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जब महामहिमों के इन बयानों पर मचा बवाल

    • आईचौक
    • Updated: 09 जनवरी, 2016 06:37 PM
  • 09 जनवरी, 2016 06:37 PM
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कर्नाटक के गवर्नर वाजूभाई ने लड़कियों को फैशन न करने की सलाह दे डाली. वैसे विवादित बयान देने वाले वाजूभाई पहले गर्वनर नहीं हैं बल्कि पहले भी कई गवर्नर अपने बयानों से बवाल खड़ा कर चुके हैं.

ऐसा नहीं है कि इस देश में विवादित बयान सिर्फ नेता ही देते हैं बल्कि कई बार संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की बातें भी विवाद की वजह बन जाती है. हालिया विवाद कर्नाटक के गवर्नर वाजूभाई वाला से जुड़ा है. बेंगलुरु में चल रही इंडियन साइंस कांग्रेस में वाजूभाई ने लड़कियों को फैशन न करने की सलाह दे डाली. युवा पीढ़ी को भविष्य में सफलता की सीख देते समय वाजूभाई ने तो यहां तक कह दिया कि सफलता के लिए जरूरी है कि फैशन पर ध्यान न दिया जाए.

वैसे विवादित बयान देने वाले वाजूभाई पहले गर्वनर नहीं हैं बल्कि पिछले कुछ समय से तो ऐसे बयानों की झड़ी सी लग गई है. इस लिस्ट में खासतौर पर त्रिपुरा के गर्वनर तथागत रॉय का नाम सबसे ऊपर लिया जा सकता है. याकूब मेमन से लेकर बीफ तक पर अपने बयानों से तूफान खड़ा करने वाले तथागत रॉय ने अब पठानकोट आतंकी हमले के बाद आतंकियों को सअर की खाल में लपेटकर दफनाने की सलाह दी है. इससे पहले भी राजस्थान के गर्वनर रहे कल्याण सिंह ने राष्ट्रगान में बदलाव की बात करके और उत्तर प्रदेश के गर्वनर राम नाईक ने राम मंदिर के निर्माण जल्द से जल्द कराए जाने की बातें कहके भी खूब हंगामा खड़ा किया था.

लड़कियां फैशन से दूर रहें:

कर्नाटक के गर्वनर वाजूभाई वाला ने 103वीं इंडियन साइंस कांग्रेस के पांचवे और आखिरी दिन गुरुवार को अपने संबोधन में कहा कि कॉलेज जाने वाली लड़कियों को फैशन से दूर रहने की जरूरत है. वाजूभाई ने कहा, आप कॉलेज पढ़ने के लिए आती हैं फैशन करने के लिए नहीं, आपको कॉलेज में अपने आईब्रो और बाल बनाकर आने की कोई जरूरत नहीं है. वाजूभाई ने पढ़ाई के मामले लड़कियों को लड़कों के मुकाबले ज्यादा गंभीर बताते हुए कहा, 'बुद्धिमानी महिला और पुरुष दोनों में ही होती है लेकिन जो गंभीरता महिलाओं में होती है वह पुरुषों में नहीं दिखाई देती है.'

वाजूभाई ने जीवन में सफलता पाने के लिए गंभीरता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, 'जीवन में कुछ पाने के लिए आपको कुछ खोना भी पड़ता है...' मैं पुरुष छात्रों को उनकी (बुरी)...

ऐसा नहीं है कि इस देश में विवादित बयान सिर्फ नेता ही देते हैं बल्कि कई बार संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की बातें भी विवाद की वजह बन जाती है. हालिया विवाद कर्नाटक के गवर्नर वाजूभाई वाला से जुड़ा है. बेंगलुरु में चल रही इंडियन साइंस कांग्रेस में वाजूभाई ने लड़कियों को फैशन न करने की सलाह दे डाली. युवा पीढ़ी को भविष्य में सफलता की सीख देते समय वाजूभाई ने तो यहां तक कह दिया कि सफलता के लिए जरूरी है कि फैशन पर ध्यान न दिया जाए.

वैसे विवादित बयान देने वाले वाजूभाई पहले गर्वनर नहीं हैं बल्कि पिछले कुछ समय से तो ऐसे बयानों की झड़ी सी लग गई है. इस लिस्ट में खासतौर पर त्रिपुरा के गर्वनर तथागत रॉय का नाम सबसे ऊपर लिया जा सकता है. याकूब मेमन से लेकर बीफ तक पर अपने बयानों से तूफान खड़ा करने वाले तथागत रॉय ने अब पठानकोट आतंकी हमले के बाद आतंकियों को सअर की खाल में लपेटकर दफनाने की सलाह दी है. इससे पहले भी राजस्थान के गर्वनर रहे कल्याण सिंह ने राष्ट्रगान में बदलाव की बात करके और उत्तर प्रदेश के गर्वनर राम नाईक ने राम मंदिर के निर्माण जल्द से जल्द कराए जाने की बातें कहके भी खूब हंगामा खड़ा किया था.

