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केजरीवाल को घेरने से पहले BJP नेतृत्व को थोड़ा होम वर्क भी करना होगा

    • आईचौक
    • Updated: 12 जनवरी, 2020 01:06 PM
  • 12 जनवरी, 2020 01:06 PM
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पांच साल में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) काफी बदल चुके हैं. वो यूं ही कुछ भी ट्वीट कर देने वाले या बोल देने वाले केजरीवाल नहीं रह गये हैं. नये केजरीवाल से मुकाबले के लिए बीजेपी (Modi-Shah and Manoj Tiwari) को थोड़ा होम वर्क भी करना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में रैली कर दिल्ली में बीजेपी के चुनावी अभियान (Delhi Election Campaign) की शुरुआत की थी. नागरिकता कानून और NRC की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे दिल्ली में पानी के मुद्दे पर फोकस दिखे. पानी की सप्लाई से लेकर क्वालिटी तक का विस्तार से उल्लेख करते हुए पीएम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwa) की सरकार की खूब खिल्ली उड़ायी.

बाद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Modi-Shah and Manoj Tiwari) मैदान में उतरे और दिल्ली की AAP सरकार पर चुनावी वादे न पूरे करने का आरोप लगाया. अमित शाह के नक्शे कदम पर चलते हुए मनोज तिवारी ने भी तेवर तीखे कर लिये और हमलों में आक्रामक होने लगे.

शुरू में तो अरविंद केजरीवाल खामोश से नजर आये और हल्के फुल्के ट्वीट में रिएक्ट किया - लेकिन मनीष सिसोदिया ने CCTV को लेकर उठाये गये अमित शाह के सवालों पर सबूत ही दे डाले. मनोज तिवारी ने सब्सिडी को लेकर लंबे चौड़े वादे कर डाले तो, केजरीवाल ने न सिर्फ सवाल खड़े कर दिये बल्कि बीजेपी की सरकारों को ही चैलेंज कर डाला.

पांच साल बाद केजरीवाल के नारे में भले ही मामूली तब्दीली हुई हो, लेकिन खुद उनका हाव-भाव और लहजा पूरी तरह बदल चुका है. केजरीवाल फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं और बीजेपी के लिए उन्हें हल्के में लेना भारी भी पड़ सकता है.

बीजेपी के लिए तो सबसे बड़ा सबक यही है कि वो केजरीवाल और उनकी टीम पर हवाई हमले की जगह थोड़ा होम वर्क करने के बाद ही कोई बयान दे - वरना, केजरीवाल जवाबी हमले के लिए हर वक्त तैयार बैठे लगते हैं.

अमित शाह के हमले और केजरीवाल की चुप्पी

प्रवेश वर्मा से केजरीवाल को बहस की चुनौती के साथ ही कुछ दिनों के लिए CM चेहरे पर सस्पेंस कायम करने के बाद अमित शाह ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनायेगी. अमित शाह ने बूथ स्तर पर बीजेपी को आम चुनाव में मिले वोटों के आंकड़े पेश किये और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में रैली कर दिल्ली में बीजेपी के चुनावी अभियान (Delhi Election Campaign) की शुरुआत की थी. नागरिकता कानून और NRC की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे दिल्ली में पानी के मुद्दे पर फोकस दिखे. पानी की सप्लाई से लेकर क्वालिटी तक का विस्तार से उल्लेख करते हुए पीएम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwa) की सरकार की खूब खिल्ली उड़ायी.

बाद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Modi-Shah and Manoj Tiwari) मैदान में उतरे और दिल्ली की AAP सरकार पर चुनावी वादे न पूरे करने का आरोप लगाया. अमित शाह के नक्शे कदम पर चलते हुए मनोज तिवारी ने भी तेवर तीखे कर लिये और हमलों में आक्रामक होने लगे.

