• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

चुनाव से पहले अमित शाह की नजरों में भ्रष्ट सरकारें

    • आलोक रंजन
    • Updated: 06 नवम्बर, 2017 09:26 PM
  • 06 नवम्बर, 2017 09:26 PM
offline
बात अगर अमित शाह की रणनीति पर हो तो जैसे ही किसी राज्य में चुनाव आते हैं वो वहां की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा देते हैं और यही बात उनकी पार्टी के लिए चुनाव जीतने में सहायक होती है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने, नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन यात्रा की एक रैली के शुभारम्भ कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक में कांग्रेस शासित सिद्दारमैया सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कर्नाटक की राज्य सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार करार दिया. उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सिद्दारमैया सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. अमित शाह ने यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा को भावी मुख्यमंत्री बताया और दावा किया कि इस यात्रा से, राज्य में, कांग्रेस की सरकार सत्ता से बेदखल होगी.

अमित शाह ने जिस सर्वे का हवाला देते हुए कर्नाटक को देश का सर्वाधिक भ्रष्ट राज्य कहा वो शायद अप्रैल के महीने में आयी सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज का एक सर्वे था. इस सर्वे के दौरान पब्लिक सर्विसेज के लिए रिश्वत देने में लोगों के अनुभव के आधार पर कर्नाटक को भ्रष्ट राज्यों में पहले स्थान पर रखा गया था. इस सर्वे में कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और पंजाब को रखा गया था.

चुनाव से पहले वर्तमान सरकार को दोषी ठहराना अमित शाह की पुरानी रणनीति का हिस्सा है

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने ये सर्वे देश के 20 राज्यों में कराया था. सर्वे के अनुसार हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे भ्रष्ट राज्यों की सूची में निचले स्थानों में थे. इस सर्वे का आधार करीब तीन हजार लोगो को बनाया गया था. इस सर्वे में यह भी कहा गया था की नवंबर 2016 में हुए नोटबंदी के बाद पब्लिक सर्विसेज में भ्रष्टाचार का लेवल कम हुआ है.

अमित शाह ने कर्नाटक को सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया और अगर इन्होंने इस सर्वे का हवाला लिया है तो यहां ये बताना जरूरी है की ये सर्वे न तो यह कोई सरकारी सर्वे था और न ही ये...

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने, नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन यात्रा की एक रैली के शुभारम्भ कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक में कांग्रेस शासित सिद्दारमैया सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कर्नाटक की राज्य सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार करार दिया. उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सिद्दारमैया सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. अमित शाह ने यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा को भावी मुख्यमंत्री बताया और दावा किया कि इस यात्रा से, राज्य में, कांग्रेस की सरकार सत्ता से बेदखल होगी.

अमित शाह ने जिस सर्वे का हवाला देते हुए कर्नाटक को देश का सर्वाधिक भ्रष्ट राज्य कहा वो शायद अप्रैल के महीने में आयी सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज का एक सर्वे था. इस सर्वे के दौरान पब्लिक सर्विसेज के लिए रिश्वत देने में लोगों के अनुभव के आधार पर कर्नाटक को भ्रष्ट राज्यों में पहले स्थान पर रखा गया था. इस सर्वे में कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और पंजाब को रखा गया था.

चुनाव से पहले वर्तमान सरकार को दोषी ठहराना अमित शाह की पुरानी रणनीति का हिस्सा है

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने ये सर्वे देश के 20 राज्यों में कराया था. सर्वे के अनुसार हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे भ्रष्ट राज्यों की सूची में निचले स्थानों में थे. इस सर्वे का आधार करीब तीन हजार लोगो को बनाया गया था. इस सर्वे में यह भी कहा गया था की नवंबर 2016 में हुए नोटबंदी के बाद पब्लिक सर्विसेज में भ्रष्टाचार का लेवल कम हुआ है.

अमित शाह ने कर्नाटक को सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया और अगर इन्होंने इस सर्वे का हवाला लिया है तो यहां ये बताना जरूरी है की ये सर्वे न तो यह कोई सरकारी सर्वे था और न ही ये ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की कोई रैंकिंग है. उन्होंने कांग्रेस शासित सिद्दारमैया सरकार को करप्शन में अव्वल नंबर ठहराया परन्तु वे ये भूल गए की जिन्हें यानी बीएस येदियुरप्पा को वे भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं उन पर खुद करप्शन के कई गंभीर आरोप हैं.