लड़कियां फैशन से दूर रहें:

कर्नाटक के गर्वनर वाजूभाई वाला ने 103वीं इंडियन साइंस कांग्रेस के पांचवे और आखिरी दिन गुरुवार को अपने संबोधन में कहा कि कॉलेज जाने वाली लड़कियों को फैशन से दूर रहने की जरूरत है. वाजूभाई ने कहा, आप कॉलेज पढ़ने के लिए आती हैं फैशन करने के लिए नहीं, आपको कॉलेज में अपने आईब्रो और बाल बनाकर आने की कोई जरूरत नहीं है. वाजूभाई ने पढ़ाई के मामले लड़कियों को लड़कों के मुकाबले ज्यादा गंभीर बताते हुए कहा, 'बुद्धिमानी महिला और पुरुष दोनों में ही होती है लेकिन जो गंभीरता महिलाओं में होती है वह पुरुषों में नहीं दिखाई देती है.'

वाजूभाई ने जीवन में सफलता पाने के लिए गंभीरता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, 'जीवन में कुछ पाने के लिए आपको कुछ खोना भी पड़ता है...' मैं पुरुष छात्रों को उनकी (बुरी) आदतो से छुटकारा पाने की सलाह देता हूं और महिलाओं के लिए मैं सलाह देता हूं कि वे फैशन से छुटकारा पाएं.' साथ ही वाजूभाई ने यह भी कहा कि आज के दौर में छात्रों का 90-95 नंबर लाना सामान्य बात है, जबकि जब हम पढ़ते थे तब इतने नंबर तीन वर्षों में जोड़कर आते थे. वाजूभाई ने ये बातें मजाकिया अंदाज में कहीं और इस पर ऑडिटोरियम में बैठे लोग ठहाके लगाते नजर आए.

तथागत रॉय के विवादित बयानः विवादित बयान देने क मामले में त्रिपुरा के गर्वनर तथागत रॉय सबसे ऊपर नजर आते हैं. आइए देखें.

आतंकियों की लाशों को सुअर की खाल से दफनाओः

पठानकोट आतंकी हमले के बाद त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट करके एक अमेरिकी जनरल पर्सिंग द्वारा फिलीपींस में 50 इस्लामी विद्रोहियों को मारे जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि पर्सिंग ने 49 को सुअर के खून में डूबे कारतूसों से गोली मारी और 50वें विद्रोही को इसलिए छोड़ दिया ताकि वह अपने कामरेड को बता सके कि उनके मारे गए साथी सुअर के संपर्क में आने से नर्क की आग में जलेंगे.

इसके बाद तथागत ने इसी घटना का हवाला देते हुए पठानकोट में मारे गए आतंकियों के शवों के साथ भी ऐसा सलूक किए जाने की बात करते हुए ट्वीट किया, 'मेरी गंभीर सलाह है कि आतंकियों के शवों के साथ रूसी सलूक किया जाना चाहिए, उन्हें सुअर की खाल में लपेटकर, उनका मुंह सुअर के मल से ढंककर उन्हें दफना दिया जाए. इससे हूर पाने का मौका भी खत्म हो जाएगा.'

तथागत के इन ट्वीट्स के बाद बवाल मच गया क्योंकि इस्लाम में सुअर की खाल को हराम माना जाता है. लेकिन तथागत यहीं नहीं रुके और उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए फिर ट्वीट किया, 'मुझे समझ में नहीं आता कि जिहादी आतंकियों के शवों के प्रति सहानुभूति की इतनी बाढ़ क्यों आई हुई है? मुझे गालियां दीजिए लेकिन ये बात स्पष्ट कीजिए.'

याकूब मेमन के जनाजे में शामिल लोग आतंकी?

31 जुलाई 2015 को आतंकी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद उसके जनाजे में शामिल लोगों के बारे में तथागत रॉय ने जो ट्वीट किया उससे बवाल खड़ा हो गया. त्रिपुर के गर्वनर और पश्चिम बंगाल बीजेपी के पू्र्व अध्यक्ष तथागत रॉय ने कहा, 'सुरक्षा एजेंसियों को याकूब के जनाजे में शामिल हुए सभी लोगों (परिवार और दोस्तों को छोड़कर) पर नजर रखनी चाहिए. उनमें से कई आतंकी हो सकते हैं.'

बीफ बैन पर विवादित बयानः

इससे पहले नवंबर में इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में तथागत रॉय ने बीफ बैन के मुद्दे पर कहा था कि, '...लोग चाहें तो सार्वजनिक तौर पर बीफ खा सकते हैं, लोगों को अधिकार है कि वे अपनी पसंद का खान-पान करें, लेकिन मामला तभी संतुलित होगा जब मुसलमान भी सार्वजनिक तौर पर पॉर्क (सुअर का मांस) खाएं.'

‘जल्द से जल्द बने राम मंदिर’

2014 में उत्तर प्रदेश के गर्वनर रहे राम नाईक ने कहा था, देश के लोग चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण हो, लोगों की यह इच्छा जितनी जल्दी हो पूरी होनी चाहिए.' संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कोर्ट में लंबित मुद्दे पर बयान देने के कारण नाईक की तीखी आलोचना हुई थी.

'राष्ट्रगान में अधिनायक की जगह मंगल शब्द का प्रयोग हो'

राज्स्थान का राज्यपाल रहने के दौरान कल्याण सिंह ने कहा था कि राष्ट्रगान की लाइन 'जन-गण-मन अधिनायक जय हे', में से 'अधिनायक' शब्द को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह ब्रिटिश राज की प्रशंसा करता है. इसकी जगह 'जन-गण मंगल गाए' का प्रयोग किया जाना चाहिए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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