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700 करोड़ के झूठ से पर्दा हटा तो केरल सीएम का एक अलग ही चेहरा दिखा

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 24 अगस्त, 2018 08:46 PM
  • 24 अगस्त, 2018 05:31 PM
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जब हर कोई केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा था, उसी समय एक खबर आई थी कि संयुक्त राष्ट्र अमीरात (यूएई) ने भी केरल बाढ़ पीड़ितों को 700 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा है. अब इसका सच सामने आया है.

केरल में सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ आई, जिसमें न केवल जीवन तहस-नहस किया, बल्कि करीब 300 लोगों की जान भी ले ली. इस बाढ़ में करीब 14 लाख लोग बेघर हो गए. जब हर कोई केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा था, उसी समय एक खबर आई थी कि संयुक्त राष्ट्र अमीरात (यूएई) ने भी केरल बाढ़ पीड़ितों को 700 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा है. जितनी तेजी से केरल में बाढ़ का पानी फैल रहा था, उससे भी तेज ये खबर फैली. फिर खबर सामने आई कि केंद्र सरकार ने ये पैसे लेने से मना कर दिया है. खबरों के इस जाल में लोग ऐसे फंसे कि किसी ने सच जानने की जहमत नहीं उठाई. अब यूएई के राजदूत ने खुद इस सच से पर्दा उठा दिया है.

जिस 700 करोड़ को लेकर घमासान मचा था, वो पेशकश तो यूएई ने कभी की ही नहीं.

700 करोड़ की पेशकश की ही नहीं

एक इंटरव्यू में यूएई के राजदूत अहमद अलबन्ना ने कहा कि यूएई ने मदद की बात जरूर की है, लेकिन अभी कमेटी केरल बाढ़ का आकलन कर रही है. उनके अनुसार कोई भी राशि फाइनल नहीं हुई है. यानी 700 करोड़ की कोई बात ही नहीं हुई. फिर सवाल ये उठता है कि केरल के मुख्यमंत्री ने 700 करोड़ का जिक्र क्यों कर दिया?

ये केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का ही ट्वीट था, जिसने 700 करोड़ के आंकड़े को मीडिया के सामने रख दिया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था- 'यूएई केरल को 700 करोड़ रुपए की सहायता देगा, जो मलयाली लोगों के लिए दूसरे घर जैसा है. हम इस सहायता के लिए यूएई का शुक्रिया अदा करते हैं.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा कि इसकी जानकारी आबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद बिन सुल्ताम अल नाह्यान ने खुद...

केरल में सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ आई, जिसमें न केवल जीवन तहस-नहस किया, बल्कि करीब 300 लोगों की जान भी ले ली. इस बाढ़ में करीब 14 लाख लोग बेघर हो गए. जब हर कोई केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा था, उसी समय एक खबर आई थी कि संयुक्त राष्ट्र अमीरात (यूएई) ने भी केरल बाढ़ पीड़ितों को 700 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा है. जितनी तेजी से केरल में बाढ़ का पानी फैल रहा था, उससे भी तेज ये खबर फैली. फिर खबर सामने आई कि केंद्र सरकार ने ये पैसे लेने से मना कर दिया है. खबरों के इस जाल में लोग ऐसे फंसे कि किसी ने सच जानने की जहमत नहीं उठाई. अब यूएई के राजदूत ने खुद इस सच से पर्दा उठा दिया है.

जिस 700 करोड़ को लेकर घमासान मचा था, वो पेशकश तो यूएई ने कभी की ही नहीं.

700 करोड़ की पेशकश की ही नहीं

एक इंटरव्यू में यूएई के राजदूत अहमद अलबन्ना ने कहा कि यूएई ने मदद की बात जरूर की है, लेकिन अभी कमेटी केरल बाढ़ का आकलन कर रही है. उनके अनुसार कोई भी राशि फाइनल नहीं हुई है. यानी 700 करोड़ की कोई बात ही नहीं हुई. फिर सवाल ये उठता है कि केरल के मुख्यमंत्री ने 700 करोड़ का जिक्र क्यों कर दिया?

