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देशद्रोह का कानून और सख्‍त होगा, और भयानक भी !

    • आईचौक
    • Updated: 02 मार्च, 2017 10:03 PM
  • 02 मार्च, 2017 10:03 PM
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राजद्रोह कानून को और कड़ा बनाने के लिए सरकार मौजूदा कानून में बदलाव करने पर भी विचार कर रही है. विधि मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करने के बाद गृह मंत्रालय इस बिल को लाएगा.

केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि आजादी का नारा लगाना राजद्रोह के अंदर आता है. नायडू ने कहा- "अगर ये देशद्रोह नहीं है तो मुझे नहीं पता कि ये क्या है.'' राजद्रोह क्या है इस पर आधारित एक सेमिनार के उद्घाटन के दौरान मंत्री जी ने ये बात कही. नायडू ने ये भी बताया कि राजद्रोह कानून को और कड़ा बनाने के लिए सरकार मौजूदा कानून में बदलाव करने पर भी विचार कर रही है.

रामजस कॉलेज प्रदर्शन ने एक नया ही मोड़ ले लिया है. प्रदर्शन के दौरान बनाए गए एक वीडियो में कुछ लोगों को देश विरोधी नारे लगाते हुए दिखाया गया है. मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि- 'आजादी के नारों के बाद हिंसा हुई.' राजद्रोह कानून में बदलाव लाने के लिए सरकार द्वारा लाए जाने बिल के बाबत पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि- विधि मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करने के बाद गृह मंत्रालय इस बिल को लाएगा.

आजादी के नारे लगाना राजद्रोहवहीं सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री ने टीवी पर कहा कि सरकार द्वारा राजद्रोह कानून में बदलाव करने का विचार खतरनाक है. इसका मतलब है कि सरकार अब नकेल कसने की तैयारी में है. इससे कॉलेजों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी और सरकार की पकड़ बढ़ जाएगी. अभी के राजद्रोह कानून में अरुंधति राय से लेकर गुजरात के हार्दिक पटेल तक को कानून के दायरे में लाने का प्रावधान है. अपने अगले कदम के अंतर्गत सरकार की  आलोचना करने पर भी सज़ा हो सकती है.

आजादी के मुद्दे पर नायडू

ये पूछने पर कि राजद्रोह का कानून कौन लाया? नायडू ने कहा कि कुछ लोग देश के विरुद्ध नारे लगा रहे हैं. वो अफजल गुरु की याद में जश्न मना रहे हैं और कश्मीर के बंटवारे और आजादी की बातें कर रहे हैं. 'ये सभी लोग कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में...

केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि आजादी का नारा लगाना राजद्रोह के अंदर आता है. नायडू ने कहा- "अगर ये देशद्रोह नहीं है तो मुझे नहीं पता कि ये क्या है.'' राजद्रोह क्या है इस पर आधारित एक सेमिनार के उद्घाटन के दौरान मंत्री जी ने ये बात कही. नायडू ने ये भी बताया कि राजद्रोह कानून को और कड़ा बनाने के लिए सरकार मौजूदा कानून में बदलाव करने पर भी विचार कर रही है.

रामजस कॉलेज प्रदर्शन ने एक नया ही मोड़ ले लिया है. प्रदर्शन के दौरान बनाए गए एक वीडियो में कुछ लोगों को देश विरोधी नारे लगाते हुए दिखाया गया है. मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि- 'आजादी के नारों के बाद हिंसा हुई.' राजद्रोह कानून में बदलाव लाने के लिए सरकार द्वारा लाए जाने बिल के बाबत पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि- विधि मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करने के बाद गृह मंत्रालय इस बिल को लाएगा.

आजादी के नारे लगाना राजद्रोहवहीं सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री ने टीवी पर कहा कि सरकार द्वारा राजद्रोह कानून में बदलाव करने का विचार खतरनाक है. इसका मतलब है कि सरकार अब नकेल कसने की तैयारी में है. इससे कॉलेजों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी और सरकार की पकड़ बढ़ जाएगी. अभी के राजद्रोह कानून में अरुंधति राय से लेकर गुजरात के हार्दिक पटेल तक को कानून के दायरे में लाने का प्रावधान है. अपने अगले कदम के अंतर्गत सरकार की  आलोचना करने पर भी सज़ा हो सकती है.

आजादी के मुद्दे पर नायडू

ये पूछने पर कि राजद्रोह का कानून कौन लाया? नायडू ने कहा कि कुछ लोग देश के विरुद्ध नारे लगा रहे हैं. वो अफजल गुरु की याद में जश्न मना रहे हैं और कश्मीर के बंटवारे और आजादी की बातें कर रहे हैं. 'ये सभी लोग कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में हथियार पहुंचा रहे हैं. इनका मानना है कि बंदूकों के सहारे पावर और सत्ता पाई जा सकती है. इन अराजक तत्वों को शह देने वाले लोग सोचते हैं कि ताकत के बल पर आजादी पाई जा सकती है. आजादी के ये स्लोगन हिंसा में बदल रहे हैं.'

नारे छात्रों के दिमाग को गंदा कर रहे हैंनायडू ने आगे कहा कि- 'यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह की बातों से छात्रों में गलत संदेश जा रहा है और उनके दिमाग में बंटवारे की बात भरी जा रही है. और इसलिए सरकार को इस तरह के किसी भी कदम की निंदा करने का पुरा अधिकार है.

राजद्रोह कानून में बदलाव

वामपंथ के साथ की वैचारिक भिन्नता के सवाल पर नायडू ने कहा- वामपंथ की विचारधारा को लोगों ने नकार दिया है. वामपंथी इस कारण से अब कुंठित हैं और हास्यास्पद कमेंट करते रहते हैं. हिन्दुत्व जीवन का तरीका है. 'हिंदु' देश की सांस्कृतिक पहचान हैं और इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता.

भारत की बेटी

भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर की तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की बेटी से की थी. नायडू ने इस बात को सिरे से नकार दिया और कहा कि गुरमेहर देश की बेटी है. हालांकि वैंकेया नायडू ने ये भी कहा कि- जब दूसरे लोग उमर खालिद के पक्ष में बातें करने लगे तब एवीबीपी रामजस डिबेट में पड़ी. जब कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां आजादी की मांग के समर्थन में खड़ी हुई तब हमारी पार्टी डिबेट में हिस्सा लेने पहुंची.

भारत की बेटी है

नायडू ने ये भी कहा कि बहस का मुद्दा बड़े पैमाने पर आजादी और बंटवारे के बारे में है. इसमें कॉलेज के छात्रों को नहीं घसीटना चाहिए. 20 साल की गुरमेहर को उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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