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बीएचयू में फिर 'आग' ; एक साजिश जो खत्‍म होने का नाम नहीं लेती

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 20 दिसम्बर, 2017 07:35 PM
  • 20 दिसम्बर, 2017 07:35 PM
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आखिर पढ़ाई करने वाले छात्र इतने उग्र कैसे हो जाते हैं? क्या वाकई में यह हरकत छात्रों की ही होती है या फिर कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा करते हैं?

शिक्षा का मंदिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर से सुर्खियों में छा गया है. बीएचयू में सितंबर महीने में छात्राओं पर लाठी चार्ज के बाद हिंसा हुई थी. बुधवार को एक बार फिर से तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं. इस घटना में सर सुंदर लाल चिकित्सालय से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. यहां तक कि मंदिर के एक एटीएम पर भी पथराव कर के शीशे तोड़ दिए गए. शरारती तत्वों ने स्कूल की बस को भी नहीं छोड़ा और उसे आग के हवाले कर दिया. सवाल यह है कि यह हंगामा शुरू कैसे हुआ और इसने ऐसा विकराल रूप कैसे ले लिया? आखिर पढ़ाई करने वाले छात्र इतने उग्र कैसे हो जाते हैं? क्या वाकई में यह हरकत छात्रों की ही होती है या फिर कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा करते हैं?

जिस समय स्कूली बस पर पत्थरबाजी शुरू हुई, उस समय बच्चे भी उसमें सवार थे. बच्चे जल्दी-जल्दी उतरे, जिसके बाद हंगामा कर रहे लोगों ने बस को आग लगा दी.

डीजे नाइट से शुरू हुआ मामला

यह मालमा शुरू हुआ है समाजवादी छात्रसभा की बीएचयू इकाई के एक छात्रनेता आशुतोष सिंह की गिरफ्तारी से. करीब महीने भर पहले आईआईटी-बीएचयू के कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों ने हंगामा किया था. जिसके बाद अब पुलिस ने इसी मामले में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के बेटे आशुतोष सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और देखते ही देखते उनके प्रदर्शन ने आगजनी का रूप ले लिया. उग्र छात्रों ने बीएचयू में मरीजों के परिजनों की दर्जनों गाड़ियां भी तोड़ दीं.

गाड़ियों में तोड़फोड़ करने और अगजनी करने...

शिक्षा का मंदिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर से सुर्खियों में छा गया है. बीएचयू में सितंबर महीने में छात्राओं पर लाठी चार्ज के बाद हिंसा हुई थी. बुधवार को एक बार फिर से तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं. इस घटना में सर सुंदर लाल चिकित्सालय से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. यहां तक कि मंदिर के एक एटीएम पर भी पथराव कर के शीशे तोड़ दिए गए. शरारती तत्वों ने स्कूल की बस को भी नहीं छोड़ा और उसे आग के हवाले कर दिया. सवाल यह है कि यह हंगामा शुरू कैसे हुआ और इसने ऐसा विकराल रूप कैसे ले लिया? आखिर पढ़ाई करने वाले छात्र इतने उग्र कैसे हो जाते हैं? क्या वाकई में यह हरकत छात्रों की ही होती है या फिर कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा करते हैं?

जिस समय स्कूली बस पर पत्थरबाजी शुरू हुई, उस समय बच्चे भी उसमें सवार थे. बच्चे जल्दी-जल्दी उतरे, जिसके बाद हंगामा कर रहे लोगों ने बस को आग लगा दी.

डीजे नाइट से शुरू हुआ मामला

यह मालमा शुरू हुआ है समाजवादी छात्रसभा की बीएचयू इकाई के एक छात्रनेता आशुतोष सिंह की गिरफ्तारी से. करीब महीने भर पहले आईआईटी-बीएचयू के कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों ने हंगामा किया था. जिसके बाद अब पुलिस ने इसी मामले में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के बेटे आशुतोष सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और देखते ही देखते उनके प्रदर्शन ने आगजनी का रूप ले लिया. उग्र छात्रों ने बीएचयू में मरीजों के परिजनों की दर्जनों गाड़ियां भी तोड़ दीं.

गाड़ियों में तोड़फोड़ करने और अगजनी करने वाले छात्रों ने अपने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था, जिसकी वजह से अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है.

मुंह पर कपड़ा बांधे लगाते रहे गाड़ियों को आग

सूचना के अनुसार गाड़ियों में तोड़फोड़ करने और अगजनी करने वाले छात्रों ने अपने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था, जिसकी वजह से अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. हंगामा कर रहे शरारती तत्वों ने सीसीटीवी तक उखाड़ दिए. बताया जा रहा है कि जिस समय स्कूली बस पर पत्थरबाजी शुरू हुई, उस समय बच्चे भी उसमें सवार थे. बच्चे जल्दी-जल्दी बस से उतरे, जिसके बाद हंगामा कर रहे लोगों ने बस को आग के हवाले कर दिया. फिलहाल बीएचयू कैंपस में भय का माहौल बना हुआ है.

23 सितंबर की रात को पुलिस ने छात्राओं पर लाठीचार्ज भी किया था, जिसके बाद भी हिंसा हुई थी.

जब छात्राओं पर भांजी गई थी लाठियां

इससे पहले 21 सितंबर 2017 को भी बीएचयू का माहौल बिगड़ा था, जब कुछ छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हुई थी. शाम करीब 7 बजे छात्राएं हॉस्टल की ओर जा रही थीं, तभी कुछ लड़कों ने उनके साथ छेड़खानी की. वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ये सब खड़ा देखता रहा, लेकिन कुछ नहीं किया। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. 23 सितंबर की रात को पुलिस ने छात्राओं पर लाठीचार्ज भी किया था, जिसके बाद भी हिंसा हुई थी. इस घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. पुलिस ने इस मामले में करीब 1000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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