ये केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का ही ट्वीट था, जिसने 700 करोड़ के आंकड़े को मीडिया के सामने रख दिया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था- 'यूएई केरल को 700 करोड़ रुपए की सहायता देगा, जो मलयाली लोगों के लिए दूसरे घर जैसा है. हम इस सहायता के लिए यूएई का शुक्रिया अदा करते हैं.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा कि इसकी जानकारी आबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद बिन सुल्ताम अल नाह्यान ने खुद पीएम मोदी को दी है. तो क्या वाकई ऐसा हुआ था, या ये सब पिनराई विजयन के दिमाग की उपज है?

ये बात हुई थी पीएम मोदी की

केरल में बाढ़ से परेशान लोगों को देखते हुए शेख मोहम्मद ने 17 अगस्त को दोपहर में एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था- 'केरल के लोग यूएई में हमारी सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं. यह हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि परेशानी की इस घड़ी में हम उनका साथ दें और मदद करें.'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा- 'यूएई और भारतीय समुदाय केरल बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद मुहैया कराने के लिए एकजुट होंगे. इसके लिए हमने एक कमेटी भी बना ली है.'

शेख मोहम्मद की इस दरियादिली पर पीएम मोदी ने उनका धन्यवाद अदा करते हुए ट्वीट किया, जिसमें लिखा- 'इस मुसीबत की घड़ी में केरल के लोगों का सहयोग करने की पेशकश के लिए शेख मोहम्मद का बहुत-बहुत धन्यवाद. उनकी चिंता दोनों देशों के लोगों और यहां की सरकारों के बीच के खास रिश्ते को दिखाती है.'

पीएम मोदी से हुई जिस बात का जिक्र पिनराई विजयन ने अपने ट्वीट में किया है, उसमें 700 करोड़ रुपए की बात तो कहीं की ही नहीं गई, लेकिन केरल के सीएम ने अपने ट्वीट में 700 करोड़ रुपए लिख दिया. इन 700 करोड़ रुपयों का जिक्र न तो पीएम मोदी ने किया ना ही शेख मोहम्मद ने. यहां से ही ये आंकड़ा मीडिया में चल पड़ा. इसके बाद ये भी खबरें आने लगीं कि मोदी सरकार ने यूएई से ये मदद लेने से इनकार कर दिया है. केरल के सीएम ने तो पीएम मोदी पर हमले भी करना शुरू कर दिया कि उन्होंने 700 करोड़ की मदद ठुकरा दी. अब सोचने वाली बात ये है कि जिस पैसे को यूएई सरकार दे ही नहीं रही है, उसे कोई ठुकरा कैसे सकता है.

Lulu Group तो केस करने वाला है

बात आगे बढ़ी तो इस 700 करोड़ रुपयों का इल्जाम आबूधाबी के हाइपरमार्केट चेन चलाने वाले 'लुलु ग्रुप इंटरनेशनल' मत्थे मढ़ दिया गया. ये भी कहा जाने लगा कि लुलु ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर युसुफली ने ही यूएई सरकार द्वारा 700 करोड़ रुपए की मदद राशि की पेशकश की जानकारी पिनराई विजयन को दी थी. 700 करोड़ रुपए के इस आंकड़े को लेकर एक खबर फैलना शुरू हो गई कि ये पैसे देने की बात लुलु ग्रुप ने की है. खबर फैली कि लुलु ग्रुप ने कहा था कि अगर यूएई सरकार पैसे नहीं देगी, तो उनकी लुलु ग्रुप ये पैसे देगा. लेकिन ये खबर भी झूठी निकली. मनोरमा ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक लुलु ग्रुप ने इस बात से इंकार किया है और ऐसी झूठी खबर फैलाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक करने की बात कह दी है. हां ये बात सही है कि युसुफली ने केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराने का वादा किया है.

जिस 700 करोड़ का जिक्र पिनराई विजयन ने अपने ट्वीट में किया, उस पर सफाई तो अब वह देंगे ही, लेकिन एक अफवाह को लेकर मोदी सरकार को कोसने से पहले केरल के सीएम को इस फैक्ट की जांच कर लेनी चाहिए थी. वैसे भी, अगर देखा जाए तो 700 करोड़ की इस अफवाह के लिए सिर्फ पिनराई विजयन की जिम्मेदार हैं, क्योंकि न तो पीएम ने इसका जिक्र किया, ना ही शेख मोहम्मद ने. और अब तो लुलु ग्रुप के युसुफली ने भी कह दिया है कि जो भी उनके खिलाफ ऐसी अफवाह फैला रहा है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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