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Coronavirus से बड़ा हमला तो अफवाहों का हुआ है!

    • मशाहिद अब्बास
    • Updated: 17 अप्रिल, 2020 05:07 PM
  • 17 अप्रिल, 2020 05:07 PM
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तमाम देश कोरोना (Coronavirus ) से लड़ रहे हैं उनमें भारत (India ) भी शामिल है, लेकिन भारत के सामने जितनी बड़ी चुनौती कोरोना वायरस की है उतनी ही बड़ी चुनौती अफवाहों की भी है. कोरोना को फैलने से रोकने से पहले अफवाहों को रोकना होगा वरना अफवाहों के शिकार लोग कोरोना को फैला कर ही दम लेंगे.

भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) अपना पूरा असर छोड़ रहा है. देश के 33 राज्यों एंव केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका है. सिक्किम (Sikkim) देश का एकलौता ऐसा राज्य है जहां अबतक कोई भी संक्रमित नहीं मिला है. जबकि 2 केंद्रशासित प्रदेश भी अभी इससे अछूते हैं. कुछ राज्यों में कोरोना के 10 से कम संक्रमित मरीज हैं. ये राहत की बात है. कोरोना वायरस की कुल उम्र अभी 5 महीने की ही है, दिसंबर महीने में चीन (China) में जन्में कोरोना वायरस ने सिर्फ 5 महीने की अवधि में ही दुनिया भर के तकरीबन 20 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. एक लाख से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है. अमेरिका (America), इटली (Italy) और ब्रिटेन (Britain) जैसे देशों ने घुटने टेक दिए हैं. हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि हर दिन लाखों की संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. दुनिया भर में कोरोना की जो रफ्तार है उसे देख कर लगता है कि भारत की स्थिति अभी उतनी खराब नहीं है, इसपर काबू पाया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) भी चाहते हैं कि कोरोना से लड़ाई जल्द से जल्द जीत ली जाए. पहले 21 दिनों का लॅाकडाउन और अब फिर से 19 दिनों का लॅाकडाउन लगा दिया गया है ताकि इस कोरोना से निजात पाया जा सके.

इस समय सरकार के लिए कोरोना के अलावा एक बड़ी चुनौती अफवाहें भी हैं

भारत में कोरोना के अबतक 10 हज़ार से अधिक केस सामने आ चुके हैं. यह रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ रही है जो चिंता का विषय है. लेकिन उससे भी ज़्यादा चिंतित कर रही हैं अफवाहें. पहले लॅाकडाउन के ऐलान के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद से पलायन की तस्वीर सामने आई, इसमें अधिकांश अफवाहों के शिकार हुए लोग थे जो हज़ारों की तादाद में थे.

सरकार ने सख्ती दिखाई तो जो जहां था वहीं ठहर गया. लेकिन...

भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) अपना पूरा असर छोड़ रहा है. देश के 33 राज्यों एंव केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका है. सिक्किम (Sikkim) देश का एकलौता ऐसा राज्य है जहां अबतक कोई भी संक्रमित नहीं मिला है. जबकि 2 केंद्रशासित प्रदेश भी अभी इससे अछूते हैं. कुछ राज्यों में कोरोना के 10 से कम संक्रमित मरीज हैं. ये राहत की बात है. कोरोना वायरस की कुल उम्र अभी 5 महीने की ही है, दिसंबर महीने में चीन (China) में जन्में कोरोना वायरस ने सिर्फ 5 महीने की अवधि में ही दुनिया भर के तकरीबन 20 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. एक लाख से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है. अमेरिका (America), इटली (Italy) और ब्रिटेन (Britain) जैसे देशों ने घुटने टेक दिए हैं. हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि हर दिन लाखों की संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. दुनिया भर में कोरोना की जो रफ्तार है उसे देख कर लगता है कि भारत की स्थिति अभी उतनी खराब नहीं है, इसपर काबू पाया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) भी चाहते हैं कि कोरोना से लड़ाई जल्द से जल्द जीत ली जाए. पहले 21 दिनों का लॅाकडाउन और अब फिर से 19 दिनों का लॅाकडाउन लगा दिया गया है ताकि इस कोरोना से निजात पाया जा सके.

इस समय सरकार के लिए कोरोना के अलावा एक बड़ी चुनौती अफवाहें भी हैं

भारत में कोरोना के अबतक 10 हज़ार से अधिक केस सामने आ चुके हैं. यह रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ रही है जो चिंता का विषय है. लेकिन उससे भी ज़्यादा चिंतित कर रही हैं अफवाहें. पहले लॅाकडाउन के ऐलान के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद से पलायन की तस्वीर सामने आई, इसमें अधिकांश अफवाहों के शिकार हुए लोग थे जो हज़ारों की तादाद में थे.

सरकार ने सख्ती दिखाई तो जो जहां था वहीं ठहर गया. लेकिन लॅाकडाउन-2 के ऐलान के बाद भी अफवाह मुंबई में फैली कि ट्रेन चल रही है देखते ही देखते 5 हज़ार से अधिक लोग इकठ्ठा हो गए. यह अफवाह इतनी तेज़ फैली कि प्रशासन को कानों कान खबर तक न हुयी. कोरोना से तेज़ तो अफवाहों की रफ्तार है जो अधिक समस्या भी खड़ी कर रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने हॅाटस्पाट जगहों को सील करने का ऐलान किया. तो प्रदेश के 15 जिलों में अफवाह उड़ी की पूरा जिला बंद हो रहा है. बाजारों में भीड़ जुट गई, सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर मजाक उड़ाया जाने लगा. यह वक्त सिर्फ और सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का है इसका पालन करना चाहिए लेकिन अफवाहों का असर इतना होता है कि यह लोगों को सोचने और ठहरने का मौका ही नहीं देता है.

अफवाह भारत में बहुत ही तेज़ी के साथ फैलती है, अमेरिका ने भारत से मलेरिया की दवा कि माँग की तो अफवाह फैली कि यह दवा कोरोना के इलाज में काफी कारगर है. लोगों ने मलेरिया की दवा ऐसे खरीदी कि देखते ही देखते बाजारों से मलेरिया की दवा ही गायब हो गई.

कुछ जगहों पर अन्य बीमारी से मरने वाले लोगों कि मौतों को भी कोरोना से जोड़ दिया गया. उसका असर हुआ कि लोग परिजनों को सांत्वना तक देने से कतराने लगे. इन सारे अफवाहों को देखकर लगता है कि भारत को जितनी बड़ी लड़ाई कोरोना से लड़नी है उतनी ही बड़ी लड़ाई इन अफवाहों से भी लड़नी है, जो हर दिन अलग अलग सूरत में सामने आ जा रही है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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