लालू यादव ने दो टूक शब्दों में यह फैसला सुना दिया है कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. लालू के अनुसार एफआइआर को आधार बनाकर इस्तीफा नहीं लिया जा सकता. लालू के इस बयान के बाद गेंद अब नीतीश कुमार के पाले में हैं. नीतीश की पार्टी ने राजद को तेजस्वी पर फैसला लेने के लिए चार दिनों का समय दिया था. चार दिन की मियाद आज ख़त्म हो चुकी है.
अब नीतीश को ये फैसला करना है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भी नीतीश तेजस्वी को अपने मंत्रिमंडल में रखना पसंद करेंगे? नीतीश का यह फैसला बिहार में महागठबंधन के भविष्य के साथ ही इस गठबंधन से जुड़े तीनों दल- जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का भी भविष्य तय करेगी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कल होने वाले बैठक के बाद नीतीश कुमार कुछ चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं?
मगर लालू के तर्क पर भी ध्यान दें तो उसे भी गलत नहीं ठहराया जा सकता. क्योंकि पूरे देश में ऐसे कम ही उदाहरण होंगे जहाँ नैतिकता के आधार पर किसी मंत्री ने एफआइआर दर्ज होने पर इस्तीफा दे दिया हो. तो ऐसे में सवाल यही है कि क्या...
लालू यादव ने दो टूक शब्दों में यह फैसला सुना दिया है कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. लालू के अनुसार एफआइआर को आधार बनाकर इस्तीफा नहीं लिया जा सकता. लालू के इस बयान के बाद गेंद अब नीतीश कुमार के पाले में हैं. नीतीश की पार्टी ने राजद को तेजस्वी पर फैसला लेने के लिए चार दिनों का समय दिया था. चार दिन की मियाद आज ख़त्म हो चुकी है.
अब नीतीश को ये फैसला करना है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भी नीतीश तेजस्वी को अपने मंत्रिमंडल में रखना पसंद करेंगे? नीतीश का यह फैसला बिहार में महागठबंधन के भविष्य के साथ ही इस गठबंधन से जुड़े तीनों दल- जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का भी भविष्य तय करेगी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कल होने वाले बैठक के बाद नीतीश कुमार कुछ चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं?
मगर लालू के तर्क पर भी ध्यान दें तो उसे भी गलत नहीं ठहराया जा सकता. क्योंकि पूरे देश में ऐसे कम ही उदाहरण होंगे जहाँ नैतिकता के आधार पर किसी मंत्री ने एफआइआर दर्ज होने पर इस्तीफा दे दिया हो. तो ऐसे में सवाल यही है कि क्या नीतीश अपनी छवि के लिए महागठबंधन को संकट में डाल देंगे या तेजस्वी के आरोप के सिद्ध होने तक इंतजार करेंगे?
तो अब देखना होगा की नीतीश आगे क्या फैसला लेते हैं. हालांकि इसकी संभावना कम ही है कि वो महागठबंधन को छोड़ भाजपा का दामन थामें.
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