हैं और न केवल अमेरिका के राष्‍ट्रपति को टोक रहे हैं बल्कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति के बयानों को सही कर रहे हैं.' ट्रंप का भाषण टीवी पर कुछ देर ही चला था कि उसे बंद कर दिया गया. एमएसएनबीसी के बाद कुछ ऐसा ही काम एनबीसी और एबीसी ने भी किया.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ अमेरिका में टीवी चैनल्स ही ट्रंप की बातों से खफा हैं बात अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर की हो तो ट्विटर ने भी ट्रंप के काफ़ी सारे ट्वीट्स को भ्रामक करार देते हुए उनपर एक्शन लिया है. स्थिति कुछ ऐसी थी कि ट्विटर पर ट्रंप अपनी भड़ास तो निकाल रहे थे लेकिन न तो कोई उनके ट्वीट्स को रीट्वीट कर पा रहा था न ही उसे लाइक और कमेंट ही मिल पा रहे थे.

 

बताते चलें कि अभी बीते दिनों ही डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी नतीजों पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, ‘धोखेबाजी रोको.’ जिसे ट्विटर ने भ्रामक करार देकर हाइड कर दिया था. दिलचस्प बात ये है कि ये ट्वीट, ट्विटर पर अब भी मौजूद है मगर न तो इसे रीट्वीट किया जा सकता है और न ही कोई इसपर कमेंट किया जा सकता है.ट्विटर लगातार ट्रंप पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने काउंटिंग से पहले एक ट्वीट और किया था जिसपर एक्शन हुआ है.

ट्रंप के इस ट्वीट पर यदि निगाह डाली जाए तो उन्होंने जे बाइडेन को घेरते हुए लिखा कि जे बाइडेन के सभी दावों को हम अदालत में चुनौती देने जा रहे हैं. यह वोटर फ्रॉड और स्टेट इलेक्शन फ्रॉड है. हमारे पास बहुत सारे सबूत हैं, मीडिया देखें. हम जीतेंगे, अमेरिका फर्स्ट’! ट्रंप के इस ट्वीट को भी ट्विटर ने फेक न्यूज़ की श्रेणी में रखते हुए इसपर एक्शन लिया था.

गौरतलब है कि एक ऐसे वक्त में जब जन समर्थन के लिहाज से ट्रंप को अपनी बात को लोगों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाना चाहिए. जो कुछ भी ट्रंप के साथ हो रहा है और जिस तरह का एक्शन उनके खिलाफ लिया जा रहा है. वो ये बताने के लिए काफी है कि कहीं न कहीं अपने कार्यकाल में ट्रंप ने लोगों को नाराज किया है. आज वो जो भी झेल रहे हैं उसकी एक बड़ी वजह उनका वो बड़बोलापन है जो पूर्व से लेकर वर्तमान तक तमाम तरह के विवादों की वजह बना है.

बहरहाल अब जबकि ट्रंप को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं साफ हो गया है कि वक़्त पलटता है. कल ट्रंप का वक़्त था आज ट्विटर और टीवी चैनल्स का है. इन बातों के विपरीत जिक्र अगर जे बाइडेन का हो तो कोरोना केसेज बढ़ने के बाद जैसा असंतोष अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ दिखा और जिस लिहाज से वोटिंग हुई उससे बाइडेन अवश्य ही खुश होंगे.

जैसे राजनितिक समीकरण इस वक़्त अमेरिका में हैं कहना गलत न होगा कि 2020 के इस यूएस राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन की पांचों अंगुलियां घी और सिर कड़ाई में है. चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन बनें या फिर ट्रंप। आने वाला वक़्त दिलचस्प है. जो अमेरोका के साथ साथ पूरे विश्व की राजनीति को प्रभावित और परिवर्तित करने का पूरा सामर्थ्य रखता है. जैसी स्थिति अमेरिका में इस वक़्त बाइडेन की है शायर कह रहा है 

जिन्हें उल्फ़त की खुशियां मिल सके, उन्हें ले लेने दो,

हमारा क्या है, हम तो अपनी किस्मत आज़मा चुके.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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