इससे पहले भी लगाया है आरोप

अमित शाह ने इससे पहले नवंबर 2016 और अगस्त 2017 में दक्षिण के इस राज्य में कार्यक्रम के दौरान कहा था कि सिद्दारमैया सरकार देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार है. कर्नाटक में अगले साल 2018 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में बीजेपी अपने मिशन के तहत इस राज्य में वापसी करने के लिए बेताब है. एक साल से भी अधिक समय से वो सिद्दारमैया के खिलाफ चुनावी रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं. बीजेपी ने अपने विकास के एजेंडे के तहत विपक्षी राज्यों की सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं, अमित शाह ने हाल फ़िलहाल जिस जिस विपक्षी राज्य में रैली या कार्यक्रम किया वहां की सरकारों को भ्रष्ट ठहराया है.

शाह का कहा मानें तो ममता भी भ्अपने शासन में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं

ममता बनर्जी पर भी साधा था निशाना

मार्च 2016 में पश्चिम बंगाल में एक चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा था. उस दौरान उन्होंने कहा था की चिट फंड वालों ने गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूट लिया, लेकिन ममता खामोश बैठी रहीं. साथ में उन्होंने ये भी कहा था की ममता को उन लोगों को अपनी पार्टी से निकाल देना चाहिए, जो कैमरे में घूस लेते हुए पकड़े गए थे. उन्होंने सवाल उठाया था की ममता चिटफंड करने वालों को अपनी पेंटिंग एक-एक करोड़ में बेचती हैं, क्या मतलब है इसका. नवंबर 2014 में भी अमित शाह ने कहा था कि ममता दीदी के राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. दिसंबर 2016 में बीजेपी के एक प्रवक्ता ने तो ममता बनर्जी को 'क्वीन ऑफ करप्शन' बता डाला था.

हिमाचल चुनाव आने में अभी वक़्त है मगर वीरभद्र सिंह पर शाह ने शिकंजा कस लिया है

भ्रष्टाचार को लेकर वीरभद्र सिंह पर निशाना साधा

हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को चुनाव होना है. बीजेपी ने इस बार वहां के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. बीजेपी ने इस बार करप्शन को मुख्य मुद्दा बनाया है. अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैलियों के दौरान  वीरभद्र सिंह पर निशाना साधा था और पूरे परिवार को आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त बताया था. उन्होंने कहा की मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने तीन वर्ष में कई योजनाएं बनाईं लेकिन यहां की सरकार की वजह से उनका लाभ जनता नहीं उठा पायी.

जयललिता की सरकार को भी बताया था देश की सबसे भ्रष्ट सरकार

अप्रैल 2016 में मई 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के पहले एक इलेक्शन रैली में अमित शाह ने उस समय की जयललिता सरकार को बताया था देश की सबसे भ्रष्ट सरकार.

अब यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि जो तमिलनाडु की सरकार अमित शाह की नजर में सबसे भ्रष्ट सरकार थी वो क्या अब नहीं रही. और इसीलिए उनके नजर में कर्नाटक की सरकार अब देश की सबसे भ्रष्ट सरकार नजर आ रही है क्योंकि वहां पर अगले साल चुनाव होने हैं. तो क्या समझें कि उनकी नजर में सरकारें भ्रष्ट तभी नजर आती हैं जब चुनाव नजदीक आते हैं.

विपक्षी पार्टियां राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं परन्तु ऐसे मामले में वे क्यों चुप्पी साध लेते हैं? देखना ये है कि उनके निशाने पर अगली भ्रष्ट सरकार कौन होगी?

ये भी पढ़ें -

बीजेपी के लिए सौराष्ट्र में चुनावी फतह काफी मुश्किल

गुजरात में बहेगी नमो बयार या फ़िर बजेगा राहुल राग?

दो महीने में ही क्यों बदल गये चुनाव आयोग के तेवर

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