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8 नवंबर से शुरू हुआ तनाव 26 नवंबर के बाद राहत देगा !

    • प्रवीण मिश्रा
    • Updated: 23 नवम्बर, 2016 08:32 PM
  • 23 नवम्बर, 2016 08:32 PM
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भारत के प्रधानमंत्री ने नोट बंदी के बारे में बोलना शुरु किया उस समय धनिष्ठा नक्षत्र जिसका स्वामी मंगल है जो निडर हो कर कड़े फैसले लेने के लिए जाना जाता है और प्रधानमंत्री ने बहुत ही साहसिक फैसला लिया.

भारत के प्रधानमंत्री ने हजार और पांच सौ के नोट बंद करने की घोषणा 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे से करना शुरु की थी अंक ज्योतिष के अनुसार यहां मूलांक 8 है जिसका संबंध शनि ग्रह से है. शनि को न्याय का देवता माना जाता है जो जज की तरह फैसला सुनाते हैं और दोषियों को दण्ड देते हैं. शनि के प्रभाव की वजह से जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है. ज्यादा मेहनत के बाद काम बनते हैं, नोट बंदी के फैसले के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई, काफी मश्क्कत के बाद नए नोट मिल रहे हैं.

 26 नवंबर से और ज्यादा राहत मिलना शुरु हो जाएगी

प्रधानमंत्री ने रात को 8 बजे बोलना शुरू किया यहां भी मूलांक 8 होने की वजह से शनि का दोहरा प्रभाव हुआ, पैसे निकालने के लिए लोगों को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है. यदि 8-11-2016 को जोड़ दें (8+11+2016=1) तो 1 नंबर बनता है यानि भाग्यांक 1 हुआ, जिसका संबंध सूर्य ग्रह से है जो ग्रहों का राजा माना जाता है सूर्य मान-यश दिलाता है और लीडरशिप का गुण प्रदान करता है, ये नोट बंदी आम आदमी के लिए ये एक अवसर भी है अपने मन चाहे क्षेत्र में सफलता पाने के लिए खूब मेहनत करने का, संघर्ष करके आगे बढ़ने का, अपने भाग्य को चमकाने का, अंक ज्योतिष के अनुसार 26-11- 2016 को फिर मूलांक 8 होगा और भाग्यांक 1 होगा और आम जनता को राहत मिलना शुरु हो जाएगी.

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भारत के प्रधानमंत्री ने हजार और पांच सौ के नोट बंद करने की घोषणा 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे से करना शुरु की थी अंक ज्योतिष के अनुसार यहां मूलांक 8 है जिसका संबंध शनि ग्रह से है. शनि को न्याय का देवता माना जाता है जो जज की तरह फैसला सुनाते हैं और दोषियों को दण्ड देते हैं. शनि के प्रभाव की वजह से जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है. ज्यादा मेहनत के बाद काम बनते हैं, नोट बंदी के फैसले के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई, काफी मश्क्कत के बाद नए नोट मिल रहे हैं.

 26 नवंबर से और ज्यादा राहत मिलना शुरु हो जाएगी

प्रधानमंत्री ने रात को 8 बजे बोलना शुरू किया यहां भी मूलांक 8 होने की वजह से शनि का दोहरा प्रभाव हुआ, पैसे निकालने के लिए लोगों को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है. यदि 8-11-2016 को जोड़ दें (8+11+2016=1) तो 1 नंबर बनता है यानि भाग्यांक 1 हुआ, जिसका संबंध सूर्य ग्रह से है जो ग्रहों का राजा माना जाता है सूर्य मान-यश दिलाता है और लीडरशिप का गुण प्रदान करता है, ये नोट बंदी आम आदमी के लिए ये एक अवसर भी है अपने मन चाहे क्षेत्र में सफलता पाने के लिए खूब मेहनत करने का, संघर्ष करके आगे बढ़ने का, अपने भाग्य को चमकाने का, अंक ज्योतिष के अनुसार 26-11- 2016 को फिर मूलांक 8 होगा और भाग्यांक 1 होगा और आम जनता को राहत मिलना शुरु हो जाएगी.

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तारीख- 8-11-2016समय- 8 बजे रातस्थान- दिल्ली

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिस समय भारत के प्रधानमंत्री ने नोट बंदी के बारे में बोलना शुरु किया उस समय की यदि कुंडली बनाई जाए तो मिथुन लग्न की कुंडली बनती है. लग्न का स्वामी बुध है  जिसका संबंध व्यापार, धन, बुद्धि और एकाउंटिंग से है, राशि कुंभ है और राशि के स्वामी हैं शनिदेव, जो हर कार्य में देरी से रिजल्ट देने के लिए प्रसिद्ध हैं. रात 8 बजे जब प्रधानमंत्री ने बोलना शुरु किया उस समय धनिष्ठा नक्षत्र था, धनिष्ठा नक्षत्र का संबंध धन से है और पूरा भाषण धन पर ही केंद्रित था, धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल है जो निडर हो कर कड़े फैसले लेने के लिए जाना जाता है और प्रधानमंत्री ने बहुत ही साहसिक फैसला लिया.

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे थे उस समय 9वीं तिथि थी और रिक्ता तिथि होने की वजह से कई लोगों के खजाने रिक्त होंगे या खाली होने की संभावना है, करण- बालव था, बालव का अर्थ बालक है इसलिए जिन घरों में छोटे बच्चे हैं उन घरों में नोट बंदी की वजह से परेशानी कुछ कम होगी. व्यवहारिक नजरिए से देखें तो इसकी एक वजह बच्चों का पिगीबैंक है जिसमें 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये के नोट और बहुत सारे सिक्के मिल जाएंगे जिससे खुल्ले पैसे की समस्या उन घर में नहीं होगी. वहीं दूसरी ओर यदि घर में ज्यादा पुराने नोट हैं तो बच्चों का खाता भी बैंक में खोला जा सकता है और उनके एकाउंट में भी पैसे जमा किए जा सकते हैं इसलिए जिन घरों में बच्चे हैं वहां कुछ राहत रहेगी.

8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे का समय लेकर बनाई गई कुंडली का यदि गहराई से विश्लेषण किया जाए तो ये स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि कुंडली में चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र में है धनिष्ठा नक्षत्र सीधे रूप से धन से संबंधित माना जाता है और इसका स्वामी मंगल है इसलिए धन से संबंधित कड़ा फैसला हुआ वहीं मिथुन लग्न है और उसका स्वामी बुध तीव्र बुद्धि, गणना, व्यापार से संबंध रखता है.

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ये फैसला बहुत सोच-समझ कर लिया गया, तो बिना तीव्र बुद्धि के संभव नहीं है इसमें हर नजरिए से दीर्घकालीन लाभ को ध्यान में रखा गया है, चंद्रमा कुंभ राशि में है और राशि का स्वामी शनि है, शनि ग्रह का संबंध सामान्य लोग यानि आम जनता से होता है और शनि कठोर परिश्रम के बाद फल देने के लिए जाने जाते हैं इसलिए आम जनता को थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है.

धनिष्ठा नक्षत्र होने से नोट बंदी की घोषणा के 18 दिन बात यानि 26 नवंबर 2016 से हालात सुधरने शुरु हो जाएंगे. शनि और धनिष्ठा नक्षत्र का प्रभाव आम जनता के धन को सुरक्षित रखेगा इसलिए आमजनमास को परेशान होने की बिल्कुल आवश्यता नहीं है बस कुछ दिन धैर्य रखने की सलाह दी जाती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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