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ट्रंप प्रसाशन के 100 दिन, खतरनाक इरादों के बीच अनोखे फैसले

    • जगत सिंह
    • Updated: 29 अप्रिल, 2017 04:17 PM
  • 29 अप्रिल, 2017 04:17 PM
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अगर लोकप्रियता को मानदंड मन जाये तो अपने कार्यकाल में बिल क्लिंटन की स्वीकार्यता का प्रतिशत काफी कम रहा था पर उनका आंकड़ा भी ट्रंप की तुलना में 15 फीसदी ट्रंप बेहतर था.

डोनाल्ड ट्रंप 29 को अपने राष्ट्रपति के तौर पर अप्रैल 100 दिन पूरे होने पर पेन्सिलवेनिया में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा मेरा 100 दिन का कार्यकाल अमेरिकी इतिहास में सबसे बेहतर है.

ट्रंप ने इसी साल 20 जनवरी को अमेरिका के 45th प्रेसिडेंट के तौर पर शपथ ली थी और 29 तारिख को ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाल लिया था. कार्यकाल के 3 महीने से ज्यादा पूरे कर लेने वाले ट्रंप ने भले ही ये कहा हो कि उनका कार्यकाल सबसे बेहतर रहा है, लेकिन हालात को देखते हुए अभी भी लगता है कि अमेरिकी अभी भी नीतिगत अनिश्चिंता से उबर रहे हैं. ट्रंप भी अपनी लोकप्रियता के ग्राफ में ऊपर नहीं चढ़े. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप को  महज 46.1 फीसदी मत मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को 48.2 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे.

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 100 दिन पूरेअगर लोकप्रियता को मानदंड मन जाये तो अपने कार्यकाल में बिल क्लिंटन की स्वीकार्यता का प्रतिशत काफी कम रहा था पर उनका आंकड़ा भी ट्रंप की तुलना में 15 फीसदी ट्रंप बेहतर था. आज भी उनके लिए कई फैसलों का विरोध खुद अमेरिका को भी झेलना पड़ रहा है. पर 2016 में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने‘अमेरिका फर्स्ट’ की कवायद से लेकर राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय नीतियां कभी संशय में भी डाल देती है, की आखिर ट्रंप की मंशा क्या है?

बड़े फैसले जैसे पहले दिन ही, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले एजुकेटिव ऑडर में बराक ओबामा के एफोरडेबल एक्ट का विखंडन किया, मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर दीवार खड़ी करने का फैसला हो, या पूर्वी अफगानिस्तान में ‘मातृ-बम’ गिराने का मामला, चीन को उत्तर कोरिया के विरूद्ध कठोर रुख, नॉर्थ कोरिया पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की...

डोनाल्ड ट्रंप 29 को अपने राष्ट्रपति के तौर पर अप्रैल 100 दिन पूरे होने पर पेन्सिलवेनिया में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा मेरा 100 दिन का कार्यकाल अमेरिकी इतिहास में सबसे बेहतर है.

ट्रंप ने इसी साल 20 जनवरी को अमेरिका के 45th प्रेसिडेंट के तौर पर शपथ ली थी और 29 तारिख को ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाल लिया था. कार्यकाल के 3 महीने से ज्यादा पूरे कर लेने वाले ट्रंप ने भले ही ये कहा हो कि उनका कार्यकाल सबसे बेहतर रहा है, लेकिन हालात को देखते हुए अभी भी लगता है कि अमेरिकी अभी भी नीतिगत अनिश्चिंता से उबर रहे हैं. ट्रंप भी अपनी लोकप्रियता के ग्राफ में ऊपर नहीं चढ़े. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप को  महज 46.1 फीसदी मत मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को 48.2 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे.

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 100 दिन पूरेअगर लोकप्रियता को मानदंड मन जाये तो अपने कार्यकाल में बिल क्लिंटन की स्वीकार्यता का प्रतिशत काफी कम रहा था पर उनका आंकड़ा भी ट्रंप की तुलना में 15 फीसदी ट्रंप बेहतर था. आज भी उनके लिए कई फैसलों का विरोध खुद अमेरिका को भी झेलना पड़ रहा है. पर 2016 में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने‘अमेरिका फर्स्ट’ की कवायद से लेकर राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय नीतियां कभी संशय में भी डाल देती है, की आखिर ट्रंप की मंशा क्या है?

बड़े फैसले जैसे पहले दिन ही, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले एजुकेटिव ऑडर में बराक ओबामा के एफोरडेबल एक्ट का विखंडन किया, मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर दीवार खड़ी करने का फैसला हो, या पूर्वी अफगानिस्तान में ‘मातृ-बम’ गिराने का मामला, चीन को उत्तर कोरिया के विरूद्ध कठोर रुख, नॉर्थ कोरिया पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की मंशा,  आतंकवाद से कोई समझौता नहीं, पाकिस्तान, और सीरिया के प्रति अपने स्पष्ट रुख, ट्रंप ने अमेरिका आने वाले मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों पर बैन लगा दिया, सत्ता में आने के तीन दिन बाद ही उन्होंने 12 देशों के संगठन ट्रांस-पेसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) समझौते से अमेरिका को हटा लिया था. डोनाल्ड ट्रंप की कॉरपोरेट टैक्स की दर को 15 प्रतिशत पर लाने की योजना, H1B वीजा पर पाबंदी और अमेरिकी हितों के लिए नागरिकता और नौकरी से सम्बंधित को लेकर ट्रंप प्रशासन काफी सुर्खियां बटोर चुकी है, ये कुछ बानगी है.

कई अंतराष्ट्रीय राजनितिक विश्लेषकों का मानना है की 100 दिन का समय किसी प्रशासन के बारे में ठोस आकलन करने के लिए बहुत कम होता है तथा इस अवधि के बाद किये गये निर्णय भी उसे सफल या असफल साबित कर सकते हैं, तो ट्रंप के कार्यकाल को अभी और समय दिया जाना चाहिए सही आकलन के लिए. राष्ट्रपति ट्रंप को अपने फैसलों को लागू कराने में काफी अड़चनों का सामना करना पड़ता है. विपक्ष और अदालतें भी बड़ी रोड़ा साबित हो रही हैं, साथ ही चुनाव अभियान में किये गए वादों को पूरा करना भी आसान नहीं जिसमें प्रशासन में सहमति बनाना और कांग्रेस के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल है. फिर भी असीमित अधिकारों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बड़े फैसले लेने और उसका कार्यपालन करने में सक्षम है.   

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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