शुरू में तो अरविंद केजरीवाल खामोश से नजर आये और हल्के फुल्के ट्वीट में रिएक्ट किया - लेकिन मनीष सिसोदिया ने CCTV को लेकर उठाये गये अमित शाह के सवालों पर सबूत ही दे डाले. मनोज तिवारी ने सब्सिडी को लेकर लंबे चौड़े वादे कर डाले तो, केजरीवाल ने न सिर्फ सवाल खड़े कर दिये बल्कि बीजेपी की सरकारों को ही चैलेंज कर डाला.

पांच साल बाद केजरीवाल के नारे में भले ही मामूली तब्दीली हुई हो, लेकिन खुद उनका हाव-भाव और लहजा पूरी तरह बदल चुका है. केजरीवाल फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं और बीजेपी के लिए उन्हें हल्के में लेना भारी भी पड़ सकता है.

बीजेपी के लिए तो सबसे बड़ा सबक यही है कि वो केजरीवाल और उनकी टीम पर हवाई हमले की जगह थोड़ा होम वर्क करने के बाद ही कोई बयान दे - वरना, केजरीवाल जवाबी हमले के लिए हर वक्त तैयार बैठे लगते हैं.

अमित शाह के हमले और केजरीवाल की चुप्पी

प्रवेश वर्मा से केजरीवाल को बहस की चुनौती के साथ ही कुछ दिनों के लिए CM चेहरे पर सस्पेंस कायम करने के बाद अमित शाह ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनायेगी. अमित शाह ने बूथ स्तर पर बीजेपी को आम चुनाव में मिले वोटों के आंकड़े पेश किये और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरना शुरू कर दिया.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बोले, ‘जनता को झांसा कोई सिर्फ एक बार दे सकता है, बार-बार नहीं. एक बार केजरीवाल जी ने झांसा दिया तो, उसके बाद नगर निगम चुनाव में आप का सूपड़ा साफ हो गया.'

फिर तो केजरीवाल सरकार पर हमले का सिलसिला ही शुरू हो गया, 'वाईफाई ढूंढते-ढूंढते लोगों की बैटरी खत्म हो जाती है, लेकिन वाईफाई मिलता ही नहीं है.' कभी विज्ञापन देकर झांसा देते हैं तो कभी दूसरों के काम पर ठप्पा लगाने का आरोप.

बदले बदले से केजरीवाल कभी पुराने अंदाज में रिएक्ट ही नहीं करते देखे गये. कहां केजरीवाल सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत देने को लेकर वीडियो सलाह देने वाले केजरीवाल, देश की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जताने लगे और निर्मला सीतारमण पर भरोसा जताने लगे थे.

अमित शाह के भाषण के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने बड़ी ही संजीदगी के साथ एक ट्वीट किया और बोले कि गृह मंत्री AAP सरकार की कमियां गिनाने की जगह सिर्फ 'गाली देना' पसंद किया.

जो केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी को 'कायर' और 'मनोरोगी' करार दे चुके हों, वो इस तरह बीजेपी नेतृत्व के हमलों पर रिएक्ट करें - ध्यान देकर समझने वाली बात है. बीजेपी नेतृत्व को निश्चित तौर पर ये समझाना होगा कि वो केजरीवाल को हल्के में लेकर बहुत बड़ी गलती कर रही है. बदले हुए केजरीवाल पहले के मुकाबले राजनीतिक तौर पर ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं.

ये तो नहीं मालूम कि बीजेपी नेतृत्व भी अरविंद केजरीवाल में आये इस बदलवाव के खतरे को महसूस कर रहा है या नहीं, लेकिन केजरीवाल और उनकी टीम जिस तरीके से सियासी पलटवार कर रही है, उसे एडवांस रूझान के तौर पर बीजेपी को लेना होगा.

चुन चुन कर जवाब दे रहे हैं आप नेता

अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम जिस तरीके से होम वर्क के साथ बीजेपी के हमलों का जवाब दे रही है, बीजेपी के लिए वही बड़ा सबक है. अगर बीजेपी को ये बाद जल्दी नहीं समझ आयी तो हर दांव उल्टा पड़ सकता है.

