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गुजरात चुनाव: बसपा और निर्दलियों ने डुबो दी कांग्रेस की लुटिया!

    • सरोज कुमार
    • Updated: 19 दिसम्बर, 2017 02:55 PM
  • 19 दिसम्बर, 2017 02:55 PM
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गुजरात विधानसभा की करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर कांग्रेस पर भाजपा की जीत का अंतर बसपा या निर्दलियों को मिले वोट से कम है.

गुजरात विधानसभा के कुल 182 सीटों के चुनाव में भाजपा ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटें जीत ली हैं. लेकिन इस बीच यह देखना दिलचस्प है कि करीब डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां या तो बसपा या फिर निर्दलियों का वोट कांग्रेस को मिल जाता तो गुजरात का नजारा ही कुछ और होता. जहां कड़े मुकाबले में कांग्रेस को बसपा के वोट जीता सकते थे ऐसी ही एक सीट है ढोलका. यहां भाजपा ने कांग्रेस को सिर्फ 327 वोटों से हराया. इस सीट पर बसपा को 3139 वोट मिले. यहां आठ निर्दलियों को करीब 10 हजार वोट मिले.

पोरबंदर सीट पर भी ऐसा ही ट्रेंड है. यहां पर कांग्रेस महज 1,855 वोट से हार गई. यहां बसपा को 4,337 वोट मिले हैं.

इसी तरह राजकोट ग्रामीण सीट पर भाजपा को कांग्रेस पर 2,179 वोटों से जीत मिली और यहां बसपा को 3,323 वोट मिले.

बोटाड सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता सौरभ पटेल कड़े मुकाबले में 906 वोटों से जीते. जबकि यहां बसपा को 966 और 17 निर्दलियों को करीब 13 हजार वोट मिले हैं. गोधरा विधानसभा सीट पर भी ठीक ऐसा ही हुआ. इसी तरह के रुझान मातर और प्रांतिज विधानसभा सीटों पर रहे.

जहां निर्दलियों ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल:

कांग्रेस की लुटिया बसपा और निर्दलीयों ने डुबोई

बसपा के साथ-साथ निर्दलियों ने भी कांग्रेस का चुनावी परिणाम बिगाड़ने का काम किया. हालांकि निर्दलियों की फौज हर चुनाव में डमी के तौर पर भी उतरती रही है. लेकिन गुजरात में कांटे के मुकाबले में कांग्रेस को ये शायद ज्यादा कसक दे गए. मातर विधानसभा सीट पर ऐसा ही दिखा. विजापुर में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वह सिर्फ 1,164 वोट से हार गई. यहां पर छह निर्दलियों को करीब 4 हजार वोट मिले.

इसी तरह वागरा विधानसभा सीट पर भाजपा ने कांग्रेस को 2,370 वोट से हराया,...

गुजरात विधानसभा के कुल 182 सीटों के चुनाव में भाजपा ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटें जीत ली हैं. लेकिन इस बीच यह देखना दिलचस्प है कि करीब डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां या तो बसपा या फिर निर्दलियों का वोट कांग्रेस को मिल जाता तो गुजरात का नजारा ही कुछ और होता. जहां कड़े मुकाबले में कांग्रेस को बसपा के वोट जीता सकते थे ऐसी ही एक सीट है ढोलका. यहां भाजपा ने कांग्रेस को सिर्फ 327 वोटों से हराया. इस सीट पर बसपा को 3139 वोट मिले. यहां आठ निर्दलियों को करीब 10 हजार वोट मिले.

पोरबंदर सीट पर भी ऐसा ही ट्रेंड है. यहां पर कांग्रेस महज 1,855 वोट से हार गई. यहां बसपा को 4,337 वोट मिले हैं.

इसी तरह राजकोट ग्रामीण सीट पर भाजपा को कांग्रेस पर 2,179 वोटों से जीत मिली और यहां बसपा को 3,323 वोट मिले.

बोटाड सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता सौरभ पटेल कड़े मुकाबले में 906 वोटों से जीते. जबकि यहां बसपा को 966 और 17 निर्दलियों को करीब 13 हजार वोट मिले हैं. गोधरा विधानसभा सीट पर भी ठीक ऐसा ही हुआ. इसी तरह के रुझान मातर और प्रांतिज विधानसभा सीटों पर रहे.

जहां निर्दलियों ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल:

कांग्रेस की लुटिया बसपा और निर्दलीयों ने डुबोई

बसपा के साथ-साथ निर्दलियों ने भी कांग्रेस का चुनावी परिणाम बिगाड़ने का काम किया. हालांकि निर्दलियों की फौज हर चुनाव में डमी के तौर पर भी उतरती रही है. लेकिन गुजरात में कांटे के मुकाबले में कांग्रेस को ये शायद ज्यादा कसक दे गए. मातर विधानसभा सीट पर ऐसा ही दिखा. विजापुर में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वह सिर्फ 1,164 वोट से हार गई. यहां पर छह निर्दलियों को करीब 4 हजार वोट मिले.

इसी तरह वागरा विधानसभा सीट पर भाजपा ने कांग्रेस को 2,370 वोट से हराया, जहां एक निर्दलीय को करीब साढे पांच हजार वोट मिले हैं. इसके अलावा साणंद विधानसभा सीट पर भाजपा ने कांग्रेस को 7,721 वोट से हराया, जहां एक निर्दलीय को करीब 37 हजार वोट मिले.

थराड में भी भाजपा करीब 12 हजार वोट से जीती. वहां एक निर्दलीय को करीब 43,000 और बसपा करीब दो हजार वोट मिले.

वहीं खंभात सीट पर कड़े मुकाबले में कांग्रेस, भाजपा से सिर्फ 2,318 वोट से हार गई. यहां पर बसपा को 1,499 और निर्दलीय को 794 तथा गुजरात जन चेतना पार्टी, नवीन भारत निर्माण मंच, इंडियन न्यू कांग्रेस पार्टी जैसी तीन अन्य उम्मीदवार को करीब तीन हजार वोट मिले.

ऐसा ही रुझान महुवा, चाणस्मा, डीसा और दभोई जैसे विधानसभा सीट पर भी रहा. इसी तरह एनसीपी को मिले वोटों ने भी दो-तीन सीटों पर खेल बिगाड़ने का काम किया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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