• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

अटल बिहारी वाजपेयी की वसीयत भी उनकी महानता को दर्शाती है

    • आईचौक
    • Updated: 18 अगस्त, 2018 01:15 PM
  • 18 अगस्त, 2018 01:15 PM
offline
अपनी अंतिम यात्रा पर उत्सव मनाने का सुझाव अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान शख्सियत ही दे सकता था.

'काल के कपाल पर लिखने मिटाने वाले' एक ओजस्वी वक्ता और सर्वमान्य नेता अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं रहे. अटल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा, हर कोई इस महान आत्मा के अंतिम दर्शन करना चाहता था. विशाल जनसैलाब और अटल बिहारी वाजपेयी 'अमर रहें' के गगनचुंबी नारों के बीच लोगों का भारी हुजूम स्मृति स्थल की और बढ़ता चला जा रहा था. लोग अपनी भावनाओं को चाह कर भी काबू नहीं कर पा रहे थे.

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अंतिम यात्रा पर उत्सव मनाने का सुझाव दिया था.

अटल बिहारी वाजपेयी एक कालजयी नेता थे जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई बार मौत का नजदीक से दीदार किया था. लेकिन मौत के बारे में उनके विचार जानकर आप की नजरों में उनका सम्मान पहले से कई गुना बढ़ जायेगा. ऐसे तो उन्होंने मौत से हुई अपनी मुठभेड़ पर कई कविताएं लिखीं लेकिन एक कविता ऐसी है जिससे कोई भी उनके विराट व्यक्तित्व का मुरीद हो जाए. मौत पर मातम मनाने की परम्परा को छोड़कर उत्सव मनाने का संकल्प कोई महान आत्मा ही कर सकता है.

तन पर पहरा, भटक रहा मन,

साथी है केवल सूनापन,

बिछुड़ गया क्या किसी का,

क्रंदन सदा करुण होता है।

जन्मदिवस पर हम इठलाते,

क्यों न मरण-त्योहार मनाते,

अंतिम यात्रा के अवसर पर,

आंसू का अपशकुन होता है।

अंतर रोए, आंख न रोए,

धुल जाएंगे स्वप्न संजोए,

छलना भरे विश्व में

केवल सपना ही तो सच होता है।

इस जीवन से मृत्यु भली है,

आतंकित जब गली-गली...

'काल के कपाल पर लिखने मिटाने वाले' एक ओजस्वी वक्ता और सर्वमान्य नेता अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं रहे. अटल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा, हर कोई इस महान आत्मा के अंतिम दर्शन करना चाहता था. विशाल जनसैलाब और अटल बिहारी वाजपेयी 'अमर रहें' के गगनचुंबी नारों के बीच लोगों का भारी हुजूम स्मृति स्थल की और बढ़ता चला जा रहा था. लोग अपनी भावनाओं को चाह कर भी काबू नहीं कर पा रहे थे.

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अंतिम यात्रा पर उत्सव मनाने का सुझाव दिया था.

अटल बिहारी वाजपेयी एक कालजयी नेता थे जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई बार मौत का नजदीक से दीदार किया था. लेकिन मौत के बारे में उनके विचार जानकर आप की नजरों में उनका सम्मान पहले से कई गुना बढ़ जायेगा. ऐसे तो उन्होंने मौत से हुई अपनी मुठभेड़ पर कई कविताएं लिखीं लेकिन एक कविता ऐसी है जिससे कोई भी उनके विराट व्यक्तित्व का मुरीद हो जाए. मौत पर मातम मनाने की परम्परा को छोड़कर उत्सव मनाने का संकल्प कोई महान आत्मा ही कर सकता है.

तन पर पहरा, भटक रहा मन,

साथी है केवल सूनापन,

बिछुड़ गया क्या किसी का,

क्रंदन सदा करुण होता है।

जन्मदिवस पर हम इठलाते,

क्यों न मरण-त्योहार मनाते,

अंतिम यात्रा के अवसर पर,

आंसू का अपशकुन होता है।

अंतर रोए, आंख न रोए,

धुल जाएंगे स्वप्न संजोए,

छलना भरे विश्व में

केवल सपना ही तो सच होता है।

इस जीवन से मृत्यु भली है,

आतंकित जब गली-गली है।

मैं जब भी रोता आसपास जब

कोई कहीं नहीं होता है।

दूर कहीं कोई रोता है।

जन्मदिवस पर जब हम उत्सव मना सकते हैं तो मृत्यु दिवस को त्योहार की तरह क्यों नहीं मना सकते. वाजपेयी जी की ये कविता उनके अंतिम दर्शन में शामिल लोगों को भी एक भावनात्मक सन्देश देती है. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी पूरी जिंदगी में कविताओं का विशाल संग्रह किया. मौत और अंतिम यात्रा को लेकर उनकी लिखी गयी ये कविता ही उनकी वसीयत है जो युगों-युगों तक उनकी मौजूदगी का एहसास कराती रहेगी.

कंटेंट- विकास कुमार (इंटर्न- आईचौक)

ये भी पढ़ें -

अटल बिहारी वाजपेयी का पहला अध्यक्षीय भाषण जिसने देश में हलचल मचा दी

अटल के निधन पर भारत के साथ पाकिस्तान भी रोया

'मेरे अटल जी', जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिवंगत नेता के बारे में लिखा


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