• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

गिरफ्तार होंगे Imran Khan तो हैरत कैसी? पाकिस्तान में इतिहास ही दोहराया जाएगा

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 03 मई, 2022 02:54 PM
  • 03 मई, 2022 02:35 PM
offline
सऊदी अरब की मदीना मस्जिद में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को पीटीआई समर्थकों द्वारा कथित रूप से 'चोर-चोर' कहे जाने के बाद फैसलाबाद में पीटीआई प्रमुख इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया है. कहा जा रहा है कि इमरान जल्द ही गिरफ्तार हो सकते हैं.

शहबाज शरीफ के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान में जारी सियासी नाटक इमरान खान की गिरफ्तारी की खबर के बाद अपने क्लाइमेक्स पर आ गया है. पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान पर गंभीर आरोप लगे और वो सलाखों के पीछे जाएं, इसलिए रूलिंग पार्टी की तरफ से ईशनिंदा को हथियार बनाकर इमरान पर जाल फेंका गया है. हालांकि, पाकिस्तान में सियासी दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए किसी भी हद तक चले जाने की परंपरा रही है. ऐसे इमरान खान के साथ जो भी हो रहा है, वह आश्चर्यजनक नहीं है. 

चाहे वो मुल्क के प्रधानमंत्री रह चुके मुहम्मद जिया उल हक़ रहे हों या फिर नवाज शरीफ और अब इमरान खान पाकिस्तान में प्रथा ही कुछ ऐसी है. जैसे ही दूसरा कोई सत्ता की कमान संभालता है पहले वाले को या तो जेल होती है या फिर उसे मार दिया जाता है. इमरान का भविष्य क्या होगा? पाकिस्तान में अपनी पॉलिटिकल इनिंग वो कितनी लंबी खेल पाते हैं? ये सभी सवाल अपनी जगह हैं लेकिन जिस बात का जिक्र होना चाहिए वो ये कि गिरफ़्तारी की इस खबर ने इस बात की तस्दीख कर दी है और ये बता दिया है कि समय का चक्र सदैव अपनी गति से चलता है और एक समय वो भी आता है जब वो ठीक वहीं पहुचंता है जहां से शुरुआत हुई.

जल्द ही पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में इमरान खान के ऊपर संकट के बादल मंडराने वाले हैं

दरअसल, अभी बीते दिनों ही अपनी सऊदी अरब यात्रा पर गए पाकिस्तान के मौजूदा वज़ीर ए आजम शाहबाज शरीफ मदीना स्थित पवित्र मस्जिद-ए-नबवी में थे जहां उनके खिलाफ नारेबाजी हुई. आरोप इमरान खान और उनके समर्थकों पर लगे. अब जबकि मामले ने तूल पकड़ लिया, ये नारेबाजी इमरान को महंगी पड़ी है. फैसलाबाद में इमरान खान और उनके 5 साथियों पर मामला दर्ज किया है.

मामले पर अपना पक्ष रखते हुए पाकिस्तान के...

शहबाज शरीफ के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान में जारी सियासी नाटक इमरान खान की गिरफ्तारी की खबर के बाद अपने क्लाइमेक्स पर आ गया है. पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान पर गंभीर आरोप लगे और वो सलाखों के पीछे जाएं, इसलिए रूलिंग पार्टी की तरफ से ईशनिंदा को हथियार बनाकर इमरान पर जाल फेंका गया है. हालांकि, पाकिस्तान में सियासी दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए किसी भी हद तक चले जाने की परंपरा रही है. ऐसे इमरान खान के साथ जो भी हो रहा है, वह आश्चर्यजनक नहीं है. 

चाहे वो मुल्क के प्रधानमंत्री रह चुके मुहम्मद जिया उल हक़ रहे हों या फिर नवाज शरीफ और अब इमरान खान पाकिस्तान में प्रथा ही कुछ ऐसी है. जैसे ही दूसरा कोई सत्ता की कमान संभालता है पहले वाले को या तो जेल होती है या फिर उसे मार दिया जाता है. इमरान का भविष्य क्या होगा? पाकिस्तान में अपनी पॉलिटिकल इनिंग वो कितनी लंबी खेल पाते हैं? ये सभी सवाल अपनी जगह हैं लेकिन जिस बात का जिक्र होना चाहिए वो ये कि गिरफ़्तारी की इस खबर ने इस बात की तस्दीख कर दी है और ये बता दिया है कि समय का चक्र सदैव अपनी गति से चलता है और एक समय वो भी आता है जब वो ठीक वहीं पहुचंता है जहां से शुरुआत हुई.

