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Delhi election result 2020: आखिर 'गद्दार', 'पाकिस्‍तान', 'आतंकवादी' ही जीते!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 11 फरवरी, 2020 06:26 PM
  • 11 फरवरी, 2020 06:26 PM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) में मोदी (Narendra Modi), शाह (Amit Shah), योगी (Yogi Adityanath) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने चुनाव प्रचार किया, लेकिन न तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता कुछ कर पाए, ना ही बड़बोले नेताओं के बिगड़े बोल काम आए.

जब से दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) को लेकर राजनीति गरम हुई है, तब से एक के बाद एक कुछ खास तरह के शब्द सुनने में आए. कभी गद्दार, कभी पाकिस्तान तो कभी आतंकवादी. इस शब्दों के जरिए भाजपा (BJP) ने दिल्ली की राजनीति (Politics of Delhi) में एक बंटवारा करने की कोशिश की. अब चुनावी नतीजे (Delhi Election Result 2020) आ चुके हैं, जो दिखा रहे हैं कि जिन्हें भाजपा ने गद्दार, पाकिस्तान और आतंकवादी कहा था, वही जीते हैं. एक बार फिर से भाजपा को उनके नेताओं के विवादित बयान (BJP Leaders Controversial Statements) भारी पड़ गए. भाजपा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. क्या मोदी (Narendra Modi), क्या शाह (Amit Shah), योगी (Yogi Adityanath) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी दिल्ली आकर चुनाव प्रचार किया. मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने भी भरसक कोशिश की कि कम से कम पूर्वांचली वोटर्स को तो अपनी ओर खींचा जा सके, जो दिल्ली की करीब 27 सीटों पर हार-जीत तय करते हैं. खैर, न तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता कुछ कर पाए, ना ही बड़बोले नेताओं की बयानबाजी कोई कमाल दिखा सकी, दिल्ली में एक बार फिर केजरीवाल का झाड़ू चल गया है, जिसने बाकी पार्टियों को साफ कर दिया. कांग्रेस (Congress) का तो सूपड़ा ही साफ हो गया, जो एक भी सीट पर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाई. बता दें कि शाम 4.30 बजे तक के नतीजों के अनुसार आम आदमी पार्टी ने 63 सीटें जीत ली हैं, जबकि भाजपा सिर्फ 7 सीटों पर जीत पाई है.

दिल्ली चुनाव में भाजपा नेताओं के बिगड़े बोल कुछ काम नहीं कर पाए, उल्टा भाजपा को ही नुकसान पहुंचा गए.

देश के गद्दारों को गोली मारो...

वैसे तो अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन दिल्ली में चुनाव प्रचार के...

जब से दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) को लेकर राजनीति गरम हुई है, तब से एक के बाद एक कुछ खास तरह के शब्द सुनने में आए. कभी गद्दार, कभी पाकिस्तान तो कभी आतंकवादी. इस शब्दों के जरिए भाजपा (BJP) ने दिल्ली की राजनीति (Politics of Delhi) में एक बंटवारा करने की कोशिश की. अब चुनावी नतीजे (Delhi Election Result 2020) आ चुके हैं, जो दिखा रहे हैं कि जिन्हें भाजपा ने गद्दार, पाकिस्तान और आतंकवादी कहा था, वही जीते हैं. एक बार फिर से भाजपा को उनके नेताओं के विवादित बयान (BJP Leaders Controversial Statements) भारी पड़ गए. भाजपा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. क्या मोदी (Narendra Modi), क्या शाह (Amit Shah), योगी (Yogi Adityanath) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी दिल्ली आकर चुनाव प्रचार किया. मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने भी भरसक कोशिश की कि कम से कम पूर्वांचली वोटर्स को तो अपनी ओर खींचा जा सके, जो दिल्ली की करीब 27 सीटों पर हार-जीत तय करते हैं. खैर, न तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता कुछ कर पाए, ना ही बड़बोले नेताओं की बयानबाजी कोई कमाल दिखा सकी, दिल्ली में एक बार फिर केजरीवाल का झाड़ू चल गया है, जिसने बाकी पार्टियों को साफ कर दिया. कांग्रेस (Congress) का तो सूपड़ा ही साफ हो गया, जो एक भी सीट पर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाई. बता दें कि शाम 4.30 बजे तक के नतीजों के अनुसार आम आदमी पार्टी ने 63 सीटें जीत ली हैं, जबकि भाजपा सिर्फ 7 सीटों पर जीत पाई है.

