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वीडियो: मोदी पर कनाडा के पीएम की चुटकी, आप क्या कहेंगे....

    • आईचौक
    • Updated: 14 मार्च, 2016 04:45 PM
  • 14 मार्च, 2016 04:45 PM
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अमेरिकी दौरे में एक यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब एक छात्र ने कनाडा के पीएम की तारीफ की और कहा कि उनकी कैबिनेट में इतनी संख्या में पंजाबियों का होना बहुत अच्छा है तो जस्टिन भी जवाब देने से नहीं चूके. उन्होंने तुरंत कहा, 'मेरी कैबिनेट में मोदी की कैबिनेट से ज्यादा सिख हैं.'

पिछले साल जस्टिन त्रुदू जब कनाडा के प्रधानमंत्री बने तो भारत में उनका एक पुराना वीडियो खूब वायरल हुआ. उसमें वह कनाडा में बसे भारतीयों मूल के लोगों के साथ एक कार्यक्रम में भांगड़ा करते नजर आए. इस वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरी. वो वीडियो उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले का था. लेकिन दिलचस्प बात ये रही कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जस्टिन ने अपने 30 सदस्यों वाली कैबिनेट में चार सिखों को जगह दी. वैसे कनाडा हम भारतीयों के बीच मिनी पंजाब के तौर पर ही जाना जाता है.

जस्टिन खुद इस बात से वाकिफ होंगे. शायद इसलिए पिछले दिनों अमेरिकी दौरे में एक यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब पाकिस्तान के पंजाब के एक छात्र ने त्रुदू की तारीफ की और कहा कि उनकी कैबिनेट में इतनी संख्या में पंजाबियों का बहुत अच्छा है तो जस्टिन भी जवाब देने से नहीं चूके. उन्होंने तुरंत कहा, 'मेरी कैबिनेट में मोदी की कैबिनेट से ज्यादा सिख हैं.'

कनाडा में पंजाब का 'वर्चस्व'

पंजाब और कनाडा के रिश्ते की कहानी शुरू होती है 20वीं सदी की शुरुआत से. जब कुछ सिख वहां काम की तलाश में गए. आज आलम ये है कि कनाडा में पंजाबी तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है. इस पर सरकारी मुहर भी लग चुकी है. पंजाबी कनाडा के संसद की तीसरी आधिकारिक भाषा है. कनाडा की कैबिनेट में जो चार सिख शामिल हैं उसमें हरजीत सज्जन सबसे प्रमुख समझे जाने वाले रक्षा मंत्रालय के मुखिया हैं. इसके अलावा अमरजीत सोही के पास इनफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालय है. नवदीप सिंह को इनोवेशन मिन‍िस्ट्री मिली हुई है. बर्दिश छागर के पास लघु व्यापार मंत्रालय है. हरजीत तो कनाडा में इतने लोकप्रिय हैं कि उनके नाम का वहां एक बर्गर ही है.

यह भी पढ़ें: सबसे स्वतंत्र और सहिष्णु देश कैसे बना कनाडा?

मोदी या...

पिछले साल जस्टिन त्रुदू जब कनाडा के प्रधानमंत्री बने तो भारत में उनका एक पुराना वीडियो खूब वायरल हुआ. उसमें वह कनाडा में बसे भारतीयों मूल के लोगों के साथ एक कार्यक्रम में भांगड़ा करते नजर आए. इस वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरी. वो वीडियो उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले का था. लेकिन दिलचस्प बात ये रही कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जस्टिन ने अपने 30 सदस्यों वाली कैबिनेट में चार सिखों को जगह दी. वैसे कनाडा हम भारतीयों के बीच मिनी पंजाब के तौर पर ही जाना जाता है.

जस्टिन खुद इस बात से वाकिफ होंगे. शायद इसलिए पिछले दिनों अमेरिकी दौरे में एक यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब पाकिस्तान के पंजाब के एक छात्र ने त्रुदू की तारीफ की और कहा कि उनकी कैबिनेट में इतनी संख्या में पंजाबियों का बहुत अच्छा है तो जस्टिन भी जवाब देने से नहीं चूके. उन्होंने तुरंत कहा, 'मेरी कैबिनेट में मोदी की कैबिनेट से ज्यादा सिख हैं.'

कनाडा में पंजाब का 'वर्चस्व'

पंजाब और कनाडा के रिश्ते की कहानी शुरू होती है 20वीं सदी की शुरुआत से. जब कुछ सिख वहां काम की तलाश में गए. आज आलम ये है कि कनाडा में पंजाबी तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है. इस पर सरकारी मुहर भी लग चुकी है. पंजाबी कनाडा के संसद की तीसरी आधिकारिक भाषा है. कनाडा की कैबिनेट में जो चार सिख शामिल हैं उसमें हरजीत सज्जन सबसे प्रमुख समझे जाने वाले रक्षा मंत्रालय के मुखिया हैं. इसके अलावा अमरजीत सोही के पास इनफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालय है. नवदीप सिंह को इनोवेशन मिन‍िस्ट्री मिली हुई है. बर्दिश छागर के पास लघु व्यापार मंत्रालय है. हरजीत तो कनाडा में इतने लोकप्रिय हैं कि उनके नाम का वहां एक बर्गर ही है.

यह भी पढ़ें: सबसे स्वतंत्र और सहिष्णु देश कैसे बना कनाडा?

मोदी या बराक..किस ओर था इशारा?

नरेंद्र मोदी सरकार की बात करें तो उनकी कैबिनेट में दो सिख मंत्री हैं. मेनका गांधी और हरसिमरत कौर बादल. मेनका गांधी बाल विकास मंत्री हैं और उनका जन्म सिख परिवार में हुआ था. हरसिमरत के पास फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय है. भारत में सिखों की जनसंख्या दो फीसदी है. कनाडा में भी यही समीकरण हैं लेकिन वहां की जनसंख्या भारत से बेहद कम केवल 3.6 करोड़ है. वैसे, हो सकता है कि जस्टिन इशारों में बराक पर भी निशाना साध रहे हों. क्योंकि 9/11 के बाद से अमेरिका में सिखो के साथ होने वाले दुर्व्यवहार हमेशा चर्चा का विषय रहे.

वैसे भी, जस्टिन के इसी दौरे के दौरान ओबामा ने एक प्रेस वार्ता में मजाकिया लहजे में कनाडा और जस्टिन पर खूब जुमले कसे. देखिए, ये वीडियो...

हो सकता है जस्टिन ने इसी का जवाब दिया हो.



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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