जल्द ही पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में इमरान खान के ऊपर संकट के बादल मंडराने वाले हैं

दरअसल, अभी बीते दिनों ही अपनी सऊदी अरब यात्रा पर गए पाकिस्तान के मौजूदा वज़ीर ए आजम शाहबाज शरीफ मदीना स्थित पवित्र मस्जिद-ए-नबवी में थे जहां उनके खिलाफ नारेबाजी हुई. आरोप इमरान खान और उनके समर्थकों पर लगे. अब जबकि मामले ने तूल पकड़ लिया, ये नारेबाजी इमरान को महंगी पड़ी है. फैसलाबाद में इमरान खान और उनके 5 साथियों पर मामला दर्ज किया है.

मामले पर अपना पक्ष रखते हुए पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी तमाम तरह की बड़ी बातें की हैं और मदीना और स्जिद-ए-नबवी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा है कि मदीना जैसी पवित्र इबादतगाह पर सियासी नारेबाजी करना ऐसा जुर्म है जिसे माफ नहीं किया जा सकता. मदीना जैसी पवित्र जगह पर हुई इस नारेबाजी से सिर्फ पाकिस्तान के मौजूदा हुक्मरान ही नहीं स्वयं सऊदी भी खूब नाराज है. बताया तो यहां तक जा रहा है कि सऊदी हुकूमत भी इस मामले पर सख्त कदम उठाने वाली है.

जिक्र इमरान के खिलाफ लिखे मुक़दमे और उनके साथियों का हुआ है तो बता दें कि इमरान के अलावा फवाद चौधरी, शहबाज गिल, कासिम सूरी, शाहबजादा जहांगीर खान, अनील मुसर्रत और शेख रशीद का भी नाम एफआईआर में है. चूंकि पूरी बात अब ईशनिंदा पर आ गयी है तो शहबाज सरकार भी इसे हलके में नहीं ले रही है. मदीना में नारेबाज कर सुर्ख़ियों बटोरने वाले शेख रशीद को इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर अरेस्ट कर लिया गया है.

ध्यान रहे यदि आरोप साबित हो गए तो इमरान और उनके संगी साथियों दोनों को 5 से 8 साल की सजा हो सकती है साथ ही उन्हें मोटा जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

क्या हुआ था पवित्र मस्जिद ए नबवी में

मामले के मद्देनजर एक वीडियो क्लिप इंटरनेट पर जंगल में लगी आग की तरह फैली है. यदि इस वीडियो क्लिप को देखें तीर्थयात्री जिन्हें कथित तौर पर इमरान खान का समर्थक बताया जा रहा है, जैसे ही शहबाज शरीफ और उनके प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य मदीना स्थित मस्जिद ए नबवी पहुंचे उन्होंने चोर (चोर) और 'गद्दार' गद्दार के नारे लगाने शुरू कर दिए,

कहा ये भी जा रहा है कि पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों ने प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. वहीं मामले पर मदीना पुलिस भी सख्त नजर आई. पुलिस की तरफ से दावा किया गया है कि नारेबाजी में शामिल पांच पाकिस्तानियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

चूंकि इस मामले ने पाकिस्तान में एक बड़ी बहस का आगाज़ कर दिया है और विषय ईशनिंदा है ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सफाई दी है और अपने को बेक़सूर बताया है. इमरान ने अपने को आरोपी तीर्थयात्रियों से दूर करते हुए कहा है कि, वो किसी को भी पवित्र स्थान (मस्जिद ए नबवी) पर नारे लगाने के लिए कहने की कल्पना भी नहीं कर सकते.

बहरहाल, इमरान की बातों में कितना सच है और कितना झूठ इसका जवाब वक़्त देगा लेकिन जो वर्तमान है और जिस तरह का पाकिस्तान का इतिहास रहा है जब तक पाकिस्तान में शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में काबिज हैं हर बीतते दिन के साथ इमरान की मुसीबत में इजाफा ही होगा और कोई न कोई बहाना करके उन्हें सलाखों के पीछे किया जाएगा.

अंत में हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि पाकिस्तान में राजनीति बेहद घिनौनी है. यदि कल की तारीख में इमरान को कुछ हो जाता है तो हमें आश्चर्य में नहीं पड़ना चाहिए. पाकिस्तान की वही परंपरा है और व्यक्ति की राजनीति भी तब ही पूरी मानी जाती है.

ये भी पढ़ें -

क्या प्रशांत किशोर की पार्टी AAP का डुप्लीकेट होगी?

मोदी के हनुमान चिराग पासवान बार बार नीतीश कुमार के पैर क्यों छू रहे हैं?

नीतीश कुमार के 'इफ्तार' को क्या बीजेपी का 'लाउडस्पीकर' काबू कर पाएगा? 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