दिल्ली चुनाव में भाजपा नेताओं के बिगड़े बोल कुछ काम नहीं कर पाए, उल्टा भाजपा को ही नुकसान पहुंचा गए.

देश के गद्दारों को गोली मारो...

वैसे तो अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान उनके बोल बिगड़ गए. एक रैली के दौरान उन्होंने शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को गद्दार कहा. इतना ही नहीं, उन्होंने तो नारा भी लगवा दिया कि 'देश के गद्दारों को गोली मारे #$%^& को'. कुछ दिनों बाद जामिया और शाहीन बाग में गोली भी चली, जिसके बाद अनुराग ठाकुर को निशाने पर भी लिया गया. अब शाहीन बाग वाली ओखला सीट तो आम आदमी पार्टी जीती ही है, पूरी दिल्ली को भी प्रचंड बहुमत से जीत लिया है. कहना गलत नहीं होगा कि जिन्हें अनुराग ठाकुर ने गद्दार कहा था, वो ये लड़ाई जीत चुके हैं.

भारत vs पाकिस्‍तान होगा

आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने दिल्ली चुनाव से पहले ट्वीट किया था कि 8 फरवरी दो दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला होगा. पाकिस्तान की एंट्री शाहीन बाग में हो चुकी हैं और दिल्ली में छोटे छोटे पाकिस्तान बनाये जा रहे हैं. शाहीन बाग, चांद बाग, इंद्रलोक में देश का कानून नहीं माना जा रहा है और पाकिस्तानी दंगाइयों का दिल्ली की सड़कों पर कब्जा है. उन्होंने तो शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान तक कहा, जिस पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव प्रचार पर कुछ दिन की रोक भी लगाई थी. अब चुनावी नतीजे आ गए हैं और इसमें दिख गया है कि कपिल मिश्रा का पाकिस्तान भी दिल्ली चुनाव में जीत गया है.

केजरीवाल आतंकवादी

पहले भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा और कुछ दिन बाद मोदी सरकार में मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने भी उसी दावे पर मुहर लगाने का काम किया. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल के आतंकवादी होने के कई सबूत हैं. अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहे जाने की शिकायत भी चुनाव आयोग से की गई. वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि वह दिल्ली के बेटे हैं, उन्हें आतंकवादी कहा गया, जिससे उनके माता-पिता को बहुत दुख पहुंचा है. अब चुनावी नतीजों ने प्रवेश वर्मा और प्रकाश जावड़ेकर के आतंकवादी को ही दिल्ली की सत्ता दे दी है. दिल्ली की जनता ने साफ कर दिया है कि कोई कितनी भी बयानबाजी कर ले, लेकिन उनका वोट किसे जाएगा, इसका फैसला दिल्लीवाले खुद ही करते हैं.

शाहीन बाग को करंट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली के बाबरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 8 फरवरी को इतनी जोर से बटन दबाना कि करंट शाहीन बाग तक पहुंचे. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी सीएए लेकर आए, लेकिन राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी इसका विरोध कर रही हैं. दिल्ली में दंगे कराए, लोगों को उकराया, भड़काया, गुमराह किया, बसें जला दीं, लोगों की गाड़ियां जला दीं. ये लोग फिर से आए तो दिल्ली सुरक्षित नहीं रह सकती है. अब जो भाजपा 45-50 सीटों का दम भर रही थी, वो सिंगल डिजिट में जा पहुंची है. वहीं शाहीन बाग का असली करंट तो कांग्रेस को लगा दिख रहा है, जिसका सूपड़ा ही साफ हो गया. बता दें कि कांग्रेस एक भी सीट पर अपनी जमानत तक नहीं बचा सकी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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