1. सीसीटीवी कैमरे लगाये गये, लेकिन 15 लाख नहीं: केजरीवाल सरकार पर चुनाव वादे पूरे न करने के आरोपों के क्रम में वाई-फाई के साथ अमित शाह ने CCTV कैमरे लगाये जाने पर भी सवाल उठाये थे. अमित शाह ने केजरीवाल सरकार से पूछा था - 'दिल्ली वालों की सुरक्षा के लिए 15 लाख CCTV कैमरा कहां लगे हैं, उनको आज भी दिल्ली की जनता ढूंढ रही है - कहां है वो कैमरा?' अमित शाह ने कहा कि दूरबीन लगाकर देखने पर भी दिखायी नहीं दे रहा है.

अमित शाह के इस सवाल का जवाब आप की तरफ से न तो ट्विटर पर देकर रस्म निभा लिया गया और न ही मीडिया में कोई बयान देकर. बल्कि, मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस बुला कर सबूत ही पेश कर डाले. सिसोदिया ने कहा, 'अमित शाह सवाल कर रहे हैं कि वो सीसीटीवी कहां हैं जिनका हमने वादा किया था. मैं आपको कहना चाहता हू्ं कि इसके लिए आपको दूरबीन की जरूरत नहीं है बस आप अपनी आंखें ऊपर उठाइए और हर गली में सीसीटीवी मिल जाएंगे. चिंता न करें आप जब डोर-टु-डोर कैंपेन करेंगे तो आपकी भी रिकॉर्डिंग हो जाएगी.'

मनीष सिसोदिया ने बतौर सबूत अमित शाह के डोर-टु-डोर अभियाना का CCTV फुटेज पेश कर दिया

15 लाख सीसीटीवी कैमरे के बारे में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया का कहना रहा, 'ये 15 लाख का भी इनके जुमलों से कोई नाता लगता है. ये हर चीज में 15 लाख जोड़ देते हैं. हमारे मैनिफेस्टो में लिखा है कि हम बस और सार्वजनिक जगहों पर CCTV कैमरा लगाएंगे जिससे गड़बड़ी करने वालों के मन मे डर पैदा हो और महिलाएं बिना किसी मुश्किल के आ जा सकें. मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी की तरफ से 15 लाख सीसीटीवी लगाने जैसा कोई वादा नहीं किया गया था.

2. मोहल्ला क्लिनिक की फेहरिस्त: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बाकी वादों की तरह मोहल्ला क्लिनिक के वादों पर भी सवाल उठाये थे - फिर क्या था आम आदमी पार्टी की तरफ से मोहल्ला क्लिनिक की सूची ही ट्विटर पर जारी कर दी गयी. सूची में 150 क्लीनिक के नाम हैं. साथ ही, तंज भी - 'हम न्योता देते हैं और चाहेंगे कि अमित शाह इन मोहल्ला क्लीनिक का दौरा करें.’

मनोज तिवारी के दावों पर केजरीवाल के सवाल

बीजेपी के 'संकल्प पत्र' को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना रहा कि उनकी सरकार आने पर वो बिजली और पानी को लेकर दी जाने वाली सब्सिडी को बंद नहीं करेंगे, बल्कि वो मौजूदा केजरीवाल सरकार से पांच गुना ज्यादा फायदा देंगे. इस बात को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के साथ एक ट्वीट किया गया था जिसमें मनोज तिवारी के हवाले से कहा गया - “हम सब्सिडी बंद नहीं करेंगे बल्कि AAP सरकार से 5 गुना ज़्यादा देंगे.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट करते हुए पांच गुना सब्सिडी के दावे पर मनोज तिवारी को घेर लिया और चैलेंज किया कि बीजेपी अपने शासन वाली किसी भी राज्य सरकार से लागू करा कर दिखा दे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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